उदयपुर में नेटबंदी और धारा 144 बावजूद उपद्रवियों ने जमकर किया उत्पात
शहर में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बुधवार रात जिले में 24 घंटे के लिए बंद की गई इंटरनेट सेवाओं से गुरुवार को सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप रहा। प्रशासनिक कामकाज पर इसका बड़ा असर देखने को मिला। 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद करने के संभागीय आयुक्त कार्यालय के आदेश के बाद गुरुवार को संभागीय आयुक्त सहित अन्य सरकारी कार्यालयों में इंटरनेट से जुड़े कोई काम नहीं हो सके। विभिन्न जिलों और राज्य सरकार से ई-मेल से सूचना-अादान प्रदान, आवश्यक जानकारियां सरकार को भेजने के काम नहीं हो सके।
शहर में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बुधवार रात जिले में 24 घंटे के लिए बंद की गई इंटरनेट सेवाओं से गुरुवार को सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप रहा। प्रशासनिक कामकाज पर इसका बड़ा असर देखने को मिला। 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद करने के संभागीय आयुक्त कार्यालय के आदेश के बाद गुरुवार को संभागीय आयुक्त सहित अन्य सरकारी कार्यालयों में इंटरनेट से जुड़े कोई काम नहीं हो सके। विभिन्न जिलों और राज्य सरकार से ई-मेल से सूचना-अादान प्रदान, आवश्यक जानकारियां सरकार को भेजने के काम नहीं हो सके।
दोपहर 12 बजे वाहनों पर सवार युवा विभिन्न चौराहों से होकर चेटक और कोर्ट चौराहे की ओर बढ़ते हैं। वही दोपहर 1.50 से 2 बजे उपद्रवी बापूबाजार बैंक तिराहा से युवा बाइक सवार हाथों में भगवा झंडा लेकर नारेबाजी करते सूरजपोल की ओर बढे जहाँ पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो झड़प हुई। माहौल बिगड़ता देख प्रतिष्ठानों के शटर गिर गए।
शहर में मुख्य चौराहे चेतक सर्कल पर दोपहर 3.32 बजे सैकड़ों आक्रोशित युवा एमबी हॉस्पिटल की ओर बढ़े। भीड़ के बीच से युवाओं ने पुलिस पर पत्थर बरसाए। भीड़ ने चेतक सर्कल पर कब्जा कर लिया। एसपी गोयल, आईजी श्रीवास्तव, कलेक्टर मल्लिक के पहुंचते ही पुलिस उग्र हो गई और भीड़ पर लाठियां बरसाईं गई।
शाम को आरएनटी गेट के बाहर शाम 5.00 बजे कलेक्टर, आईजी, एसपी, एडीएम सिटी की ओर भी पत्थर फेंके गए। आरएनटी के बंद गेट फांदकर आंदोलनकारियों को खदेड़ती रही। शाम साढ़े पांच बजे कोर्ट चौराहे से प्रदर्शनकारी कलेक्टर बंगले की ओर पहुँच गए जहाँ कलेक्टर बिष्णुचरण मल्लिक के बंगले के बाहर भारी जाब्ता तैनात कर दिया गया था । शहर में गुरुवार को धारा 144 के बीच उत्पात मचाने वालों में ज्यादातर उपद्रवी उदयपुर के बाहरी जिलों से आए थे। अचानक हुए हिंसक प्रदर्शन का पुलिस अंदेशा तक नहीं लगा पाई थी। गिरफ्तार किए गए 88 लोगों में से 50 से अधिक युवक चित्तौड़गढ़ के बड़ी सादड़ी, निम्बाहेड़ा और राजसमंद जिलों के थे ।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सुबह आवरी माता के पास बाहर से आए युवकों के इकट्ठे होकर माहौल खराब करने की योजना थी। पुलिस के वहां पहुंचने पर युवक भाग गए। इसके बाद इन उत्पातियों ने शहर में जगह-जगह बाइक से जुलूस-रैली निकाली और स्थानीय युवकों को भी साथ लेकर माहौल खराब किया।
एमबी अस्पताल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार पत्थरबाजी में घायल हुए 10 पुलिस अधिकारियों सहित 31 जवान इलाज के लिए एमबी अस्पताल पहुंचे। सबसे ज्यादा चोट जवान सतपाल सिंह को आई। इनके कान के पीछे का हिस्सा पत्थर की चोट से फट गया, जिसे तीन टांके लगाए गए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, कोर्ट परिसर के अंदर एडी. एसपी सुधीर जोशी के साथ भी हाथापाई की गई।
एडीशनल एसपी हर्ष रत्नू, एएसपी सुधीर जोशी, डीएसपी गोपालसिंह भाटी, गोवर्धन विलास थानाधिकारी रविन्द्र चारण, हाथीपोल थानाधिकारी अशोक अांजना, धानमंडी थानाधिकारी राजेश शर्मा, घंटाघर थानाधिकारी राजेन्द्र जैन, प्रताप नगर थानाधिकारी हनुमंत सिंह, घासा एसएचओ रमेश कविया, कानोड़ एसएचओ राजेन्द्र गोदारा, एसआई, एएसआई, हेडकांस्टेबल और कांस्टेबल सहित 31 घायल जवानों का उपचार कर मेडिकल रिपोर्ट बनाई गई।
कोर्ट चौराहे पर प्रदर्शन के दौरान उत्पातियों ने न्यू कोर्ट कॉॅम्प्लेक्स पर पत्थर फेंक कर कांच तोड़ दिए। पिछले सप्ताह हाईकोर्ट जज गोपाल कृष्ण व्यास ने इस भवन का लोकार्पण किया था। लोढ़ा काम्पलेक्स की दुकानों और शो रूमाें के कांच भी तोड़े गए। लोढ़ा काम्पलेक्स स्थित एडवोकेट संजीव तलवार के ऑफिस के दरवाजे का कांच तोड़ा गया। न्याय मार्ग स्थित कई ज्वेलरी शो रूम सहित दुकानें और रेस्टोरेंट बंद हो गए। एमबी अस्पताल रोड पर स्थित कई मेडिकल स्टोर बंद कर दिए थे, जो शाम 6 बजे बाद खोले गए।
शहर में गुरुवार को नेटबंदी से पर्यटकों से लेकर घरों तक आम आदमी और बाजार में व्यापारियों को खासी परेशानियां उठानी पड़ीं। शहर में सैर करने आए देसी-विदेशी पर्यटक न अपनो मित्रों से वीडियो कॉलिंग, चैटिंग कर सके तो न ही पर्यटन स्थलों पर खींचे गए फोटो शेयर हुए। कुछ पर्यटक तब सहम गए, जब वे चेतक सर्कल, हाथीपोल, बापूबाजार, सूरजपोल, देहलीगेट, कोर्ट चौराहा आदि पर पथराव के दौरान मची अफरा-तफरी में फंस गए। हालांकि पुलिस हर जगह उन्हें अपने सुरक्षा घेरे में लेकर सुरक्षित निकालती नजर आई।
नेटबंदी के कारण उदयपुर के ऑनलाइन बाजार में 1 रुपए का भी भुगतान नहीं हो सका। होटल, रेस्टोरेंट, शोरूम, दुकानों, संचार सेवाओं आदि सहित सरकारी विभागों के बिलों के भी ऑनलाइन भुगतान नहीं हो सके। डिजिटल इंडिया का पे-टीएम वॉलेट भी काम नहीं आ सका। व्यापारियों के मुताबिक सर्राफा, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स सहित सभी बाजारों में दोपहर 3 बजे बाद कारोबार प्रभावित हुआ है। सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष इंदरसिंह मेहता ने बताया कि दोपहर 3 बजे से व्यवसायियों के शोरूम-दुकानों के शटर आधे गिरने शुरू हुए। शाम 5 बजे तक शटर पूरी तरह बंद भी हो गए।
कोर्ट के अंदर खड़े पुलिसकर्मियों को उत्पातियों ने घेरकर मारपीट की। इसके बाद पुलिस ने उत्पातियों पर लाठीचार्ज किया। इसके बाद माहौल धीरे-धीरे बिगड़ता चला गया। ये नेता थे कोर्ट में मौजूद : भाजपा के शहर जिलाध्यक्ष दिनेश भट्ट, वरिष्ठ नेता प्रमोद सामर, प्रेम सिंह शक्तावत, पार्षद लवदेव बागड़ी और पार्षद प्रवीण मारवाड़ी न्यायालय परिसर में मौजूद थे। हिंदू जागरण मंच के रविकांत त्रिपाठी, सुरेंद्र सिंह, कमलेंद्र सिंह भी कोर्ट चौराहे के आसपास दिखाई दिए थे।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal