देश में रियल टाईम डेटा की महत्ती आवश्यकता | मंत्री सदानंद गौड़ा
राष्ट्रीय सेंपल सर्वेक्षण के माध्यम से जो आंकड़े प्राप्त होंगे उन आंकड़ो की देश की आगामी नीतियों के निर्धारण में विशेष भूमिका रहेगी। उपभोक्ता मूल्य संकेत, मृत्युदर, स्वास्थ्य संबंधी जानकार
राष्ट्रीय सेंपल सर्वेक्षण के माध्यम से जो आंकड़े प्राप्त होंगे उन आंकड़ो की देश की आगामी नीतियों के निर्धारण में विशेष भूमिका रहेगी। उपभोक्ता मूल्य संकेत, मृत्युदर, स्वास्थ्य संबंधी जानकारी व शिक्षा से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर देश की नई नीति का निर्धारण किया जाएगा। यह विचार भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री डी.वी.सदानंद गौड़ा ने गुरुवार को केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) की ओर से उदयपुर में आयोजित सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के 75वें दौर के लिए प्रशिक्षकों की अखिल भारतीय कार्यशाला में व्यक्त किए।
मंत्री गौड़ा ने कहा कि भारत जैसे देश में रियल टाईम डेटा, प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन के लिये वास्तविकता व सांख्यिकी की प्राथमिक आवश्यकता सटीक, आधुनिक तथा व्यापक सामाजिक एवं आर्थिक चित्रण की जरूरत है। हमारा मंत्रालय इसके लिये राज्य सरकार से सहयोग बनाये रखता है। राष्ट्रीय प्रतिदर्शी सर्वेक्षण के माध्यम से उदयपुर में यह 75 वा एन.एस.एस.ओ. सेमिनार जो पारिवारिक उपभोग पर आयोजित की जा रही है जो गरीबी उन्मुलन में उपयोगी रहेगी तथा भारत निर्माण एवं रोजगार सृजन में सटीक अनुमान लगाये जा सकेंगे।
समारोह में राजस्थान की उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने बताया कि राज्य सरकार स्कूल जाने वाले बच्चों का सर्वें करवा कर आंकड़ो के आधार पर उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य आवश्यकताओं के संबंध में योजनाएं बनाने जा रही है।
जनकल्याणकारी योजनाओं पर डाला प्रकाश
माहेश्वरी ने कहा कि भामाशाह योजना के तहत् सरकार द्वारा दी जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के नकद/गैर-नकद लाभ सीधे ही लाभार्थी के खाते में प्रदान किये जा रहे हैं। इस योजना के माध्यम से जो डेटा हब बनाया गया है इसका सांख्यिकी में महत्वपूर्ण प्रयोग किया जा सकता है। इस योजना के तहत् मुख्यतः बीपीएल, अन्त्योदय, स्टेट बीपीएल एवं अन्नपूर्णा परिवारों की महिला मुखिया को सम्पूर्ण परिवार का नामांकन कराने पर 2000 रुपयो की राशि प्रदान की जा रही है।
उन्होंने बताया कि सरकार की योजनाओं जैसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा, नरेगा, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, छात्रवृत्ति, जननी-शिशु सुरक्षा योजना, बीपीएल., पालनहार योजना, किसान क्रेडिट कार्ड के लाभ भी इस योजना के माध्यम से दिये जा रहे हैं। भामाशाह स्वास्थ्य योजना के माध्यम से लोगों को सुविधायें प्राप्त हुई है। इस योजना से पारदर्शिता आई है, हमारी सरकार नें 30 प्रतिशत अन्न भंडार बचाया है।
माहेश्वरी ने बताया कि भविष्य में सरकार द्वारा इसी तरह 161 अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभ भी भामाशाह कार्ड के माध्यम से दिये जायेंग । इस योजना के क्रियान्वन हेतु आयोजित किये गये शिविरों के दौरान प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत् खोले गये खातों के लाभ भी प्रदान किये जा रहे हैं।
जिला प्रशासन उदयपुर की पहल से रमसा तथा एम.जे.एस.ए.के निरीक्षण मोबाईल एप्प के माध्यम से करवाये जा रहे हैं। जिससे फिल्ड कार्यों का रियल टाईम डॉटा का संग्रहण व प्रबंधन कर गुणवŸाात्मक कार्य व सुधार करनें में एक सहभागी माध्यम तैयार हुआ है। आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग राजस्थान द्वारा 25 वेबपोर्टल पर कार्य किया जा रहा है। राजस्थान में सांख्यिकी कार्यालय ब्लॉक लेवल तक पहुँच चुके हैं जिससे पंचायत स्तर का डेटा संकलित किया जा रहा है। इसे और सुदृढ किये जाने के प्रयास राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे हैं।
कार्यशाला को राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष डॉ राधा बिनोद बर्मन तथा भारत के प्रमुख सांख्यिकीविद् एवं सचिव सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय डॉ. टी.सी.ए. अनंत ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर सहित राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के सदस्यगण, 75वें दौर के कार्य दल के सदस्यगण, एनएसएसओ तथा राज्य अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय के वरिष्ठ अधिकारीगण और केंद्रीय मंत्रालयों- विभागों के प्रतिनिधि कार्यक्रम में सम्मिलित रहे।
शामिल विषय
एनएसएस के 75 वें दौर (जुलाई 2017 – जून 2018) में पारिवारिक उपभोक्ता व्यय, पारिवारिक सामाजिक उपभोगरू स्वास्थ्य और पारिवारिक सामाजिक उपभोगरू शिक्षा विषय शामिल हैं। इस सर्वेक्षण के दौरान स्वास्थ्य और शिक्षा पर पारिवारिक क्षेत्र द्वारा किये गये उपभोक्ता व्यय, जिसमे स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर व्यय सम्मिलित है, के बारे में चयनित परिवारों से सूचना एकत्र की जाएगी।
सर्वेक्षण का उद्देश्य
पारिवारिक उपभोक्ता व्यय ‘पारिवारिक उपभोक्ता व्यय’ पर सर्वेक्षण किसी जनसंख्या समूह के जीवन स्तर, विभिन्न क्षेत्रों के बीच जीवन स्तर में असमानता, परिवारों के बीच पोषण अंतर्ग्रहण सहित उपभोग का पैटर्न, और परिवारों की क्रय शक्ति के बारे में संकेतक उपलब्ध करने के साथ ही उपभोक्ता मूल्य संकेतांकों के समेकन हेतु आवश्यक आगत उपलब्ध कराएगा। आहार उपभोग संबंधी आंकड़े विभिन्न क्षेत्रों के पोषण स्तर और उनके बीच असमानता का अध्ययन करने हेतु उपयोग किए जाते हैं । यह गरीबी की आधिकारिक माप के लिए महत्वपूर्ण तत्वों में से एक माना जाता है ।
पारिवारिक सामाजिक उपभोग (स्वास्थ्य) स्वास्थ्य पर सर्वेक्षण का लक्ष्य प्रचलित मृत्यु दर, अस्पताल में भर्ती होने पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने सहित सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए स्वास्थ्य सेवाओं के उपयोग की सीमा,चिकित्सा की वैकल्पिक पद्धतियों के उपयोग, प्रसव पूर्व और प्रसव के पश्चात देखभाल की सीमा, टीकाकरण की स्थिति, 60 वर्ष से अधिक की उम्र वाली आबादी के स्वास्थ्य, आर्थिक स्वतन्त्रता और अलग-थलग पड़ जाने की तीव्रता, आदि की स्थिति पर सूचना एकत्र करना है । एन एस एस स्वास्थ्य सर्वेक्षण में संग्रहीत आंकड़ों द्वारा पहली बारकतिपय संक्रामक रोगों से ग्रस्त आबादी का आंकलन किया जाना संभव होगा। इस सर्वेक्षण द्वारा संग्रहित आंकड़े मृत्यु दर, अस्पताल वास दर, सरकारी और गैर सरकारी दोनों प्रकार के स्वास्थ्य देखभाल संबंधी संस्थानों के उपयोग का स्तर, अपनी जेब से किए गए खर्चे’ पर विशेष जोर देते हुये सांस्थानिक शिशु जन्म के अनुपात के साथ-साथ सरकारी स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रमों तक पहुँच पर संकेतक तैयार करने में सहायक होंगे।
पारिवारिक सामाजिक उपभोग (शिक्षा) शिक्षा पर सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में व्यक्तियों की भागीदारी, परिवार के सदस्यों द्वारा शिक्षा पर किए गए खर्च और वैसे लोग जो अभी शिक्षा प्राप्त नहीं कर रहे हैं उनके विविध पहलुओं पर संकेतक निर्मित करना है।
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