जीएसटी लागू होने पर कम होगी महंगाई: नीतू भारद्वाज


जीएसटी लागू होने पर कम होगी महंगाई: नीतू भारद्वाज

मैन्यूफैक्चरिंग इण्डस्ट्री को उत्पादन पर इनपुट क्रेडिट मिलना प्रारम्भ होना जीएसटी कर प्रणाली की सबसे बड़ी विशेषता है। इससे उत्पाद की निर्माण लागत में कमी आयेगी जिससे वस्तुओं के दाम घटेंगे तथा इसका लाभ उपभोक्ता को मिलेगा।

 
जीएसटी लागू होने पर कम होगी महंगाई: नीतू भारद्वाज

मैन्यूफैक्चरिंग इण्डस्ट्री को उत्पादन पर इनपुट क्रेडिट मिलना प्रारम्भ होना जीएसटी कर प्रणाली की सबसे बड़ी विशेषता है। इससे उत्पाद की निर्माण लागत में कमी आयेगी जिससे वस्तुओं के दाम घटेंगे तथा इसका लाभ उपभोक्ता को मिलेगा।

उपरोक्त विचार वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी श्रीमति नीतू भारद्वाज द्वारा व्यक्त किये गये।

उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा आज अपरान्ह 3.30 बजे चेम्बर भवन के पायरोटेक टेम्पसन्स सभागार में जीएसटी पर एक जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें वाणिज्य कर अधिकारी श्रीमति नीतू भारद्वाज एवं श्री मनीष बक्षी ने उद्यमियों एवं व्यवसायियों को जीएसटी कर प्रणाली के विषय में जानकारी प्रदान की।

श्रीमति नीतू भारद्वाज ने पावर पॉइन्ट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से बताया कि सरकार का यह प्रयास है कि व्यापार को सरल बनाया जाये तथा इसमें कानूनी पेचिदगियां न के बराबर हो। इस कर प्रणाली के तहत बिक्री एवं खरीद का सिस्टम समाप्त हो जायेगा तथा माल सप्लाई होते ही इनवॉईस तैयार करनी होगी। रिटर्न फाईलिंग का सिस्टम मासिक रहेगा तथा ऑन लाईन रिटर्न फाईलिंग के समय यह क्रॉस चैक किया जा सकेगा कि खरीददार द्वारा इनवॉईस दर्शाई गई है अथवा नहीं, तभी विक्रेता को इनपुट क्रेडिट का लाभ प्राप्त हो सकेगा। मासिक रिटर्न हेतु प्रोविजनल रिटर्न फाईल किये जाने का प्रावधान रखा गया है, बाद में फाईनल रिटर्न फाईल करते समय इनपुट क्रेडिट प्राप्त की जा सकती है। क्रेडिट सेटलमेन्ट के लिये आई.टी. सॉफ्टवेयर द्वारा ऑटोमेटिक सेटऑफ प्राप्त हो सकेगी तथा मिसमेच की समस्या नहीं रहेगी।

श्रीमति नीतू भारद्वाज ने सीजीएसटी, एसजीएसटी एवं आईजीएसटी के बारे में विस्तार से समझाया। जिस राज्य में उत्पाद अथवा सेवा का उपभोग हो रहा है टैक्स वहीं पर लागू होगा। उन्होंने यह भी बताया कि निर्यात पर टैक्स की दर शून्य प्रतिशत रहेगी।

सीटीओ श्री मनीष बक्षी ने बताया कि सरकार द्वारा जीएसटी के रूप में ऐसी कर प्रणाली लागू करने की व्यवस्था जा रही है जो सभी प्रकार से त्रुटी रहित एवं सरल हो। कर विभाग का यह प्रयास है कि उद्यमियों एवं व्यवसायियांे को जीएसटी के बारे में जानकारी देकर उनके सुझाव प्राप्त करे जिससे पॉलिसी तैयार करते समय जीएसटी नियमों में इन्हें शामिल किया जा सके।

श्री बक्शी ने बताया कि जीएसटी के तहत करमुक्त वस्तुओं की सूची में न्यूनतम उत्पाद एवं सेवाएं रखी गई है। सभी उत्पाद एवं सेवाओं के जीएसटी के दायरे में आने से टैक्स की दर में निश्चित रूप से कमी आयेगी।

श्री बक्शी ने कम्पोजिशन स्कीम, थ्रसोल्ड लिमिट, रेवेन्यू न्यूट्रल रेट आदि के विषय में भी विस्तृत जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि सेवा अथवा उत्पाद का उपभोग करने वाले स्थान पर कर लागू होने से राजस्थान जैसे औद्योगिक रूप से कम विकसित राज्य को लाभ मिलेगा वहीं मैन्यूफैक्चरिंग इण्डस्ट्रीज के क्षेत्र में विकसित गुजरात, महाराष्ट्र, आन्ध्रप्रदेश आदि राज्यों को कुछ हद तक राजस्व हानि होगी।

सेमिनार के आरंभ में अध्यक्ष श्री वी.पी. राठी ने वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों तथा उद्यमियों एवं व्यवसायियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन मानद महासचिव श्री जतिन नागौरी ने किया। कार्यक्रम में उद्यमियों एवं व्यवसायियों के अलावा बड़ी संख्या में चार्टर्ड एकाउन्टेंट तथा औद्योगिक इकाईयों एवं व्यावसायिक संगठनों के लेखा विभाग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के अन्त में वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री हंसराज चौधरी ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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