पेसिफिक विश्वविद्यालय द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन


पेसिफिक विश्वविद्यालय द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन

पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रबन्धन संकाय द्वारा 1 व 2 नवम्बर को महरोली, दिल्ली स्थित आध्यात्म साधना केन्द्र में दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन होने जा रहा है।

 

पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रबन्धन संकाय द्वारा 1 व 2 नवम्बर को महरोली, दिल्ली स्थित आध्यात्म साधना केन्द्र में दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन होने जा रहा है।

सेमीनार का शुभारम्भ 1 नवम्बर को आचार्य महाश्रमण जी, अनेक देशों के राजदूतों, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, प्रख्यात अर्थशास्त्रियों तथा अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में होगा।

पेसिफिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा ने बताया कि यह आयोजन नई दिल्ली स्थित अन्तर्राष्ट्रीय सापेक्ष अर्थशास्त्र शोध संस्थान के साथ संयुक्त रूप से किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि 1 नवम्बर को उद्घाटन एवं 2 नवम्बर को समापन सत्रों में पूज्य आचार्य श्री महाश्रमण जी के प्रवचन का भी लाभ प्राप्त होगा। दोनों सत्रों की अध्यक्षता पेसिफिक विश्वविद्यालय के चेयरमेन श्री बी.आर. अग्रवाल करेंगे।

उद्घाटन सत्र में आमन्त्रित व्यक्ताओं पूर्व चुनाव आयुक्त डा. जी.वी.जी. कृष्णमुर्ति, सी.बी.आई. के पूर्व डायरेक्टर श्री जोगिन्दर सिंह, पूर्व राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री डा. भीष्मनारायण सिंह तथा स्पेन, इथियोपिया, बोसनिया-हर्जेगोविना, बोलिविया तथा अपोसटोलिक ननसिएचर ऑफ हॉलाइसी के माननीय राष्ट्रदूतों के उद्बोधनों का लाभ प्राप्त होगा। उल्लेखनीय है कि उच्च शिक्षा एवं प्रबंधन के क्षेत्र में नैतिक मूल्यों की स्थापना की दिशा में पेसिफिक विश्वविद्यालय ने अनेक कदम उठाए हैं। एवं इस विषय में किए जा रहे अनेक आयोजनों की श्रृंखला में यह आयोजन नई दिल्ली में किया जा रहा है।

तकनीकी सत्रों में पाँच विषयों पर होगा विचार मंथन

सेमीनार डायरेक्टर पेसिफिक प्रबन्धन संकाय की डीन प्रोफेसर महिमा बिड़ला ने सेमीनार के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि सेमीनार में पाँच तकनीकी सत्र होंगे जिनमें पाँच भिन्न-भिन्न विषयों पर शोध-पत्र प्रस्तुत किए जाऐंगे एवं विचार मंथन होगा। ये विषय है –

1. स्थायी विकास हेतु प्राकृतिक संसाधनों का पर्यावरण संरक्षण के अनुरूप प्रबन्धन 2. भगवान महावीर का आर्थिक चिन्तनः सापेक्ष अर्थव्यवस्था का निर्माण 3. स्थायी विकास हेतु राजकोषीय एवं मौद्रिक हस्तक्षेप 4. समाज एवं अंशधारियों के प्रति कॉरपोरेट सेक्टर का उत्तरदायित्व 5. कौन अधिक हानिकारक है? बाजार की असफलता, सरकार की असफलता या नैतिक असफलता।

अभी तक आयोजन समिति के पास देश-विदेश से 198 शोध पत्र प्राप्त हो चुके है।

प्रोफेसर बिड़ला ने बताया कि पाँचों सत्रों में मार्गदर्शन हेतु अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे जिनमें शामिल है वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक, केरीयर प्वॉइंट विश्वविद्यालय, कोटा के कुलपति कर्नल मिथिलेश दीक्षित, वीर नर्मदासाउथ गुजराज विश्वविद्यालय, सुरत के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बी.ए. प्रजापति, महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय, सोलन के कुलपति प्रोफेसर एस.पी. बंसल, तीर्थांकर महावीर विश्वविद्यालय, उत्तरप्रदेश के पूर्व कुलपति प्रोफेसर राजकुमार मित्तल तथा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, दिल्ली के प्रबन्ध सचिव श्री अतुल कोठारी।

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