हिन्दुस्तान जिंक की सखी प्रेरणा फेडरेशन महिला समूह द्वारा निर्मित कलडवास से मुख्य आयड नदी तक 600 मीटर सडक का उद्घाटन


हिन्दुस्तान जिंक की सखी प्रेरणा फेडरेशन महिला समूह द्वारा निर्मित कलडवास से मुख्य आयड नदी तक 600 मीटर सडक का उद्घाटन

आदिवासी महिलाओं द्वारा संचालित इकाई के पेवर ब्लाॅक से निर्मित कलडवास से मुख्य आयड नदी तक 600 मीटर सडक

 
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पेवर ब्लॉक निर्माण इकाई में प्रति दिन उच्च गुणवत्ता के 3 हजार पेवर ब्लॉक बनाने की क्षमता है और इसका संचालन सखी महिलाओं द्वारा किया जाएगा। मशीन को संचालित करने के लिए सभी महिलाओं को मशीनरी, विभिन्न उपकरणों और निर्माण ब्लॉकों की प्रक्रिया पर पूरी तरह से प्रशिक्षित किया गया है।

हिंदुस्तान जिंक ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्र के विकास हेतु दृढ़ संकल्पित है कंपनी की पहली प्राथमिकता आस पास के समुदाय के लोगो, कर्मचारी, व्यावसायिक भागीदार का हित है। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा स्थापित एवं सखी प्रेरणा फेडरेशन महिला समूह द्वारा संचालित पेवर ब्लाॅक इकाई का नेतृत्व केवल करगेट गांव में आदिवासी महिलाएं करती हैं। इन आदिवासी महिलाओं द्वारा संचालित इकाई के पेवर ब्लाॅक से निर्मित कलडवास से मुख्य आयड नदी तक 600 मीटर सडक का निर्माण किया गया है।

इस इकाई की स्थापना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्तिकरण करना है। इस इकाई से उन विशेषकर देबारी में आदिवासी समुदाय को लाभ होगा, जिनके पास आय का अन्य प्रमुख स्रोत नहीं है। इस पेवर ब्लॉक निर्माण इकाई में प्रति दिन उच्च गुणवत्ता के 3 हजार पेवर ब्लॉक बनाने की क्षमता है और इसका संचालन सखी महिलाओं द्वारा किया जाएगा। मशीन को संचालित करने के लिए सभी महिलाओं को मशीनरी, विभिन्न उपकरणों और निर्माण ब्लॉकों की प्रक्रिया पर पूरी तरह से प्रशिक्षित किया गया है।

कलडवास से मुख्य मार्ग आयड नदी तक इससे पूर्व कच्चा रास्ता था जिससे ग्रामीणों को विशेष तौर पर बरसात में असुविधा का सामना करना पड़ता था। हिन्दुस्तान जिंक देबारी जिंक स्मेल्टर द्वारा निर्मित इस पेवर ब्लाॅक सड़क के साथ ही दोनो तरफ नाली का निर्माण, रिफ्लेक्टर्स एवं सुरक्षा लाईन एवं जेब्रा क्रोसिंग भी बनाई गयी है।

मशीन को संचालित करने के लिए 15 महिलाओं की टीम कार्यरत है। इन पेवर ब्लाक का उपयोग भारी वाहन संचालन वाली जगहों पर भी किया जा सकता है क्योंकि इनकी मजबूती उच्च गुणवत्ता युक्त है। इनके निर्माण में वेस्ट का कुछ प्रतिशत उपयोग में लिया जाता है। सखी परियोजना ने ग्रामीण और आदिवासी महिलाओं और उनके परिवारों को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, कृषि, ऋण के पुर्नभुतान, बचत आदि क्षेत्रों में सशक्त बनाया। इस उद्यमिता को बढ़ावा देने से पेवर ब्लॉक 15 महिलाओं से बढ कर पिछडे सम्पूर्ण आदिवासी गाँवों में आदिवासी महिलाओं के जीविका उपार्जन के लिये सहायक साबित हो रहा है।

शहर में स्वच्छता के लिये सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, स्वास्थ्य के लिये हार्ट हाॅस्पीटल, ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य या अन्य कार्यो के लिये हिन्दुस्तान जिंक विकास के कार्यो में अग्रणी रहा है जो कि प्रशंसनीय है यह बात नेता प्रतिपक्ष एवं विधायक गुलाब चंद कटारिया ने हिन्दुस्तान जिंक द्वारा निर्मित कलडवास से मुख्य आयड नदी तक 600 मीटर सड़क के उद्घाटन अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि यह हर्ष की बात है कि हिन्दुस्तान जिंक ने ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को स्वरोजगार से जोडने की पहल कर पेवर ब्लाॅक इकाई से जोड़ा है और जिनके द्वारा बनाये गये पेवर ब्लाॅक से निर्मित यह सडक ग्रामीणों द्वारा उपयोग में ली जाएगी। उन्होंने आस पास के सभी सरपंचो और महापौर से आव्हान किया कि जहां संभव हो सके ज्यादा से ज्यादा इन पेवर ब्लाॅक का उपयोग करें।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि गुलाबचंद कटारिया के साथ सासंद अर्जुन लाल मीणा, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा, जिला प्रमुख ममता कुंवर , महापौर गोविंद सिंह टांक, हिन्दुस्तान जिंक देबारी के निदेशक लीलाधर पाटीदार, हिन्दुस्तान जिंक की हेड सीएसआर अनुपम निधि एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने फीता काटकर सड़क का उद्घाटन किया। एसटीपी परिसर के बाहर आयोजित समारोह में अतिथियों द्वारा पेवर ब्लाॅक निर्माण की टीम में सम्मिलित दो महिलाओं को सम्मानित किया।

कार्यक्रम में सासंद मीणा ने हिन्दुस्तान जिंक के आस पास के क्षेत्र में विकास के कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि देबारी, जावर और झामरकोटडा क्षेत्र में कंपनी सर्वाधिक रोजगार देने का कार्य कर रही है जो कि वर्तमान समय में महत्वपूर्ण है। विधायक फूल सिंह मीणा ने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक शिक्षा, स्वास्थ्य सहित सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर आसपास के क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण सहयोग दे रही है।

देबारी स्मेल्टर के निदेशक लीलाधर पाटीदार ने विशेष रूप से ग्रामीणों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सड़क को चौड़ा करने और बनवाने में ग्रामीणों के सहयोग से यह पुनीत कार्य संभंव हो पाया है। उन्होंने ग्रामीणों से सड़क सुरक्षा का आव्हान किया एवं महामारी के समय में स्वयं एवं दूसरों को सुरक्षित रखने की बात कही।

कार्यक्रम में नगर निगम के उपमहापौर पारस सिंघवी, रविन्द्र श्रीमाली, भंवर सिंह पंवार, हिम्मत सिंह देवडा, जिला परिषद सदस्य शंकर पटेल, पंचायत समिति सदस्य गणेश गमेती, सरपंच कलडवास चंदा गमेती, उपसरपंच महेन्द्र सिंह देवडा, हिन्दुस्तान जिंक हेड कार्पोरेट अफेयर वी जयरमन एसटीपी इंचार्ज आरएल शर्मा, देबारी स्मेल्टर के हेड एचआर अनूप कुमार एवं हेड सिक्योरिटी विजय पारिख सहित ग्रामीण एवं गणमान्य उपस्थित थे।

करगेट ग्राम, उदयपुर, जागो सखी ग्राम संगठन की हेमा गमेती का कहना है कि “यह बहुत गर्व की अनुभूति है कि मैं करगेट में पेवर ब्लॉक इकाई का हिस्सा हूं। लघु उद्योग के रूप में संचालित इस इकाई आजीविका के साथ साथ सम्मान की बात है जो कि इस कठिन परिस्थिति में हमें संबल प्रदान कर रहा है। हिन्दुस्तान जिंक ने हमें प्रशिक्षण देकर हमें यह अवसर प्रदान किया जिससे हम आगेे बढ़ने के अपने सपने को पूरा करने में सक्षम है।

“गाँव में  ही रहते हुए, आजीविका का स्थायी स्रोत खोजना मुश्किल है। दिहाड़ी मजदूरी के काम करने के लिए हमें आमतौर पर बहुत दूर जाना पड़ता था। पेवर ब्लॉक बनाने की इकाई ने न केवल हमें घर के बहुत करीब काम करने का अवसर प्रदान किया है, इसने हमें हमारे समुदायों की साथी महिलाओं से भी जोड़ा है। हम गर्व से कह सकते हैं कि हम अपना पूरी तरह से महिलाओं के नेतृत्व वाले माइक्रोएंटरप्राइज चला रहे हैं। उदी बाई, करगेट ग्राम, उदयपुर, जागो सखी ग्राम संगठन

देबारी क्षेत्र में समुदाय के आर्थिक सशक्तिरण कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वयं सहायता समूहों के सहयोग से दो पेवर ब्लॉक मशीनें स्थापित की गई हैं। इसी प्रकार हिंदुस्तान जिंक ने मंजरी फाउण्डेशन एवं हनुमान वन विकास समिति के सहयोग से आसपास के क्षेत्रो में ’सखी’ कार्यक्रम परियोजना के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को उनकी प्रमुख नेतृत्व, कौशल विकास, बचत और उद्यमिता के उनकी क्षमता विकसित करने के लिए तैयार किया है। सखी की गतिविधियों के परिणामस्वरूप, ग्रामीण महिलाओं को अपना उद्यम शुरू करने या विस्तार करने का अवसर मिला है। महिलाओं को ऋण मुख्य रूप से प्रत्येक समूह के आधार पर दिया जाता है जो कि महिलाओं की आवश्यकता के आधार पर निर्धारित होता है।

कोविड 19 के बाद प्रभावित हुए हर छोटे बडे उद्योग को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक संबंल हेतु पेवर ब्लाॅक जैसे लघु उद्योग उन परिवारों की आय में वृद्धि महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में उल्लेखनीय है।

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