ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे लाने और उन्हें सुविधाएं प्रदान कर अपने विषय में माहिर बना उन्हें अवसर देने का कार्य देश की अग्रणी धातु और खनीज कंपनी हिन्दुस्तान जिंक बढ़चढ़ कर निभा रही है। देश के सर्वोच्च इंजीनियरिंग काॅलेज में चयनित छात्रों की बात हो, एसजीएफआई और सुब्रोतो कप में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने का गौरव हो शिक्षा संबंल कार्यक्रम ग्रामीण और शहरी प्रतिभाओं को लक्ष्य के लिए दक्ष बना रहा है।
शिक्षा संबंल कार्यक्रम से जुडें ग्रामीण क्षेत्र में अध्ययन कर रहे छात्रों के परिणाम में अभूतपूर्व सुधार की बात हो, यह उपलब्धियां बताती है कि आने वाले समय में ये ‘शिष्य‘ अपने विषय और हुनर के गुरू साबित होगें। कोरोना महामारी के दौरान सभी छात्रों को ईलर्निंग और ऑनलाईन कक्षाओं के माघ्यम से जोड कर नियमित कक्षाएं और गतिविधियां आयोजित की जा रही है।
हिन्दुस्तान जिंक द्वारा अपने शिक्षा संबल कार्यक्रम में ग्रामीण विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम में सुधार हेतु विषय अध्यापक उपलब्ध कराना, उंची उड़ान कार्यक्रम में आईआईटी की कोचिंग, उच्च शिक्षा के लिए सुविधा, आवासीय शिविरों, आधुनिक शिक्षा के लिए माइंड स्पार्क, ग्रामीण फुटबाॅल खेल प्रतिभाओं के लिए जिंक फुटबाॅल अकादमी एवं ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों के शिक्षा, स्वास्थ्य और सुपोषण के लिए सरकार के साथ मिलकर कार्यक्रम का संचालन कर रहा है।
दिलीप परिहार सहायक निदेशक सीएसआर, निदेशालय माध्यमिक शिक्षा राजस्थान, बीकानेर ने हिन्दुस्तान जिंक के सामाजिक सहभागिता के क्षेत्र में कार्यक्रमो की सराहाना करते हुए बताया कि कौशल विकास या आंगनवाडी से लेकर स्कूल शिक्षा तक हिन्दुस्तान जिंक एवं वेदांता समूह द्वारा राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में किए गये नवाचारों से राज्य ही नही वरन देश में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है। शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देने वाले सभी साथियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने बताया कि “ हम ग्रामीण छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में कार्य कर रहे है जिससे उनका सर्वागीण विकास हो सके। हमारी पहल शिक्षा के लिए अनुकूल वातावरण बनाने में सहायक है जिससे देश की भावी पीढी में सीखने और साझा करने की प्रवृति और ठहराव सुनिश्चित होगा।
शिक्षा संबल के माध्यम से वर्ष 2007 से हिंदुस्तान जिंक ने एक ऐसा मंच प्रदान किया है जो ग्रामीण छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने और भविष्य में देश के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़ने के उनके सपने को पूरा करने का प्रयास किया है। राजस्थान के 5 जिलों चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, राजसमंद, अजमेर और उदयपुर के 64 से अधिक राजकीय स्कूलों में पहुँच रहा है। जिसमें इस वर्ष, 7000 से अधिक छात्र लाभान्वित हुए हैं जिसे विद्या भवन सोसाइटी के सहयोग से शिक्षा की गुणवत्ता को मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है।
शिक्षा संबल कार्यक्रम के शिक्षकों तथा अकादमिक टीम द्वारा राजकीय शिक्षकों के साथ मिलकर विद्यार्थियों को अतिरिक्त सहयोग दिया जा रहा है। जिसके अंतर्गत समर कैम्प तथा विंटर कैम्प का आयोजन, अतिरिक्त तथा नियमित कक्षाओं की व्यवस्था, विद्यार्थियों को अतिरिक्त सहयोगी शिक्षण सामग्री तथा स्कूलों को पुस्तकालय व प्रयोगशाला हेतु पुस्तकें व सामाग्री प्रदान की जाती है और इनका उपयोग सुनिश्चित किया जाता है।
राजकीय शिक्षकों के साथ शिक्षा संबल कार्यक्रम का यह प्रयास कार्यक्रम में शामिल स्कूलों के बोर्ड परीक्षा परिणाम में दिखाई दे रहा है। पिछले पाच सालों में 10वीं का पास प्रतिशत 64 से 80 तथा प्रथम श्रेणी 14 से बढ़कर 22 प्रतिशत हुआ साथ ही आस पास के ऐसे स्कूल जो शिक्षा संबल से नहीं जुड़े हैं उनकी तुलना में इन स्कूलों का परिणाम औसतन 10 प्रतिशत बेहतर रहा है।
ऊंची उड़ान जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम के तहत आर्थिक रूप से वंचित चयनित विद्यार्थियों को आई.आई.टी. एवं अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग काॅलेजों में प्रवेश के लिए उत्कृष्ट कोचिंग प्रदान की जा रही है जिसे ऑनलाईन जारी रखा जा रहा है। यह उदयपुर में दो वर्षीय स्कूल एकीकृत आवासीय कोचिंग है। रेज़ोनेन्स एडवन्चर्स प्रा.लि. एवं विद्या भवन कोचिंग के लिए भागीदार संस्थाएं हैं। इन छात्रों को मार्गदर्शन के साथ 11वीं एवं 12वीं के छात्रों को फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं मैथ्स की नियमित पढ़ाई कराने की जिम्मेदारी भी पुरी की जा रही है। इस वर्ष सौ प्रतिशत परिणाम के साथ वर्तमान में 4 बैच में 123 विद्यार्थी इस कार्यक्रम में अध्ययनरत है।
माइंडस्पार्क कार्यक्रम 34 राजकीय विद्यालयों में पहली से आठवीं कक्षा के 6 हजार से अधिक छात्रों और 150 अध्यापकों को लाभ पहुंचा। इस कार्यक्रम से बच्चों को तैयार करने के लिए सरकारी स्कूलों को तकनीकी सहायता प्रदान की गयी। यह कार्यक्रम 2 विषयों हिंदी और गणित पर केंद्रित है जो है। एक डैशबोर्ड शामिल है जो छात्रों के आगे मार्गदर्शन के लिए शिक्षकों और स्कूल के कर्मचारियों के साथ साझा किया जाता है जिसमें लैपटॉप के साथ माइंड स्पार्क लैब स्थापित की गयीं।
जिंक फुटबॉल अकादमी ग्रामीण फुटबाॅल खिलाडियों के लिए अद्वितीय एफ-क्यूब तकनीक के साथ जमीनी स्तर पर उनका विकास कर रहा है। यह अकादमी देश में अपने प्रकार की एक मात्र हैं। जिंक फुटबाॅल अकादमी की टीम ने एसजीएफआई और सुब्रोतो कप में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया है। इस वर्ष जिंक फुटबाल युथ टूर्नामेंट का आयोजन किया गया जिसका पहला चरण पूरा हो चुका है। जिसके तहत् 2800 ग्रामीण एवं शहरी फुटबाॅल प्रतिभाओं ने भाग ले कर अपनी प्रतिभा दिखाई।
हिंदुस्तान जिंक द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग आईसीडीएस आंगनवाड़ी परियोजना के तहत् 3117 आंगनवाडियों में सहयोग कर 60 हजार से अधिक नौनिहालों के सर्वागिण विकास को सुनिश्चित किया जा रहा है। कोराना महामारी के अनिश्चित समय के दौरान भी आईसीडीएस विभाग और यूनिसेफ के साथ सभी आंगनवाड़ियों में ई-लर्निंग वीडियो प्रसारित करने के लिए सहयोग किया। लगभग 1910 से अधिक आंगनवाडी केंद्रो के बच्चों के 13000 से अधिक अभिभावक को व्हाट्सएप से जोडकर बच्चों में शाला पूर्व शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है।
जीवन तरंग जिंक के संग कार्यक्रम में 700 से अधिक विशेषयोग्यजन बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर तरह की सहायता के देने एवं सीखनें की क्षमता को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि ये बच्चे अपने परिवार के लिए आर्थिक रूप से सक्षम सदस्य बन सकें और सम्मानजनक जीवन जी सकें। हिन्दुस्तान जिंक ने नेत्रहीन लोगों के लिए टेकनाॅलोजी पर आधारित शिक्षा एवं मूक एवं बधिर बच्चों को साइन लैंग्वेज ट्रेनिंग एवं इनकी शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए सराहनीय कदम उठाएं हैं।
हिंदुस्तान जिंक इंजीनियरिंग करने वाले युवाओं के लिए यशद सुमेध योजना के तहत् छात्रवृत्ति प्रदान करता है। कंपनी वेदांता पोस्ट-ग्रेजुएट गर्ल्स कॉलेज, रिंगस में उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए अपने कार्य क्षेत्र के आसपास के गांवों की लड़कियों के लिए निःशुल्क अध्ययन करा रहा है।
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