एमपीयुएटी में दो दिवसीय कार्यशाला का उदघाटन


एमपीयुएटी में दो दिवसीय कार्यशाला का उदघाटन

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर एवं डॉं. वाई.एस. परमार, उद्यानिकी एवं वाणिकी विश्वविद्यालय, सोलन के संयुक्त तत्वावधान में एक दो दिवसीय कार्यशाला का उदघाटन आज कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रौ. ओ.पी. गिल द्वारा किया गया।

 
एमपीयुएटी में दो दिवसीय कार्यशाला का उदघाटन

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संघटक राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर एवं डॉं. वाई.एस. परमार, उद्यानिकी एवं वाणिकी विश्वविद्यालय, सोलन के संयुक्त तत्वावधान में एक दो दिवसीय कार्यशाला का उदघाटन आज कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रौ. ओ.पी. गिल द्वारा किया गया।

इस दो दिवसीय कार्यशाला राष्ट्रीय कृषि नवोन्मुखी परियोजना, भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित एवं उद्यानिकी महाविद्यालय,नोनी द्वारा संचालित योजना के नियमित कार्यक्रम के तहत इस कार्यशाला का आयोजन किया गया ।

इस अवसर पर प्रौ. गिल ने कार्यक्रम की उपयोगिता को महत्वपूर्ण बताते हुये कहा कि ई-लर्निंग आज के समय की विशिष्ठ मॉंग है और विशेषकर बी.एस.सी. उद्यानिकी के छात्रों के लिये विकसित किये जा रहे ई-कोर्सेज विद्यार्थियों के लिये अत्यन्त ही लाभकारी है।

डॉं. गिल ने अपने आतिथ्य अभिभाषण में राजस्थान कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता को ऐसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित करने के लिये बधाई दी और आगामी समय में इस प्रकार के ई-लर्निंग कोर्सेज विश्वविद्यालय की सम्पूर्ण फैकल्टी के लिये आयोजित करने पर विशेष जोर दिया।

कार्यक्रम उद्घाटन के दौरान डॉं. वाई.एस. परमार, उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के होर्टिकल्चर कॉलेज के डीन डॉं. जे.पी. शर्मा ने ई-कोर्स विकसित करने के सन्दर्भ में राष्ट्रीय कृषि नवोन्मुखी परियोजना के अन्तर्गत किये जा रहे कार्यो पर प्रकाश डालते हुये कहा कि आज पूरे देश में कृषि एवं उद्यानिकी में अध्ययनरत छात्रों के लिये सैकड़ों ई-लर्निंग कोर्सेज मुडल प्लेट फार्म पर ऑफ लाईन एवं ऑन-लाईन तैयार किये जा रहे हैं; जिससे इन कोर्सेज में पूरे देश में न केवल एक जैसी समानता होगी बल्कि विद्यार्थियों को मोटी-मोटी पुस्तकों से छुटकारा मिलेगा।

ई-कोर्स के रूप में पाठ्य सामग्री कम्प्युटर एवं इन्टरनेट के माध्यम से 24 घण्टे उनके पास उपलब्ध रहेगी जिसमें विडिया, ऑडियॉ, केस स्टडीज एवं ऑन लाईन विचार-विमर्श की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।

कार्यक्रम के अध्यक्ष राजस्थान कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉं. एस.आर. मालू ने इस कार्यक्रम की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुये कहा कि यह न केवल विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों का ज्ञानवर्द्धन करेगें बल्कि विश्वविद्यालय के छात्रों को भी इनसे बहुत-कुछ सीखने को मिलेगा।

उन्होने इस कार्यक्रम को उदयपुर में आयोजित करने के लिये उद्यानिकी विश्वविद्यालय सोलन का आभार भी प्रकट किया ।

इस दो दिवसीय कार्यक्रम में ई-लर्निंग कोर्सेज विकसित करने के लिये श्री महेन्द्र सिंह, उद्यानिकी विश्ववविद्यालय, सोलन द्वारा प्रतिभागियों को विशिष्ठ प्रशिक्षण भी प्रदान किया जावेगा ।

अन्त में कार्यक्रम के समन्वयक डॉं. राजीव बैराठी ने अतिथियों एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुये इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये सभी का आभार प्रकट किया।

कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के कृषि अर्थशास्त्र विभाग की सह प्राध्यापक लतिका शर्मा ने किया।

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