हर हाल में हों झीलें प्रदूषणमुक्त – कलक्टर
झीलों को प्रदूषणमुक्त रखने की दिशा में झील विकास प्राधिकरण होटल्स, रेस्टोरेन्ट्स एवं व्यावसायिक गतिविधियां चला रहे प्रतिष्ठानों पर कड़ी निगरानी रखते हुए प्रभावी कार्रवाई करेगा।
झीलों को प्रदूषणमुक्त रखने की दिशा में झील विकास प्राधिकरण होटल्स, रेस्टोरेन्ट्स एवं व्यावसायिक गतिविधियां चला रहे प्रतिष्ठानों पर कड़ी निगरानी रखते हुए प्रभावी कार्रवाई करेगा।
जिला कलक्टर रोहित गुप्ता की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित झील विकास प्राधिकरण की बैठक में झीलों को स्वच्छ एवं प्रदूषणमुक्त रखने को लेकर संबंधित विभागों की भागीदारी पर गहन चर्चा हुई। कलक्टर ने कहा कि किसी भी तरह से कचरा, गंदे पानी अथवा प्रदूषण पैदा करने वाले अपशिष्ट को रोकने के लिए हर स्तर पर प्रभावी कार्रवाई हों। होटल्स,रेस्तरां एवं झीलों के बारे में संचालित व्यावसायिक गतिविधियों पर कड़ी नजर रखते हुए दोषी के विरूद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाये।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे झील किनारे होटल्स के ठोस कचरे का सुव्यवस्थित निस्तारण करें, इसकी सतत् मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित हो।
बॉट्स से प्रदूषण न फैले
कलक्टर ने कहा कि झीलों में संचालित बोट्स से प्रदूषण न फैले, इसके लिए इन्हें सोलर, एलपीजी या सीएनजी आधारित किया जाएगा। साथ ही इनका नियमित, फिटनेस जांचने व बिना स्वीकृति नाव संचालन पर भी निगरानी रखने की बात कही।
पानी की गुणवत्ता की होगी मॉनिटरिंग
कलक्टर ने कहा कि झीलों के पानी की गुणवत्ता के मद्देनजर नियमित मॉनिटरिंग होगी, सीसीटीवी कैमरों से सतत् निगरानी रखी जाएगी। उन्होने बताया कि झीलों के साथ ही शहर की यातायात व्यवस्था एवं सुरक्षात्मक उपायों के मद्देनजर भी सीसीटीवी कैमरे लगाया जाना प्रस्तावित है।
सीवरेज के लिए जनता की लेंगे मदद
शहर की झीलों में सीवरेज को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए आम जनता की मदद ली जाएगी। इसके लिए एक्शन उदयपुर के तहत आम नागरिक इसकी शिकायत कर सकेंगे। ऐसे जागरूक जन को 100 रूपये बतौर पारितोषिक दिये जायेंगे।
बड़ी तालाब की सुरक्षा
कलक्टर ने बड़ी तालाब की साफ सफाई रखते हुए इसे प्रदूषणमुक्त रखने के लिए यूआईटी को भी प्रस्ताव बनाने के लिए कहा। उन्होंने बड़ी में नाव संचालन को सोलर आधारित बनाते हुए पर्यावरण मानकों की पालना सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए। साथ ही झील क्षेत्र में नो-प्लास्टिक जोन निर्देशों की शब्दशः पालना करने को कहा। बैठक में समिति सदस्य तेजशंकर पालीवाल ने स्वरूपसागर दीवार के लिए खतरा उत्पन्न करने वाले पेड़ों की वैज्ञानिक ढंग से छंटाई का सुझाव रखा।
महाशीर का हो संरक्षण
बैठक में जिला कलक्टर ने जलाशयों में महाशीर मछली के संरक्षण को लेकर वन विभाग एवं मत्स्य विभाग को उचित कदम उठाने के निर्देश दिये।
बैठक में मुख्य वन संरक्षक राहुल भटनागर, नगर निगम के आयुक्त सिद्धार्थ सिहाग, नगर विकास प्रन्यास की विशेषाधिकारी श्रीमती कीर्ति राठौड़, गिर्वा उपखण्ड अधिकारी कमर चौधरी, उप वन संरक्षक ओ.पी.शर्मा, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी एम.एल.रावत, पर्यटन उपनिदेशक सुमिता सरोच सहित नगर निगम, प्रन्यास, प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अभियन्तागण बी.एल.कोठारी, हेमन्त पनडिया, मनीष अरोड़ा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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