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हिन्दुस्तान जिंक द्वारा भारत में पहली बार आॅडियो वर्णित ‘दंगल’ फिल्म का प्रदर्शन

हिन्दुस्तान जिंक ने 'जीवन तरंग जिंक़ के संग’ परियोजना के तहत दृष्टिहीन व्यक्तियों के लिए मनोरंजन क्षेत्र में एक सराहनीय पहल की है। इस पहल के तहत राजस्थान के नेत्रहीन लोगों के लिए सुपर हिट दंगल का आॅडियो वर्णित मूवी स्क्रीनिंग का थियेटर में पहली बार प्रदर्शित किया गया है। बाॅलीवुड फिल्मों को देखकर व्यक्ति मनोरंजन करते हैं, जिसमें दृष्टिहीन लोग भी शामिल है लेकिन ऐसे व्यक्ति जो स्क्रीन को देख नहीं सकते हैं वे केवल फिल्मों को समझ कर बोलने वाले संवादों को समझते हैं।

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हिन्दुस्तान जिंक द्वारा भारत में पहली बार आॅडियो वर्णित ‘दंगल’ फिल्म का प्रदर्शन 110 से अधिक दृष्टिहीन लोगों ने देखी आॅडियो वर्णित ’दंगल’ फिल्म

विशेष योग्यजन बच्चों के लिए ‘जीवन तरंग जिंक़ के संग’ कार्यक्रम के तहत हिन्दुस्तान जिंक द्वारा दृष्टिहीन लोगों के लिए आईनाॅक्स, उदयपुर में आॅडियो वर्णित ’दंगल’ फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

हिन्दुस्तान जिंक ने ‘जीवन तरंग जिंक़ के संग’ परियोजना के तहत दृष्टिहीन व्यक्तियों के लिए मनोरंजन क्षेत्र में एक सराहनीय पहल की है। इस पहल के तहत राजस्थान के नेत्रहीन लोगों के लिए सुपर हिट दंगल का आॅडियो वर्णित मूवी स्क्रीनिंग का थियेटर में पहली बार प्रदर्शित किया गया है। बाॅलीवुड फिल्मों को देखकर व्यक्ति मनोरंजन करते हैं, जिसमें दृष्टिहीन लोग भी शामिल है लेकिन ऐसे व्यक्ति जो स्क्रीन को देख नहीं सकते हैं वे केवल फिल्मों को समझ कर बोलने वाले संवादों को समझते हैं।

दिल्ली से बाहर सक्षम एनजीओ की सहायता से ट्रैकोन कम्यूनिकेशन्स ने आमिर खान की प्रमीशन से हाल ही में सभी सुपर हिट रिलेज फिल्मों का ’आॅडियो वर्णित’ प्रदान किया गया है। आॅडियो वर्णित फिल्में उनमें होती हैं जहां एक बोलने वाली फिल्म के मूक खंडों का वर्णन करता है ताकि दृष्टिहीन लोग फिल्म का सही ढंग से अनुसरण कर सकें। ज्ञातव्य रहे कि राजस्थान में एक बड़े स्तर पर (सिनेमा हाॅल में) पहली ब्लाईंड फिल्म की स्क्रीनिंग हुई है।

बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहे जाने वाले आमिर खान का मानना है कि ऐसी फिल्मों का समर्थन करना चाहिए। उनके प्रोडक्शन हाउस द्वारा निर्मित सभी फिल्में आॅडियो वर्णित है। इसके अलावा वह दूसरे फिल्म प्रोड्यूसर्स को भी प्रेरित करते हैं जो फिल्में सभी के लिए सुलभ बनाने तथा इसके अनुसरण से कार्य करते हैं।

हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुनील दुग्गल ने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक समाज के समग्र विकास के लिए सदैव प्रयासरत है। कंपनी विशेष योग्यजनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिये प्रयास कर रही है। इसी सदंर्भ में हिन्दुस्तान जिंक की ओर से नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए दंगल फिल्म (आॅडियो वणर्न के साथ) का प्रदर्शन किया गया है। मुझे प्रसन्नता है कि यह राजस्थान में इस प्रकार की प्रदर्शित होने वाली पहली फिल्म है। इस प्रयास के लिए आमिर खान प्रोडक्शंस को भी धन्यवाद देता हॅूं। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा देश में विशेष योग्यजन व्यक्तियों के विकास एवं उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए समर्थन अनुकरणीय है।

भारत का पहला आॅडियो डिस्क्राईबर, ट्रैकोन कम्यूनिकेशंस के श्री नरेन्द्र जोशी और सक्षम ट्रस्ट नयी दिल्ली ने बताया कि आमिर खान के समर्थन से ’तारे ज़मीन पर’ फिल्म रिलीज होने के बाद, उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनके प्रोडक्शन हाउस द्वारा निर्मित फिल्में हमेशा आॅडियो वर्णित ही होनी चाहिए।

हिन्दुस्तान जिंक द्वारा भारत में पहली बार आॅडियो वर्णित ‘दंगल’ फिल्म का प्रदर्शन

थियटर में फिल्म देखने वाले 5 से 30 वर्ष की आयु के 90 बच्चे एवं युवक तथा 30 से 60 वर्ष की आयु के 20 व्यक्ति थे।

दृष्टिहीन बच्चों के अलावा, उदयपुर के पुलिस अधीक्षक श्री राजेन्द्र प्रसाद गोयल, हिन्दुस्तान ज़िंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी-श्री अमिताभ गुप्ता, मुख्य कामर्शियल अधिकारी -श्री रामाकृष्णन काशीनाथ, प्रधान कार्यालय, जिंक स्मेल्टर देबारी एवं जावर खान के कर्मचारी एवं उनके परिजन तथा उदयपुर के कई गणमान्य अतिथियों सहित 250 लोगों ने फिल्म देखी एवं सराहना की।

प्रज्ञा चक्षु स्कूल के नेत्रहीन छात्र सचिन पालीवाल ने कहा कि आॅडियो वर्णित फिल्म मेरे लिए अदभूत थी एवं वास्तव में बहुत अच्छा अनुभव रहा। उदयपुर के दृष्टिहीन राजू ने कहा कि मैंने पहली बार मूवी सूनी है, आॅडियो वर्णित की सहायता से पूरी मूवी समझ में आयी। ’दंगल’ फिल्म देखने से बहुत प्ररेणा मिली।

हिन्दुस्तान जिंक के हेड-कार्पोरेट कम्यूनिकेशन पवन कौशिक ने बताया कि इन विशेष योग्यजन बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए 10 जनवरी, 2017 को हिन्दुस्तान जिंक के 51वें स्थापना दिवस पर ’जीवन तरंग जिंक के संग’ कार्यक्रम की औपचारिक शुरूआत की गयी थी जिससे हिन्दुस्तान जिंक की प्रचालन इकाइयों के आस-पास के क्षेत्र के विद्यालयों एवं सस्थानों की भागीदारी से 600 से ज्यादा बच्चें लाभाविन्त हो रहे हैं। इस परियोजना के तहत विशेष योग्यजन बच्चें जो कि सुन बोल नहीं सकतें, देख नहीं सकते या आम लोगों की तरह सोच समझ नहीं रखतें उन बच्चों को शामिल किया जाता है।

हम सभी इस कार्यक्रम के तहत इन विशेष योग्यजन बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर तरह की सहायता के लिए प्रतिबद्ध हो ताकि ये बच्चे अपने परिवार के सदस्य बन सकें और सम्मानजनक जीवन जी सकें। हिन्दुस्तान जिंक ने नेत्रहीन लोगों के लिए साइन लैंग्वेज ट्रेनिंग का शुभारंभ करना तथा नेत्रहीनों को तकनाॅलोजी पर आधारित शिक्षा एवं इनकी शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए सराहनीय कदम उठाएं हैं।

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