सीटीएई में सोलर पावर प्लान्ट व अन्य छात्र सुविधाओं का उद्घाटन
प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय(सीटीएई), उदयपुर में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर उमाशंकर शर्मा ने छात्र सुविधा केन्द्र, सोलर पावर प्लान्ट, छात्रावास केे नवीन कक्षों एवं महाविद्यालय में नवनिर्मित जिम का उद्घाटन किया ।
प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय(सीटीएई), उदयपुर में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर उमाशंकर शर्मा ने छात्र सुविधा केन्द्र, सोलर पावर प्लान्ट, छात्रावास केे नवीन कक्षों एवं महाविद्यालय में नवनिर्मित जिम का उद्घाटन किया । इस अवसर पर कुलपति प्रो. शर्मा ने महाविद्यालय फेकल्टी को बधाई देते हुए नवस्थापित सोलर पावर प्लान्ट के अभिनव प्रयास की प्रशंसा की एवं कहा कि इसी प्रकार के और सोलर प्लान्ट अन्य संघटक महाविद्यालयों में भी स्थापित किये जाने चाहिये जिससे महाविद्यालय में बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़े। उन्होेंने छात्र सुविधाओं केन्द्र पर जिम के भरपूर उपयोग की सलाह दी तथा अन्य छात्रावासों की सुविधाओं में बढ़ोतरी तथा आवश्यक मरम्मत का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय की कुल सचिव प्रियंका जोधावत ने छात्र सुविधाओं के उचित प्रबंधन एवं जिम में कोच की व्यवस्था आदि में विद्यार्थियों की आत्मीय सहभागिता पर जोर दिया और छात्रावासों में रह रहे विद्यार्थियों से स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ने का आह्वान किया।
वित्त नियंत्रक श्री डी.एन. पुरोहित ने बताया कि लगभग रुपये 80 लाख की लागत से स्थापित यह सोलर पावर प्लान्ट शीघ्र ही अपनी पूर्ण क्षमता से कार्य करने लगेगा। इससे महाविद्यालय को सालाना 10 लाख रुपए की विद्युत बचत होगी, जिससे 6-7 वर्ष में इस प्लान्ट की लागत वसूल हो जायेगी। उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से महाविद्यालय को हरा-भरा एवं सवच्छ परिसर बनाने एवं राष्ट्रीय स्तर के इस इंजीनियरिंग कालेज में 2-3 विभागों में सेन्टर आफ एक्सीलेेंस प्रारम्भ करने की सलाह दी।
महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस.एस. राठौड़ ने बताया कि छात्र सुविधा केन्द्र में फोटोस्टेट कम्प्यूटर टाईपिंग, स्टेशनरी व आवश्यक किताबों की सुविधा प्रातः 8 बजे से सायं 8 बजे तक उपलब्ध रहेगी जिससे विद्यार्थियों को केम्पस से बाहर नहीं जाना पडे़गा। सोलर पावर प्लान्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि यह सरकार से राज्य मद में प्राप्त आर्थिक सहायता से स्थापित किया गया है जिसमें 30 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है। इस 1 किलोवाट विद्युत क्षमता के प्लान्ट से 1.6 लाख यूनिट बिजली प्रतिवर्ष उत्पादित होगी। इस प्लान्ट की आयु 25 -30 वर्ष आंकी गई है अर्थात 7 वर्ष की पे-बेक अवधि के बाद इस प्लान्ट से प्रति वर्ष वर्तमान विद्युत शुल्क की दर से प्रति वर्ष रुपये 10 लाख की वार्षिक आय महाविद्यालय को होगी।
उन्होंने बताया कि एम.वी. छात्रावास केे नवीन कक्षों के निर्माण से छात्रावास की क्षमता 150 विद्यार्थियों तक बढ़ गई तथा महाविद्यालय में वर्तमान 10 छात्रावासों के अलावा एक छात्रावास का निर्माण कार्य जारी है जिसके निर्माण से छात्र क्षमता और बढ़ जायेगी।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. दीपक शर्मा ने किया एवं धन्यवाद डॉ. पी.के. सिंह ने ज्ञापित किया। इस अवसर विभिन्न महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक अनुसंधान एवं प्रसार शिक्षा, छात्र कल्याण अधिकारी, भूसम्पत्ति अधिकारी, विभिन्न विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक, कर्मचारी एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।
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