गृह मंत्री, गुलाबचन्द कटारिया ने किया मात्स्यकी महाविद्यालय के भवन का लोकार्पण


गृह मंत्री, गुलाबचन्द कटारिया ने किया मात्स्यकी महाविद्यालय के भवन का लोकार्पण

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक ‘‘मात्स्यकी महाविद्यालय‘‘, उदयपुर के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण, सोमवार को माननीय गृह मंत्री, राजस्थान सरकार, श्रीमान गुलाबचन्द जी कटारिया के कर कमलों द्वारा किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय गृह मंत्री, राजस्थान सरकार, श्रीमान गुलाबचन्द जी कटारिया ने मात्स्यकी महाविद्यालय के भवन के लोकार्पण के साथ […]

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गृह मंत्री, गुलाबचन्द कटारिया ने किया मात्स्यकी महाविद्यालय के भवन का लोकार्पण

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक ‘‘मात्स्यकी महाविद्यालय‘‘, उदयपुर के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण, सोमवार को माननीय गृह मंत्री, राजस्थान सरकार, श्रीमान गुलाबचन्द जी कटारिया के कर कमलों द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय गृह मंत्री, राजस्थान सरकार, श्रीमान गुलाबचन्द जी कटारिया ने मात्स्यकी महाविद्यालय के भवन के लोकार्पण के साथ ही महाविद्यालय की वैबसाइट ‘‘डब्लू.डब्लू.डब्लू.सीओएफ.एसी.इन‘‘ भी जारी की। माननीय मंत्री जी ने अध्यापन को एक सम्मानित पेशे का दर्जा देते हुऐ कहा कि शिक्षक ही राष्ट्र निर्माता होता है तथा उसे यह कार्य पूरी लगन व ईमानदारी से करना चाहिये। उन्होने विश्वविद्यालय परिवार, महाविद्यालय एवं विद्यार्थियों को नवनिर्मित भवन एवं परीक्षा मे सफलता के लिए बधाई दी एवं विद्यार्थियों को समय के सदुपयोग और मात्स्यकी के माध्यम से क्षेत्र के विकास का अव्हान भी किया।

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे, कृषि विष्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. पी. के. दषोरा ने बताया कि इस महाविद्यालय की स्थापना सरोवर विज्ञान व मात्स्यकी विभाग के क्रमोन्नत होने से हुई थी जिसमे प्रो. वी. एस. दुर्वे का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने प्रदेश के झीलों के संरक्षण व मात्स्यकी के क्षेत्र मे महाविद्यालय के योगदान पर भी प्रकाश ड़ाला। प्रो. दशोरा ने महाविद्यालय की नारू उन्मूलन, भाभा परमाणु अनंुसंधान केंद्र मुम्बई द्वारा प्रायोजित परियोजनाओं, राष्ट्रीय स्तर की सेमानार के आयोजन व बहुरंगी मछली पालन सहित अनेक उपलब्धियॉं गिनाते हुऐ अपेक्षा की कि वह शिक्षण-प्रशिक्षण के माध्यम से जलकृषि के द्वारा स्वरोजगार के सृजन मे अपना योगदान करेगा।

मात्स्यकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रोफेसर ओ. पी. शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया एवं महाविद्यालय के विकास, गतिविधियों तथा उपलब्धियों के बारे मे बताया। प्रो. सुबोध शर्मा व ड़ॉ. एम.एल ओझा ने महाविद्यालय की वैबसाइट पर जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के सह अधिष्ठाता छात्र कल्याण एवं एनएसएस प्रभारी प्रो. बी. के. शर्मा ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय की स्थापना मे महत्वपूर्ण योगदान के लिये सरोवर विज्ञान व मात्स्यकी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. वी. एस. दुर्वे एवं महाविद्यालय के प्रथम अधिष्ठाता प्रोफेसर एल.एल. शर्मा को सम्मानित भी किया गया। धन्यवाद कुलसचिव ड़ॉ. जी. एस. तिवारी ने ज्ञापित किया।

इस अवसर पर उदयपुर के गणमान्य नागरिक, कोटा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. मधुसूदन शर्मा, पूर्व अधिष्ठाता प्रो. वी.एन. जोशी, प्रो. विमल शर्मा, प्रषासनिक अधिकारी, मत्स्य विभाग एवं विष्वविद्यालय के अधिकारी- कर्मचारी, कुलसचिव ड़ॉ. जी. एस. तिवारी, वित्तनियंत्रक श्री ड़ी. एन. पुरोहित, निदेशक- प्रो. आर.सी. पुरोहित, प्रो. जी. एस. आमेटा, प्रो. आई. जे माथुर, प्रो.आर.ऐ. कौशिक, अधिष्ठाता प्रो.एस.आर. मालू, प्रो. बी.पी. नन्दवाना, प्रो. आरती सांखला, प्रो. एल. के. मुर्डि़या, विभागाध्यक्ष, प्राचार्य तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।

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