संरक्षित कृषि में अभियान्त्रिकी सहभागिता पर राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारम्भ
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संगठक, प्रौद्योगिकी एवं अभियान्त्रिकी महाविद्यालय की स्थापना के स्वर्ण जंयती वर्ष के कार्यक्रमों के अर्न्तगत भारतीय कृषि अभियन्ता परिषद् का 48 वां राष्ट्रीय अधिवेषन एंवम संरक्षित कृषि में अभियान्त्रिकी सहभागिता पर तीन दिवसीय संगोष्ठी का शुभारम्भ महाविद्यालय में हुआ।
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संगठक, प्रौद्योगिकी एवं अभियान्त्रिकी महाविद्यालय की स्थापना के स्वर्ण जंयती वर्ष के कार्यक्रमों के अर्न्तगत भारतीय कृषि अभियन्ता परिषद् का 48 वां राष्ट्रीय अधिवेषन एंवम संरक्षित कृषि में अभियान्त्रिकी सहभागिता पर तीन दिवसीय संगोष्ठी का शुभारम्भ महाविद्यालय में हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओ. पी. गिल ने कहा कि कृषि अभियन्ताओं का देश के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास में अभुतपूर्व योगदान है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में मृदा एवम जल संरक्षण, जल ग्रहण क्षैत्र विकास एवं जल प्रंबधन के क्षेत्र में कृषि अभियन्ताओं के कार्यो से प्रदेश के जनमानस का आर्थिक एवंम सामाजिक विकास हुआ है।
भारतीय कृषि अभियन्ता परिषद् नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. वी. एम. मियान्दे ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में परिषद् का इतिहास बताते हुए वर्ष भर के विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होनें संरक्षित कृषि में अभियन्ताओं की सहभागिता पर विशेष आग्रह करते हुए कहा कि द्वितीय हरित क्रान्ति की रुपरेखा में बढ़ती हुई जनसंख्या के लिये अनाज उत्पादन में कृषि अभियन्ताओं का विशेष योगदान रहेगा।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में कृषि अभियान्त्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता एवं संगोष्ठी के संयोजक डॉ. बी.पी. नन्दवाना ने सभी आगुन्तकों का स्वागत किया एवं महाविद्यालय की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने पर वर्ष पर्यन्त आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने महाविद्यालय के विगत 50 वर्षो के विभिन्न उपलब्धियों की जानकारी भी दी।
इस अवसर पर भारतीय कृषि अभियन्ता परिषद द्वारा कृषि अभियान्त्रिकी के क्षेत्र में विशिष्ठ योगदान देने वाले देश के ख्यातनाम वैज्ञानिकों एवं पुरोधा अभियन्ताओं को सम्मानित किया गया। देश के प्रथम भारतीय कृषि अभियन्ता एवं राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. के.एन.नाग को कृषि अभियान्त्रिकी के सर्वोच्य सम्मान ‘‘डा.मेशन वाघ पायोनियर लाईफ टाइम अचीवमेंट अर्वाड‘‘ एवं केन्द्रीय क्षारीय मृदा अनुसंधान संस्थान, करनाल के डॉ. एस.के. गुप्ता को आई.एस ए.ई. गोल्ड मैडल से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर कृषि अभियान्त्रिकी में विभिन्न उपलब्धियों के लिए देष के विभिन्न क्षेत्रो से आये 20 से अधिक अभियन्ताओं व वैज्ञानिकों को भी सम्मानित किया गया।
वार्षिक अधिवेशन के आयोजन सचिव डॉ. घनश्याम तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया एवं कार्यक्रम का संचालन डॉ. दीपक शर्मा, प्राध्यापक एवं अध्यक्ष, नवीनीकरण ऊर्जा अभियान्त्रिकी विभाग ने किया।
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