वैश्वीकरण का भारतीय समाज व संस्कृति पर प्रभाव
मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में ‘विस्तार व्याख्यान‘ का आयोजन किया गया। जिसका विषय ‘समाज और संस्कृति पर वैश्वीकरण का प्रभाव‘ था जिसके मुख्य वक्ता, राजस्थान विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष और डीन फैकल्टी ऑफ सोशल साइंस प्रो. एस. एल. शर्मा थे।
मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में ‘विस्तार व्याख्यान‘ का आयोजन किया गया। जिसका विषय ‘समाज और संस्कृति पर वैश्वीकरण का प्रभाव‘ था जिसके मुख्य वक्ता, राजस्थान विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष और डीन फैकल्टी ऑफ सोशल साइंस प्रो. एस. एल. शर्मा थे।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रो. फरीदा शाह, अधिष्ठाता कला महाविद्यालय थी। कार्यक्रम के प्रारम्भ में विभागाध्यक्ष प्रो. मोनिका नागोरी ने स्वागत की रस्म अदा करते हुए वैश्वीकरण में स्थानीय एवं क्षेत्रीय संस्कृति गांव की बात भी कही।
मुख्य वक्ता प्रो. शर्मा ने वैश्वीकरण को परिभाषित करते हुए कहा कि परिवार, विवाह व नातेदारी जैसी संस्थाएँ पुरे विश्व में है, यही वैश्वीकरण है लेकिन इनके प्रकार्य अलग-अलग है। समाज में परिवर्तन का कारण भी वैश्वीकरण है। साथ ही, इन्होंने बताया कि वैश्वीकरण के परिणाम को जानना आवश्यक है चाहे परिणाम सकारात्मक हो या नकारात्मक हो। वैश्वीकरण के नकारात्मक प्रभाव को बताते हुए कहा कि इसने परम्परागत बाजार को समाप्त किया है और मॉल संस्कृति को भी प्रभावित किया है।
प्रो. नरेश भार्गव ने वैश्वीकरण के सन्दर्भ में तीन में वैश्विक मुद्दों की बात कही कि दुनिया किसी मुद्दे को लेकर एक ही है, वैश्विक स्थानीय सोच की बात कही तथा अपने सारे व्यवसाय व संस्कृति को सारी दुनिया में फैलाने की बात कही।
विभाग द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं का भी पुरस्कार वितरण समारोह भी आयोजित किया गया। इसमें निबन्ध प्रतियोगिता में लोकेश वर्मा प्रथम मेघांशी जैन द्वितीय और बलवीर सिह मीणा और मो. सुहंल तृतीय स्थान पर रहे।
सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता में मेघांशी जैन व मोहनलाल दरांगी प्रथम, ममता कु. चुण्ड़ावत द्वितीय, जयेश चौहान और कन्हैयालाल मीणा तृतीय स्थान पर रहे। आशुभाषण प्रतियोगिता में मेघांशी जैन प्रथम, रौनक शर्मा द्वितीय, पवन सालवी और किरण छींपा तृतीय स्थान पर रहे। वाद-विवाद प्रतियोगिता में मेघांशी जैन, किरण छीपा द्वितीय, रौनक शर्मा, संजय सालवी और मनोहर लाल तृतीय, स्थान पर रहे।
अंत में प्रो. पी. एम. यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में डॉ. सी.एल. शर्मा, डॉ. नरेश भार्गव, डॉ. मोहन आडवाणी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन संगीता अठवाल ने किया।
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