रियल टाइम अकाउंटेंसी का प्रभाव बढा: गुरूमुर्ती
“1980 से पहले की स्थितियां कुछ और थी। उसके बाद लेखांकन के क्षे़त्र में जो परिवर्तन हुए उसका प्रभाव आज सभी के सामने है। लेखांकन प्रक्रिया में अब आईटी और एचआर जैसे कंसेप्ट भी जुड गए हैं। जबकि इससे पूर्व किताबी ज्ञान के आधार पर लेखांकन प्रक्रियाएं पूरी होती थी, जिसके कोई दीर्घगामी परिणाम भी नहीं होते थे”। - यह जानकारी इंस्टीटयूट ऑफ कोस्ट अकाउंटिंग आफ इंडिया के निदेषक एल गुरूमुर्ति ने दी।
“1980 से पहले की स्थितियां कुछ और थी। उसके बाद लेखांकन के क्षे़त्र में जो परिवर्तन हुए उसका प्रभाव आज सभी के सामने है। लेखांकन प्रक्रिया में अब आईटी और एचआर जैसे कंसेप्ट भी जुड गए हैं। जबकि इससे पूर्व किताबी ज्ञान के आधार पर लेखांकन प्रक्रियाएं पूरी होती थी, जिसके कोई दीर्घगामी परिणाम भी नहीं होते थे”। – यह जानकारी इंस्टीटयूट ऑफ कोस्ट अकाउंटिंग आफ इंडिया के निदेषक एल गुरूमुर्ति ने दी।
राजस्थान विद्यापीठ की ओर से लेखांकन पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराटीय सेमिनार में गुरूमूर्ति ने कहा कि, वर्तमान में रियल टाइम अकाउंटंसी का प्रभाव बढा है। इसके चलते अब सारे आंकडे हमें एक बटन पर उपलब्ध हो जते हैं। इसके अतिरिक्त पूर्व की स्थितियों आदि की भी मोटी जानकारी मिल जाती है।
कांफ्रेंस की आयोजन सचिव डॉ अनिता षुक्ला चेयरमेन डॉ सीपी अग्रवाल ने बताया कि कांफ्रेंस के दूसरे दिन तीन तकनीकी सत्रों में हुए 70 पत्रवाचन में कॉपरेट सोशल रेस्पांसिबिलिटी, एथिक्स एंड रेस्पांसिबिलिटी आदि पर चर्चा हुई।
बताया गया कि रविवार को सेमिनार का समापन होगा। इससे पूर्व तकनीकी स़त्र में प्रो जीएस राठौड, प्रो राजीव जैन, प्रो दिलीप वरगडे, डेविड क्यूबेक, प्रो जीएल दवे, प्रो हरविंदर सोनी, हर्षिता श्रीमाली आदि ने भी पत्रवाचन किया।
सेमिनार का समापन रविवार को दोपहर 12:15 बजे होगा। इसमें मुख्य अतिथि सुविवि के कुलपति प्रो आईवी त्रिवेदी होंगे। मुख्य वक्ता विक्रम विवि उज्जेन के कुलपति प्रो नागेष्वर राव होंगे। विशिष्ठ अतिथि के रूप में जोबनेर विवि के कुलपति प्रो एनएस राठौड होंगे। अध्यक्षता विद्यापीठ के कुलपति प्रो एसएस सारंगदेवोत करेंगे।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal