कलाओं के जरिये महिलाओं को स्वस्थ व सशक्त बनाने की पहल
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र तथा ग्लोबल हैल्थ एडवोकेट सोसायटी नई दिल्ली की ओर से शिल्पग्राम में सोमवार को ‘वूमन हैल्थ डेवलपमेन्ट’ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कलाकारों व महिला कलाकर्मियों के लिये आयोजित इस कार्यशाला में कलाओं के माध्यम से महिलाओं को स्वस्थ एवं सशक्त बनाने के प्रयासों पर बल दिया गया।
पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र तथा ग्लोबल हैल्थ एडवोकेट सोसायटी नई दिल्ली की ओर से शिल्पग्राम में सोमवार को ‘वूमन हैल्थ डेवलपमेन्ट’ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कलाकारों व महिला कलाकर्मियों के लिये आयोजित इस कार्यशाला में कलाओं के माध्यम से महिलाओं को स्वस्थ एवं सशक्त बनाने के प्रयासों पर बल दिया गया।
दर्पण सभागार में आयोजित कार्यशाला में प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. दिनेश अग्रवाल ने गर्भावस्था तथा शिशु जन्म, कुपोषण से जुडी समस्याओं पर उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में व्याप्त अनेक मान्यताओं के चलते महिलाओं के स्वास्थ्य को अनदेखा कर दिया जाता है; जबकि इस दौरान समय पर डाक्टरी जाँच, नियमितद वा सेवन आवश्यक होता है।
कन्या भ्रूण हत्या पर चिन्ता व्यक्त करते हुए उन्होंने बताया कि यह समाज के लिये अभिशाप है इसे महिलाओं के स्तर पर रोकने की आवश्यकता है। डॉ. अग्रवाल ने इस अवसर पर कलाकारों से अपनी कलाओं, गीतों, कठपुतलियों के माध्यम से महिलाओं में जागृति पैदा करने की आवश्यकता जतलाई।
केन्द्र निदेशक शैलेन्द्र दशोरा ने इस अवसर पर कहा कि महिलाओं विशेषकर महिला लोक कलाकारों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने के लिये इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
कार्यशाला में लोक कलाकारों के अलावा मीरा कन्या महाविद्यालय की छात्राएँ एवं डॉ. ऋतु मथारू, जप दक्षा ट्रस्ट की अलका व्यास ने प्रतिभागियों साथ इन्टरेक्शन किया व विभिन्न जानकारियाँ दी।
इस अवसर पर लोक कलाकारों ने तेराताली नृत्य, कठपुतली कला, तथा चित्रकार छात्राओं ने चित्रकृतियों से महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया। ग्लोबल हैल्थ एडवोकेट सोसायटी की डॉ. सपना नवीन ने कार्यशाला की रूपरेखा पर प्रकाश डाला व विभिन्न जानकारियाँ दी। अतिरिक्त निदेशक फुरकान खान ने आभार प्रदर्शन किया।
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