स्कूल बस के दुर्घटनाग्रस्त होने पर संस्थान भी होगा जिम्मेदार – एएसपी
विभिन्न शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के सुरक्षित परिवहन हेतु वाहन चालक से
विभिन्न शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के सुरक्षित परिवहन हेतु वाहन चालक से साथ ही शिक्षण संस्थान की भी पूरी तरह जिम्मेदार है। किसी भी दुर्घटना की स्थिति में चालक के साथ-साथ संस्थान के प्रबंधन के विरुद्ध भी नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। यह बात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बाल-वाहिनी स्थायी संयोजक समिति की मंगलवार को पुलिस लाइन सभागार में आयोजित बैठक में कही। बैठक में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी मन्नालाल रावत, पुलिस परिवहन वशिक्षा विभाग के अधिकारी, समिति के मनोनीत सदस्य एवं शहर की प्रमुख शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
पुलिस, परिवहन एवं शिक्षा विभाग के साझे में आयोजित बैठक में बैठक में बाल-वाहिनी योजना के संबंध में सरकार की ओर से समय-समय पर जारी निर्देशों पर विस्तार से चर्चा की गई। जोशी ने कहा कि सभी शिक्षण संस्थाएं अपनी निजी बसों तथा अन्य बाहरी वाहनों की फिटनेस, ड्राइवर की योग्यता, सीटिंग क्षमता के बारे में दिए गए निर्देशों का पूरी तरह से पालन करें। उन्होने कहा कि पुलिस की ओर से बाल-वाहिनियों की औचक जांच की जाएगी। कमी पाए जाने पाने पर निमयानुसार कार्यवाही की जाएगी ताकि बच्चों की सुरक्षा के साथ कोई खिलवाड़ नहीं हो।
नवीन तकनीकी का प्रयोग करना अनिवार्य
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी मन्ना लाल रावत ने बैठक में उपस्थित शिक्षण संस्थाओं के प्रनितिधियों से कहा कि सरकार के नए निर्देशों के अनुसार संस्थानों को अपने वाहनों में नवीन तकनीक का उपयोग करना अनिवार्य है। उन्होने कहा कि वाहन पर जीपीएस सिस्टम लगाना तथा शिक्षण संस्थान के मुख्य द्वार पर स्थाई सीसीटीवी कैमरे लगाना सुनिश्चित करें।
रोड सेफ्टी क्लब को करें सुदृढ़
शिक्षण संस्थाओं में संचालित रोड सेफ्टी क्लब को सुदृढ़ करते हुए सुरक्षित ड्राइविंग पर नियमित वार्ताएं एवं प्रशिक्षण जैसी गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश बैठक में दिए गए। व्याख्याता या पीटीआई को क्लब का संयोजक नियुक्त करने को कहा गया जो संस्थान में जिला पुलिस अधीक्षक के प्रतिनिधि के रूप में जाना जाएगा। संस्थान प्रतिनिधियों को निर्देश दिए गए कि वे ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाले एवं हेलमेट लगाने वाले छात्रों को ही दुपहिया वाहन लेकर अध्ययन हेतु आने को पाबंद करें। इस संबंध में अभिभावकों को भी जागरूक करें। 5 से 15 जुलाई तक चलने वाले जागरूकता अभियान के तहत शिक्षण संस्थाओं में छात्र-छात्राओं को सड़क सुरक्षा संबंधी जानकारी प्रदान करें।
पुलिस वेरिफिकेशन के पश्चात ही रखें ड्राइवर
एएसपी ने कहा कि शिक्षण संस्थान अपने विद्यार्थियों का परिवहन करने वाले सभी वाहनों का रिकॉर्ड रखें तथा उनके ड्राइवर की योग्यता के बारे में पूर्ण जानकारी करने के पश्चात ही वाहन चलाने की अनुमति प्रदान करें। संबंधित थानों से ड्राइवर का वेरिफिकेशन करवाएं तथा क्रिमिनिल या गलत छवि वाले चालकों को वाहन नहीं चलाने दें।
मनोनीत सदस्यों व प्रतिनिधियों ने दिए सुझाव
विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर बैठक में स्थायी संयोजक समिति के सदस्यों तथा संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भी अपने सुझाव रखे। ऑटो एवं वेन में क्षमता से अधिक बच्चों का परिवहन रोकने का सुझाव दिया गया। सदस्य शब्बीर के.मुस्तफा ने प्रस्ताव रखा कि स्थान उपलब्ध करवाने पर वे वाहन निर्माता कंपनी की ओर से विद्यार्थियों के लिए निशुल्क प्रशिक्षण उपलब्ध करवाने की व्यवस्था करवा सकते हैं। हरीश राजानी ने सुझाव दिया कि शिक्षण संस्थाओं में वाहन लेकर आने वाले विद्यार्थियों की सूची मांगी जाए ताकि उनके बारे में पूरी जानकारी रखी जा सके। शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम को सुदृढ़ करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में भी बाल-वाहिनी योजना के अनुसार परिवहन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
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