उदयपुर 30 मार्च 2020। जिला कलक्टर श्रीमती आनन्दी ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अपने गृह जिले या राज्य लौट रहे शरणार्थी श्रमिेकों को क्यूरेनाइन पर रखे जाने के निर्देश दिए है।
कलक्टर ने समस्त उपखण्ड अधिकारियों को निर्देश दिए है कि जो भी शरणार्थी अपने गृह जिले में आ रहे है किन्तु गंतव्य तक नहीं पहुंचे है ऐसे समस्त लोगों को तत्काल प्रभाव से 14 दिन के संस्थागत क्यूरेनटाइन में रखा जाकर निर्धारित फॉर्म में सूची संकलित करें। उन्होंने क्यूरेनटाईन में रखने से पूर्व इनकी स्वास्थ जांच करवाने व केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुरूप ठहरने आदि व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी अधिकारियों को पाबंद किया है।
कलक्टर ने बताया कि जिले के समस्त उपखण्ड अधिकारियों को सहायता शिविर घोषित करने के अधिकार प्रदान कर निर्देश दिये है कि वे आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत स्वयं के स्तर पर अपने क्षेत्र में संस्थागत क्यूरेनटाइन के लिए राजकीय या निजी भवनों को चिन्हित कर अधिग्रहित करे तथा सहायता शिविर घोषित करें। साथ ही प्रत्येक भवन के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त कर निर्देशानुसार समस्त रिकॉर्ड संधारित करेे।
जिला कलक्टर श्रीमती आनन्दी ने एक आदेश जारी कर आपातकालीन स्थिति में सहायता शिविर कैम्प के लिए शहर के तीन भवनों को मय समस्त संसाधनों व कार्मिकों सहित अधिग्रहित कर लिया है।
कलक्टर ने आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 24, 30, 31, 32, 34, 51 व 65 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उदयपुर के भीलों का बेदला स्थित पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल, एयरपोर्ट रोड स्थित गीतांजलि इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्ट्डीज व भटेवर स्थित सर पद्मपत सिंघानिया यूनिवर्सिटी को अधिग्रहित कर लिया है।
यहां पर शरणार्थी, बेघर व प्रवासी श्रमिकों के आइसोलेशन क्यूरेनटाइन कैंप के रूप में या सहायता शिविर स्थापित कर राज्य से समय समय पर जारी एडवाइजरी के अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु सहायता शिविर घोषित किया गया है।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal