गिट्स में अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
गीतांजली इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नीकल स्टडीज, डबोक, उदयपुर में विभिन्न इंजीनियरिंग विभाग व एमसीए के सयुंक्त तत्वाधान में एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।इस सेमिनार का आयोजन तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के बाद विद्यार्थी किस तरह अपने तकनीकी ज्ञान का उपयोग तथा जीवकोपार्जन करते हुए देश की सेवा करते हैं, उसी तथ्य को ध्यान में रखते किया गया । डीन एकेडमिक डाॅ पीसी बापना के सानिध्य में ‘‘इम्प्रुविंग कस्टमर एक्सपिरिन्यस बाई इन्टिग्रटेड ईआरपी, आईओटी एण्ड सीआरएम’’ के मुख्य अन्तर्राष्ट्रीय वक्ता निर्मल गौड (सीआरएम एनालिस्ट एवाडे, निदरलैण्ड) तथा प्रो सीपी गुप्ता (राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा) न
गीतांजली इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नीकल स्टडीज, डबोक, उदयपुर में विभिन्न इंजीनियरिंग विभाग व एमसीए के सयुंक्त तत्वाधान में एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
इस सेमिनार का आयोजन तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के बाद विद्यार्थी किस तरह अपने तकनीकी ज्ञान का उपयोग तथा जीवकोपार्जन करते हुए देश की सेवा करते हैं, उसी तथ्य को ध्यान में रखते किया गया । डीन एकेडमिक डाॅ पीसी बापना के सानिध्य में ‘‘इम्प्रुविंग कस्टमर एक्सपिरिन्यस बाई इन्टिग्रटेड ईआरपी, आईओटी एण्ड सीआरएम’’ के मुख्य अन्तर्राष्ट्रीय वक्ता निर्मल गौड (सीआरएम एनालिस्ट एवाडे, निदरलैण्ड) तथा प्रो सीपी गुप्ता (राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा) ने अपना व्याख्यान दिया।
इन्होंने बताया कि इंडस्ट्री में आजकल कम्प्यूटर तथा उस पर आधारित साॅफ्टवेयर पर निर्भरता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। साथ ही आज के इस स्पर्धा के दौर में कंपनी को अपने ग्राहकों को बेहतर सुविधा देने का दबाव लगातार रहता है। सीआरएम प्रत्येक ग्राहक के साथ होने वाले बातचीत तथा उसके व्यवहार को ट्रेक करती हैं साथ ही उसका रिकाॅर्ड भी रखती है जिससे ग्राहक को उसकी सुविधा के अनुसार उसका ध्यान रखा जा सके जिससे कम्पनी तथा उसके कर्मचारियों की साख बनी रहती है।
सिविल विभागाध्यक्ष डाॅ मनीष वर्मा के सानिध्य में ‘‘डिजाईन आॅफ केन्टीलिवर शीट पाइल वाल्स’’ के मुख्य वक्ता डाॅ वाय के बिंद (प्रोफेसर बीआईटी वहिर दार विश्वविद्यालय इथोपिया) ने अपना व्याख्यान दिया। इस सेमिनार में डाॅ बिंद द्वारा केन्टीलिवर शीट पाइल वाल्सके डिजाईन पर चर्चा की गई ।
केन्टीलिवर शीट पाइल वाल्स जलाशयों के पास निर्मित इमारतों की नींव में मृदा क्षय के कारण होने वाली हानि की सम्भावना को कम करता हैं। इसके अलावा तटीय इलाकों में एक्सप्रेस वे तथा हाइवे में होने वाली जरूरी ढाल को बनाये रखने में मदद करता हैं। विद्यार्थियों को इंडस्ट्री में सफलता के लिए इस तरह की तकनीकी तथा व्यवहारिक ज्ञान की आवश्यकता हैं। शिक्षण संस्थान व इंडस्ट्री के बीच की खाई को कम करने के लिए वक्ताओं ने तकनीकी व शैक्षणिक मिश्रित ज्ञान से विद्यार्थियों को अवगत कराया। इस सेमिनार में जोधपुर, जयपुर, इंदौर, कानपुर, नोयडा एवं देश के विभिन्न शहरों तथा उदयपुर के विभिन्न काॅलेजों से आए शिक्षकों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर डायरेक्टर एमबीए डाॅ पीके जैन, वित्त नियंत्रक बीएल जांगिड़, कम्प्यूटर इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष डाॅ वीआर रघुवीर व एमसीए विभागाध्यक्ष हेमन्त साहु उपस्थित थे। हिमांशु राज सिंह चौहान व गोपाल पालीवाल द्वारा धन्यवाद पारित किया गया।
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