“संसाधन प्रबन्धन में नैतिकता एवं जीवन मूल्यों विषय” पर अन्तर्राष्ट्रीय सेमीनार सम्पन्न


“संसाधन प्रबन्धन में नैतिकता एवं जीवन मूल्यों विषय” पर अन्तर्राष्ट्रीय सेमीनार सम्पन्न

व्यक्ति किसी को धोखा देते हुए अगर व्यवसाय करता है तो ऐसा अर्थशास्त्र सुखद अर्थशास्त्र नहीं हैं। यह विचार व्यक्त किए आचार्य महाश्रमण ने। पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रबन्धन संकाय की ओर से दिल्ली के महरोली, स्थित आध्यात्म साधना केन्द्र में "संसाधन प्रबन्धन में नैतिकता एवं जीवन मूल्यों विषय" पर आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय सेमीनार के समापन समारोह के इस मौके पर आचार्य महाश्रमण ने कहा कि जीवन में सादगी और विचारो की उच्चता होनी चाहिए क्यों कि विचारो की उच्चता और सादगी व्यक्ति को सफलता की ओर ले जाती हैं।

 

“संसाधन प्रबन्धन में नैतिकता एवं जीवन मूल्यों विषय” पर अन्तर्राष्ट्रीय सेमीनार सम्पन्न

व्यक्ति किसी को धोखा देते हुए अगर व्यवसाय करता है तो ऐसा अर्थशास्त्र सुखद अर्थशास्त्र नहीं हैं। यह विचार व्यक्त किए आचार्य महाश्रमण ने। पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रबन्धन संकाय की ओर से दिल्ली के महरोली, स्थित आध्यात्म साधना केन्द्र में “संसाधन प्रबन्धन में नैतिकता एवं जीवन मूल्यों विषय” पर आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय सेमीनार के समापन समारोह के इस मौके पर आचार्य महाश्रमण ने कहा कि जीवन में सादगी और विचारो की उच्चता होनी चाहिए क्यों कि विचारो की उच्चता और सादगी व्यक्ति को सफलता की ओर ले जाती हैं।

उन्होने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय सेमीनार में जो चिन्तन मनन हुआ है इससे राष्ट्र के आर्थिक संसाधनों में उत्तरोत्तर प्रगति होगी।

अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन समारोह के दौरान पेसिफिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रोफेसर शर्मा ने आचार्य महाश्रमण को विश्वास दिलाया कि आगामी वर्षो में अर्थशास्त्र सम्बधित विषय पर जो भी सेमीनार होगी उसमें पेसिफिक विश्वविधालय पूर्ण सहयोग देगा।

पेसिफिक प्रबन्धन संकाय की डीन प्रोफेसर महिमा बिड़ला ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन समारोह में स्थायी विकास हेतु प्राकृतिक संसाधनों का पर्यावरण संरक्षण के अनुरूप प्रबन्धन , भगवान महावीर का आर्थिक चिन्तनः सापेक्ष अर्थव्यवस्था का निर्माण , स्थायी विकास हेतु राजकोषीय एवं मौद्रिक हस्तक्षेप, समाज एवं अंशधारियों के प्रति कॉरपोरेट सेक्टर का उत्तरदायित्व एवं कौन अधिक हानिकारक है?

बाजार की असफलता, सरकार की असफलता या नैतिक असफलता, विषयों पर देश के विभिन्न शहरों के विश्वविद्यालयों से आए लगभग 230 शोधार्थी एवं शिक्षाविदों ने पत्र वाचन किया।

इस अबसर पर पेसिफिक मेडीकल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल के प्रिसिडेन्ट डॉ डी.पी.अग्रवाल,पेसिफिक डेन्टल कॉलेज के हैड डॉ बी.डी.राय, एमडीएस विश्वविधालय के कुलपति प्रो.के.सी.सोढाणी, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक, प्रोफेसर एस.पी. बंसल, तीर्थांकर महावीर विश्वविद्यालय, उत्तरप्रदेश के पूर्व कुलपति प्रोफेसर राजकुमार मित्तल तथा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, दिल्ली के प्रबन्ध सचिव अतुल कोठारी भी उपस्थित थे।

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