इंदिरा गाँधी राजनेता ही नहीं बल्कि एक प्रकृति प्रेमी भी थी : जयराम रमेश


इंदिरा गाँधी राजनेता ही नहीं बल्कि एक प्रकृति प्रेमी भी थी : जयराम रमेश

उदयपुर में मंगलवार को रेडिसन ब्लू होटल में प्रभा खेतान फाउंडेशन द्वारा आयोजित 'कलाम' कार्यक्रम में आये कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश जयराम ने अपनी लिखी किताब 'Indira Gandhi - A Life in Nature' पर चर्चा करते हुए कहा की इंदिरा गाँधी को लोग आयरन लेडी के नाम से जानते है, लेकिन बहुत कम लोग जानते है की इंदिरा गाँधी सिर्फ राजनेता ही नहीं बल्कि पर्यावरणविद और प्रकर्ति प्रेमी भी थी।

 
इंदिरा गाँधी राजनेता ही नहीं बल्कि एक प्रकृति प्रेमी भी थी : जयराम रमेश

उदयपुर में मंगलवार को रेडिसन ब्लू होटल में प्रभा खेतान फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘कलाम’ कार्यक्रम में आये कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश जयराम ने अपनी लिखी किताब ‘Indira Gandhi – A Life in Nature’ पर चर्चा करते हुए कहा की इंदिरा गाँधी को लोग आयरन लेडी के नाम से जानते है, लेकिन बहुत कम लोग जानते है की इंदिरा गाँधी सिर्फ राजनेता ही नहीं बल्कि पर्यावरणविद और प्रकर्ति प्रेमी भी थी।

जयराम रमेश ने कहा की देश में पर्यावरण संरक्षण के लेकर कई कानून बने हुए है लेकिन उनकी पालना में सख्ती ज़रूरी है, उन्होंने कहा की सिंगापुर जैसे देश के नागरिक उनकी सरकार का पूरा साथ देते है। ऐसे में आवश्यकता है की हमारे देश में भी पर्यावरण संरक्षण को लेकर लोगो को जागरूक होने की ज़रुरत है। लोगो की मानसिकता बदलने की ज़रुरत है। उन्होंने राजस्थान के बिश्नोई समाज का उदाहरण देते हुए कहा की भारतीय समाज को बिश्नोई समाज से प्रेरणा लेते हुए अपने वन और वन्यजीवों के प्रति सजग होने की आवश्यकता है।

इंदिरा गाँधी राजनेता ही नहीं बल्कि एक प्रकृति प्रेमी भी थी : जयराम रमेश

जयराम रमेश ने इंदिराजी की पर्यावरण को लेकर सजगता और चिंता पर एक किस्सा बयां करते हुए कहा की जब 70s के दौर पाकिस्तान और उनके राष्ट्रपति जिया उल हक़ से बेहद तल्ख़ रिश्ते होते हुए भी जिया उल हक़ और अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति को साइबेरियन बर्ड को प्रोटेक्ट करने के लिए पत्र लिखा। यही नहीं U.N. द्वारा स्टॉकहोम में होने वाली पहली पर्यावरण संरक्षण ने हिस्सा लेने वाली एकमात्र राष्ट्राध्यक्ष थी। 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर भी उन्होंने ही शुरू किया था। इसी तरह गुजरात में प्रोजेक्ट लायन भी शुरू किया था।

इंदिरा गाँधी राजनेता ही नहीं बल्कि एक प्रकृति प्रेमी भी थी : जयराम रमेश

जयराम रमेश ने मोदी के स्वच्छता अभियान पर टिपण्णी करते हुए कहा की वर्तमान सरकार में जो भी योजनाए चल रही है वो सभी वही योजनाए है जो UPA सरकार ने शुरू की थी, बस केवल योजनाओ के नाम बदल गए है। उन्होंने स्वंय मंत्री रहते हुए निर्मल भारत अभियान शुरू किया था जो आज स्वच्छ भारत अभियान के नाम से जाना जाता है। वर्तमान सरकार ने खुले में शौच मुक्त भारत अभियान की बजाय कांग्रेस मुक्त भारत पर अधिक ध्यान दिया। जब उन्होंने निर्मल भारत अभियान के तहत “शौचालय पहले देवालय बाद में” और “शौचालय नहीं तो दुल्हन नहीं” जैसे नारे दिए तो भाजपा, आर एस एस, बजरंग दल ने कड़ा विरोध किया था वही लोग आज स्वच्छ भारत अभियान चला रहे है, इस बात की मुझे ख़ुशी है।

इंदिरा गाँधी राजनेता ही नहीं बल्कि एक प्रकृति प्रेमी भी थी : जयराम रमेश कार्यक्रम के दौरान प्रभा खेतान फाउंडेशन की स्वाति अग्रवाल, शुभ सिंघवी, मूमल भंडारी, रिद्धिमा दोशी, श्रद्धा मुर्डिया, कनिका अग्रवाल सहित प्रभा खेतान फाउंडेशन की अन्य सदस्याओं के साथ अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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