केले के तने से लुग्दी बनाने वाली इंडस्ट्री का उद्घाटन
उदयपुर के युवा वैज्ञानिक आशीष खत्री द्वारा केले के तने से बनने वाली लुग्दी (पल्प) की विश्व में अपने आप में अनोखी खोज की और बद्रर इम्पेक्स इंडस्ट्री का शुभारंभ किया। सोमवार को इसका उद्घाटन समाजसेवी सोहनलाल जैन एवं वीना खत्री द्वारा किया गया।
उदयपुर के युवा वैज्ञानिक आशीष खत्री द्वारा केले के तने से बनने वाली लुग्दी (पल्प) की विश्व में अपने आप में अनोखी खोज की और बद्रर इम्पेक्स इंडस्ट्री का शुभारंभ किया। सोमवार को इसका उद्घाटन समाजसेवी सोहनलाल जैन एवं वीना खत्री द्वारा किया गया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आशीष द्वारा पिछले 10 वर्षों की खोज का यह सुपरिणाम है। इस हेतु बाल वैज्ञानिक के रूप में राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा भी आशीष को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर इंडस्ट्री के जनरल मैनेजर इंदरसिंह भाटी, प्रोजेक्ट मैनेजर अमित श्रीवास्तव सहित उदयपुर के गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
उद्घाटन पश्चात होटल द रॉयल इन में आयोजित प्रेसवार्ता में इंडस्ट्री के मुख्य प्रबंध निदेशक आशीष खत्री ने बताया कि इन्डस्ट्री में केले के तने द्वारा निर्मित लुग्दी, तने से निकलने वाले पानी का उपयोग हो सकेगा तथा कृषि की उर्वरकता बढ़ाने हेतु खाद बनाया जाएगा। इसके लिए शहर की झीलों में पनप रही झलकुंभी का समूचित उपयोग हो सकेगा जिससे सभी झीलें जलकुंभी से मुक्त हो सकेंगी।
यही नहीं, इसके साथ ही रोजमर्रा के उपयोग में आने वाने कागज, हस्तशिल्प हेण्डीक्राफ्ट, विजिटिंग कार्ड, निमंत्रण पत्र, समाचार पत्रों के लिए प्रयुक्त कागज का निर्माण भी किया जा सकेगा।
सीईओ बसंत जैन ने बताया कि यह लुग्दी कागज बनाने वाली कंपनियों के लिए वरदान सिद्ध होगी। अब तक राजस्थान की कागज मिलें बाहर से कच्चे माल का आयात करती रहीं है। अब उन्हें यह सुविधा ब्रदर इम्पेक्स इंडस्ट्री से ही सुलभ हो सकेगी। इससे खर्चा भी कम आयेगा और पर्यावरण में होने वाले प्रदूषण से भी मुक्ति मिल सकेगी।
उन्होंने बताया कि शुरूआत में इंडस्ट्री द्वारा राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं गुजरात का बाजार बनाया जा रहा है। यह प्रोडक्ट भारत सरकार के द्वारा मान्यता प्राप्त है।
प्रेसवार्ता में इंडस्ट्री के जीएम इंदरसिंह भाटी एवं प्रोजेक्ट मैनेजर अमित श्रीवास्तव ने बताया कि यह प्रोडक्ट पूरी तरीके से इको फ्रेण्डली एवं कोस्ट इफेक्टिव रहेगा और बाजार में मौजूद पल्प के मुकाबले आर्थिक रूप से बेहतर होगा एवं इसका किसी भी प्रकार से वातावरण पर दुष्प्रभाव नहीं डालेगा।
पल्प (लुग्दी) के बारे में
कागज बनाने के अंतर्गत उपयोग में आने वाली सबसे महत्वपूर्ण सामग्री को पल्प कहते हैं। इसके अंदर 60 से 70 प्रतिशत रेशे वाले पेड़ों का उपयोग किया जाता है। पल्प के बिना कागज बनाने की कल्पना नहीं की जा सकती। इसलिए यह सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।
आशीष खत्री के बारे में
केले के तने से बनने वाले विभिन्न उत्पाद की खोज उदयपुर के युवा वैज्ञानिक आशीष खत्री द्वारा 2004 में की गई। उन्होंने भारत की पहली ट्री पिलिंग मशीन को बनाया जिसका उपयोग पर्यावरण में फैल रही ग्लोबल वार्मिंग को रोकने का है।
इसी के क्षेत्र में उन्हें 2006 में राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा बाल वैज्ञानिक के रूप में सम्मानित किया गया। वर्ष 2012 में 135 देशों के अंतर्गत इस तकनीक को सम्मानित किया गया।
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