भारत 2022 तक गगनयान लॉन्च करेगा, तीन अंतरिक्ष यात्री भी भेजेगा
उदयपुर 17 सितंबर 2019। सान्सा फाउण्डेशन द्वारा केन्द्र सरकार के सभी रिसर्च एण्ड डवपलमेन्ट से जुड़े विभागों की तीन दिवसीय विज़न राजस्थान 2019 प्रदर्शनी से होटल इन्दर रेजीडेन्सी में प्रारम्भ हुई। मेले में इसरो से आए हरीश चंद्र तिवारी ने कहा कि भारत 2022 तक गगनयान और लांच करेगा जो चन्द्रयान -2 की तरह ही होगा। इसकी खास बात यह है कि इसमें तीन अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में जाएंगे जो छह सात दिन तक अन्तरिक्ष मे ही रहेंगे। उन अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण भी प्रारंभ हो गया है और खुशी की बात यह है कि तीनों अंतरिक्ष यात्री भारतीय ही होंगे।
उदयपुर 17 सितंबर 2019। सान्सा फाउण्डेशन द्वारा केन्द्र सरकार के सभी रिसर्च एण्ड डवपलमेन्ट से जुड़े विभागों की तीन दिवसीय विज़न राजस्थान 2019 प्रदर्शनी से होटल इन्दर रेजीडेन्सी में प्रारम्भ हुई। मेले में इसरो से आए हरीश चंद्र तिवारी ने कहा कि भारत 2022 तक गगनयान और लांच करेगा जो चन्द्रयान -2 की तरह ही होगा। इसकी खास बात यह है कि इसमें तीन अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में जाएंगे जो छह सात दिन तक अन्तरिक्ष मे ही रहेंगे। उन अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण भी प्रारंभ हो गया है और खुशी की बात यह है कि तीनों अंतरिक्ष यात्री भारतीय ही होंगे।
प्रदर्शनी का उद्घाटन सांसद अर्जुन मीणा ने किया। इस अवसर पर मीणा ने कहा कि बच्चों में जागरूकता पैदा करने के लिए इस तरह के मेलों का आयोजन जरूरी है। इससे बच्चों में ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में होने वाले समाचारों की जानकारी मिलती है।फाउंडेशन के एमएम भास्कर ने बताया कि यह मेला बच्चों में इस बात की जागरूकता पैदा करने के लिए लगाया जाता है कि ज्ञान विज्ञान की दुनिया में देश में क्या हो रहा है। खासकर इसरो के बारे में उन्हें मेले के जरिए जानकारी दी जाती है। बच्चो को कुछ ही क्षेत्रों की जानकारी होती है जिसमे वह अपने करियर की तलाश करते है, जबकि इसरो ऐसा क्षेत्र है जहां पर रोजगार की और अपने प्रतिभाओं को साबित करने की अपार संभावना है। लेकिन बच्चों में जागरूकता के अभाव में इसकी जानकारी नहीं होती है। इस 3 दिन से मेले में बच्चों को इसी बारे में जानकारी दी जा रही है।
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मेले में इसरो से आए हरीश चंद्र तिवारी ने एक ऐसे डायमीटर का प्रदर्शन किया जिसमें से बहुत दूर के तारामंडल को भी देखा जा सकता है उन्होंने चंद्रयान 2 मिशन के बारे में बच्चों को जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह से इन मौके पर जाकर विक्रम लैंडर वहां सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाया। विक्रम की गति बहुत ज्यादा थी जिस कारण और चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर सका। हालांकि चन्द्रयान-2 से संपर्क लगातार कोशिश की जा रही है फिर भी यह मिशन फेल नहीं हुआ है। विक्रम अपना काम अच्छी गति से कर रहा है जिससे शीघ्र ही संपर्क स्थापित किया जा सकेगा।
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