महाराणा भूपाल अस्पताल में मानवता शर्मसार

महाराणा भूपाल अस्पताल में मानवता शर्मसार

उदयपुर के महाराणा भूपाल चिकित्सालय में बुधवार की रात इंसानियत को शर्मसार करने वाली रात थी। एक मृत मासूम बच्ची की मां दर-बदर भटकती रही और धरती पर भगवान कहे जाने वाले चिकित्सको ने ज

 

महाराणा भूपाल अस्पताल में मानवता शर्मसार

उदयपुर के महाराणा भूपाल चिकित्सालय में बुधवार की रात इंसानियत को शर्मसार करने वाली रात थी। एक मृत मासूम बच्ची की मां दर-बदर भटकती रही और धरती पर भगवान कहे जाने वाले चिकित्सको ने जो व्यवहार किया वह न सिर्फ अमानवीय बल्कि आहत करने वाला था। रात को ही बच्ची को ले जाने का हवाला देते हुए उसे मृत बच्ची सहित ‘गहन चिकित्सा ईकाई’ से बाहर निकाल दिया। चार दिन पहले पति भी महिला और बीमार बच्ची को छोड़कर चला गया और फिर वापस नहीं आया। उदयपुर में यह महिला किसी को भी नहीं जानती थी और पति के मोबाइल नम्बर तक उसके पास नहीं थे। ऐसे में सुबह 10 बजे तक वह भटकती रही लेकिन अस्पताल प्रशासन पर कोई असर नहीं हुआ।

उल्लेखनीय है कि ‘महाराणा भूपाल चिकित्सालय, दक्षिणी राजस्थान और संभाग का सबसे बड़ा चिकित्सालय है। यहाँ ईलाज के लिए पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से भी मरीज आते हैं। रोजाना सैंकड़ों मरीजों का ईलाज यहां होता है। लेकिन बुधवार की रात एक मां के लिए इस अस्पताल ने एक माँ के लिए काली रात बना डाली जिसके अंधियारे से निकल पाना उस मां के लिए शायद ही मुमकिन हो।

सुगना गमेती की डेढ़ साल की बच्ची के गले में संक्रमण की वजह से उसे बाल चिकित्सालय की गहन चिकित्सा ईकाई में रखा गया था। पति मदन गमेती महिला और बच्ची को छोड़कर उसी दिन चला गया जिस दिन उसे ईलाज के लिए अस्पताल में लाया था। पिछले चार दिनों से जिन्दगी और मौत से संघर्ष कर रही मासूम सीमा की मौत हो गई। देर रात उसे सूचना देने वाले चिकित्सकों ने शर्मिंदगी की सारी हदें पार करते हुए, रोती बिलखती सुगना की गोद में मृत बच्ची डाल दी और आईसीयू से बाहर निकाल दिया। यहाँ तक की मृत बच्ची की नाक से नली निकले बगैर ही माँ से अंगूठा लगाकर शव सौंप दिया। पूरी रात महिला अपनी बच्ची का शव गोद में लिए बैठी रही सुबह 10 बजे तक किसी ने सुध नहीं ली।

Click here to Download the UT App

उदयपुर की एक स्वयं सेवी संस्था को इसकी जानकारी मिली तो तुरन्त मौके पर पंहुची और बच्ची के पंचनामे की कार्रवाई पूरी करवाई। बाद में आधार फाउण्डेशन के नरेंन्द्र सिंह उनके कार्यकर्ताओं के साथ पंहुचे और रोती बिलखती मां को ढांढस बंधाते हुए उसकी हर संभव मदद का आश्वासन दिया। वहीँ महिला का पति गायब ही रहा। चूँकि सुगना ने घर से भाग कर शादी की थी तो न सुगना के माँ बाप ने उसका साथ दिया न ही उसके सास ससुर ने साथ दिया। हालाँकि हाथीपोल पुलिस ने फटकार लगाकर उसके सास ससुर को बुलाकर शव उसके सुपुर्द किया।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal