उदयपुर 12 जनवरी 2022 । सीसा, जस्ता और चांदी के सबसे बड़े उत्पादक हिन्दुस्तान जिंक ने युवाओं की क्षमताओं में विश्वास रखने वाले स्वामी विवंकानंद जयंती के उपलक्ष्य में अपनी कौशल परियोजना के तहत राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन किया।
देबारी, दरीबा, चित्तौड़गढ़, अजमेर, भीलवाड़ा और पंतनगर परिचालन इकाइयों में प्रश्नोत्तरी, गेस्ट लेक्चर, पिक्चर मेकिंग, पोस्टर मेकिंग, एलुमनाई छात्रों की बैठक, सांस्कृतिक गतिविधियों, सेफ्टी स्पर्धाओं के साथ कवयित्री चंदा पाराशर के ऑनलाइन एवं ऑफलाइन आयोजित मोटीवेशनल सत्र में इकाइयों सहित आसपास के युवाओं ने हिस्सा लिया। समारोह में 280 से अधिक प्रशिक्षुओं को महत्वपूर्ण और प्रेरक कैरियर मार्गदर्शन दिया गया।
युवाओं के लिए कई रचनात्मक एवं मनोरंजनात्मक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। एक वर्चुअल एलुमनी मीट का आयोजन भी हुआ जहां प्रतिभागियों ने अपने प्रशिक्षण के अनुभवों के साथ विभिन्न संगठनों में अपने रोजगार के अनुभव व हिन्दुस्तान जिंक स्किल डवलपमेंट सेंटर में सीखे गए कौशल से उनके प्रदर्शन में हुए सुधार के बारे में बताया। ड्यूल वीईटी परियोजना के समन्वयक सुरेश कुमार ने भय से मुक्ति के विषय पर प्रशिक्षुओं को वर्चुअली अतिथि व्याख्यान दिया और उन्हें अपने लक्ष्यों की दिशा में छोटे लेकिन सार्थक प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया।
दरीबा कौशल विकास केन्द्र के प्रशिक्षुओं के छोटे समूह ने स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं पर एक झांकी प्रस्तुत की। साथ ही कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए लोगों को मास्क और पेन वितरित किए। प्रशिक्षुओं के विचार और उनकी रचनात्मकता बढ़ाने के लिए उनके लिए कैरियर फाइल मेकिंग स्पर्धा भी हुई।
प्रतियोगिता की अवधारणा उनकी रचनात्मकता के साथ उनके उद्देश्य और योजनाओं को फाइल में प्रदर्शित करना था। युवा शिक्षार्थियों ने पोस्टरों, अखबारों की कतरनों और फाइल में अन्य सामग्रियों की एक श्रृंखला के माध्यम से अपनी कलात्मक क्षमताओं का प्रदर्शन किया। गांव एवं राष्ट्र के विकास में युवाओं की भूमिका और उनसे जुड़ने और चर्चा करने के लिए एक वर्चुअली बैठक भी हुई।
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं के लिए बेरोजगारी प्राथमिक कठिनाइयों में से एक है। व्यक्तियों में वृद्धि और विकास के अवसरों में कमी आती है इसके परिणामस्वरूप वे अपने भविष्य को आकार देने के अवसर से चूक जाते हैं। हिन्दुस्तान जिक समस्या की भयावहता को पहचानता है इसलिए कंपनी अपने मूल सीएसआर के तहत स्किलिंग प्रोजेक्ट जैसे कार्यक्रमों से इसका समाधान कर रही है।
यह प्रोजेक्ट महिला-पुरूष दोनों को उद्योग प्रासंगिक कौशल प्राप्त करने, उसे विकसित करने और सम्बन्धित क्षेत्रों में रोजेगार हासिल करके आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बनाने में सहयोग करती है। कार्यक्रम में 18 से 35 वर्ष के युवा शिरकत करते हैं और इसमें स्कूल छोड़ देने वाले, बेरोजगार युवा शामिल हैं जो अपनी स्किल्स और विशेषज्ञता में सुधार चाहते हैं।
कंपनी का स्किलिंग सेन्टर रजिस्टर्ड प्रशिक्षुओं को उनके सम्बन्धित क्षेत्रों की तकनीकी समझ के साथ अंग्रेजी, कम्प्यूटर, और जीवन कौशल प्रशिक्षण के मामले में अत्यधिक समृद्ध अनुभव प्रदान करता है। प्रशिक्षु अपने प्रशिक्षण के दौरान कॉर्पोरेट यात्राओं, नौकरी पर प्रशिक्षण, गेस्ट लेक्चर और परियोजनाओं जैसी गतिविधियों में भाग लेते हैं। इसके अलावा कंपनी केन्द्रों के माध्यम से स्किल सेन्टर में दी गई स्किल्स में महिला आवेदकों के नामांकन का आश्वासन देकर लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
हिन्दुस्तान जिंक के कौशल प्रयासों के तहत पेश किए गए विभिन्न ट्रेड और स्किल्स में उद्यमिता विकास कार्यक्रम, जनरल ड्यूटी असिस्टेंट, माइक्रो फाइनेंस एग्जीक्यूटिव, असिस्टेंट इलेक्ट्रीशियन, सिक्योरिटी गार्ड, रिटेल सेल्स एग्जीक्यूटिव, डाटा एंट्री ऑपरेटर, कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट, फूड एंड बेवरेज सुविधाएं, फ्रंट ऑफिस एसोसिएट, बिजनेस डवलपमेंट एग्जीक्यूटिव, ऑटो सेल्स कंसलटेंट, ऑटो सर्विस टेक्नीशियन, ऑटोमोटिव सर्विस आदि शामिल हैं। बाजार की मांग के आधार पर कंपनी का इरादा अलग अलग ट्रेंड को शामिल कर परियोजना विस्तार का है। अगले पांच वर्षों में करीब दस हजार व्यक्तियों तक पहुंचने के लिए युवा विकास का लक्ष्य बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा कंपनी का लक्ष्य नवाचार और डिजीटलीकरण को प्राथमिकता देना है।
कंपनी ने अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन और टाटा स्ट्राइव के साथ भागीदारी की है जो ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास में सबसे आगे है। संगठनों ने स्थानीय युवाओं के लिए उनकी रूचि के क्षेत्रों के साथ उपलब्ध कैरियर के अवसर के तरीके निर्धारित करने के लिए एक मूल्यांकन अध्ययन किया।
इस विश्लेषण के आधार पर अल्पकालिक गहन प्रशिक्षण प्रदान करने के लक्ष्य के साथ 2019-20 में दरीबा और आगूचा में हिन्दुस्तान जिंक स्किल एंड एन्टरप्रेन्योरशिप डवलपमेंट इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई थी।
वर्तमान में अंबुजा सीमेंट फाउंडेशन ने कायड़ एवं दरीबा में चार अतिरिक्त केन्द्र शुरू किए है जबकि टाटा स्ट्राइव चंदेरिया और पंतनगर में पहल करने के प्रभारी हैं। इसकी स्थापना के बाद से 2500 प्रशिक्षुओं को विभिन्न शिल्पों में प्रशिक्षित किया गया है जिसमें 35 प्रतिशत महिला भागीदारी दर है और उनमें 1900 से अधिक को उनके सम्बन्धित क्षेत्रों में विभिन्न संगठनों में रखा गया है या वे स्व उ़द्यमी बन चुके हैं।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal