होम्योपेथिक के इन्टरनेशनल जनरल का लोकार्पण
"होम्योपेथिक का सबसे बडा लाभ सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करने की क्षमता का गुण है। होम्योपेथी में औषधियों का चयन बिमार व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक लक्षण व जीवन शैली को देखकर किया जाता है। इस होम्योपेथी के द्वारा असाध्य तथा लाईलाज बिमारियों का भी बढी सरलता से ईलाज किया जाता है। इसलिये होम्योपेथी चिकित्सा का दिनोंदिन महत्व बढ़ता जा रहा है" - यह विचार गुरूवार को राजस्थान विद्यापीठ के चांसलर प्रो. भवानी शंकर गर्ग ने विद्यापीठ को होम्यापेथी चिकित्सा महाविद्यालय की अर्न्तराष्ट्रीय शोध पत्रिका के पहले अंक के लोकार्पण के अवसर पर व्यक्त किए।
“होम्योपेथिक का सबसे बडा लाभ सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करने की क्षमता का गुण है। होम्योपेथी में औषधियों का चयन बिमार व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक लक्षण व जीवन शैली को देखकर किया जाता है। इस होम्योपेथी के द्वारा असाध्य तथा लाईलाज बिमारियों का भी बढी सरलता से ईलाज किया जाता है। इसलिये होम्योपेथी चिकित्सा का दिनोंदिन महत्व बढ़ता जा रहा है” – यह विचार गुरूवार को राजस्थान विद्यापीठ के चांसलर प्रो. भवानी शंकर गर्ग ने विद्यापीठ को होम्यापेथी चिकित्सा महाविद्यालय की अर्न्तराष्ट्रीय शोध पत्रिका के पहले अंक के लोकार्पण के अवसर पर व्यक्त किए।
उन्होंने कहा की अभी होम्योपेथिक चिकित्सा में और अनुसंधान की जरूरत है तथा छात्र नई तकनीकें सीखकर इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, डॉ लक्ष्मी नारायण नन्दवाना, साहित्य संस्था के अध्यक्ष डॉ. मनोहर सिंह राणावत, जन शिक्षण के निदेशक डॉ ललित पाण्डे, डॉ. अमिया गोस्वामी, डॉ. राजन सूद, डॉ. बबीता रशीद, डॉ नवीन विश्नोई, डॉ. एजाज हुसैन, डॉ. अजीता रानी, डॉ. लीली जैन, डॉ. सुनित धाकड सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ निवेदिता बासु ने किया। धन्यवाद डॉ राजकुमारी जैन ने दिया।
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