समाज में नारी का महत्व रीढ़ की हड्डी के समान
"नारी का समाज में उतना की महत्व है जितना शरीर में रीढ़ की हड्डी का होता है। नारी धर्म को धारण करने वाली महिला के रूप में पहचानी जाती है। बेटी घर की लक्ष्मी है उसे पराया धन समझने की भूल न करें। नारी की जहाँ अद्र्धागिंनी के रूप में पहचान होती है वही उसे आदि शक्ति के रूप मे भी पूजा जाता है" - महाराणा प्रताप वरिष्ठ नागरिक संस्थान द्वारा आज विज्ञान समिति में महिला दिवस पर अयेाजित की गई संगोष्ठी में उपरोक्त विचार उभर कर सामने आये।
“नारी का समाज में उतना की महत्व है जितना शरीर में रीढ़ की हड्डी का होता है। नारी धर्म को धारण करने वाली महिला के रूप में पहचानी जाती है। बेटी घर की लक्ष्मी है उसे पराया धन समझने की भूल न करें। नारी की जहाँ अद्र्धागिंनी के रूप में पहचान होती है वही उसे आदि शक्ति के रूप मे भी पूजा जाता है” – महाराणा प्रताप वरिष्ठ नागरिक संस्थान द्वारा आज विज्ञान समिति में महिला दिवस पर अयेाजित की गई संगोष्ठी में उपरोक्त विचार उभर कर सामने आये। संगोष्ठी में विमला अग्रवाल, शांता गंगवानी, दिलखुश सेठ, विमला सरूपरिया, पुष्पा सेठ, सरला कटारिया, संरक्षक हीरालाल कटारिया, अध्यक्ष चौसरलाल कच्छारा, डॉ. बी.एल.वर्मा, डॅा. नरेश शर्मा, उमाशंकर अग्रवा, पुखराज कटारिया, धनवंत ओरडिया, बसन्तीलाल कूकड़ा एंव कवि भवानी शंकर गौड़ ने अपनी रचनाओं के साथ-साथ नारी की सामाजिक, आर्थिक एंव व्यवहारगत भूमिका के महत्व पर अपने विचार भी रखे।
संस्थान के महासचिव भंवर सेठ ने बताया कि महिला दिवस आयोजित कार्यकम का संचालन पूर्ण रूप से महिलाओं द्वारा ही किया गया।To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal
