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उद्यानिकी वैज्ञानिक करेंगे फल उत्पादन पर मंथन

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली, के सौजन्य से परियोजना केन्द्र भारतीय बागवानी अनुसंधान बेंगलुरू द्वारा महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विष्वविद्यालय, उदयपुर के तत्वधान में 4 दिवसीय, द्वितीय अखिल भारतीय फल अनुसंधान कार्यषाला अनुसंधान निदेषालय में, दिनांक 26 फरवरी से 1 मार्च 2015 तक आयोजित की जाएगी।

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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली, के सौजन्य से परियोजना केन्द्र भारतीय बागवानी अनुसंधान बेंगलुरू द्वारा महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विष्वविद्यालय, उदयपुर के तत्वधान में 4 दिवसीय, द्वितीय अखिल भारतीय फल अनुसंधान कार्यषाला अनुसंधान निदेषालय में, दिनांक 26 फरवरी से 1 मार्च 2015 तक आयोजित की जाएगी।

यह अखिल भारतीय समन्वित फल अनुसंधान परियोजना, उद्यान विज्ञान विभाग (रा.कृ.म.) मे संचालित की जा रही है। कार्यषाला के दौरान परिचर्चा में भारतवर्ष के जाने-माने लगभग 200 उद्यानिकी व फल विषेषज्ञ वैज्ञानिक भाग लेगें।

कुलपति महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विष्वविद्यालय, उदयपुर प्रो. ओ.पी. गिल ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली, के सौजन्य से भारतीय बागवानी अनुसंधान केंद्र बेंगलुरू द्वारा महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विष्वविद्यालय, उदयपुर मे इस कार्यषाला का आयोजन किया जाना विष्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस मंथन से विभिन्न राज्यों के किसानों के हितार्थ क्षेत्र अनुसार विभिन्न फलों की उत्पादकता व गुणवत्ता में बढ़ोतरी हेतु सिफारिषें एवं फलों के निर्यात की सम्भावनाएं तलाषी जाऐंगी जिससे किसानों एवं देष के आर्थिक विकास में सहयोग मिलेगा।

निदेषक कृषि अनुसंधान, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विष्वविद्यालय, उदयपुर, डॉ. पी.एल. मालीवाल ने बताया कि इस कार्यषाला मे देष के विभिन्न राज्यों के 39 केन्द्रों पर आम, अमरूद, नींबू वर्गीय, केला, चीकू, पपीता, अंगूर, कटहल, लीची आदि नौ प्रमुख फलों पर चल रहे अनुसंधान कार्यों पर हुई प्रगति पर समूह परिचर्चा में विभिन्न आयाम जैसे जनन द्रव्य प्रबन्धन, किस्म सुधार, फसल सघनता, प्रवर्द्वन, मूलवृंत, पोषण व जल प्रबन्धन, पादप संरक्षक व मूल्य संवर्द्वन के साथ कीट एवं रोग प्रबन्धन पर प्रगति प्रस्तुत करेगें तथा आगे की अनुसंधान योजना को क्रियान्वित करेगें।

डॉ. रामअवतार कौषिक प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष एवं फल अनुसंधान परियोजना अधिकारी, उद्यान विभाग विभाग ने बताया कि इस अखिल भारतीय कार्यषाला में डॉ. एस.के. मल्होत्रा, उद्यानिकी कमिष्नर कृषि मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली, डॉ. एन.के. कृष्ण कुमार, उपनिदेषक (उद्यान विज्ञान), डॉ. के. अलगुसुन्दरम उपनिदेषक (कृषि अभियान्त्रिकी), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली, परियोजना समन्वयक, डॉ. प्रकाष पाटील, आई.आई.एच.आर., बेंगलुरू, डॉ. एम.एम. मुक्ताफ, निदेषक राष्ट्रीय केला अनुसंधान संस्थान त्रिची, डॉ. एस. के. शर्मा, निदेषक, केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, बीकानेर, डॉ. मंजूनाथ राय, निदेषक भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरू, डॉ. एन.एस. लडानिया, निदेषक केन्द्रीय नींबू वर्गीय फल अनुसंधान संस्थान, नागपुर, डॉ. विषालनाथ, निदेशक राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र, मुजफ्फरपुर आदि विष्व विख्यात वैज्ञानिक भाग लेगें।

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