उदयपुर हवाई अड्डे से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान में बाधा


उदयपुर हवाई अड्डे से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान में बाधा

महाराणा प्रताप हवाई अड्डे के निदेशक कुलदीप सिंह ऋषि ने कहा कि पिछले कुछ वर्षो से शहर में उदयपुर से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान शुरू करने की मांग की जा रही है। लेकिन इस मांग को पूरा करने में अनेक बाधाएं हैं। इस हवाई अड्डे की टर्मिनल बिल्डिंग के निर्माण के समय यहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को चलाने की कोई योजना नहीं थी, इसलिए ना तो कस्टम अधिकारियों के लिए कोई काउंटर बनाए गए, ना ही इमीग्रेशन अधिकारियों के लिए कोई व्यवस्था की गई और ना ही अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए अलग से कोई क्षेत्र निर्धारित किया गया।

 
उदयपुर हवाई अड्डे से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान में बाधा

महाराणा प्रताप हवाई अड्डे के निदेशक कुलदीप सिंह ऋषि ने कहा कि पिछले कुछ वर्षो से शहर में उदयपुर से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान शुरू करने की मांग की जा रही है। लेकिन इस मांग को पूरा करने में अनेक बाधाएं हैं। इस हवाई अड्डे की टर्मिनल बिल्डिंग के निर्माण के समय यहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को चलाने की कोई योजना नहीं थी, इसलिए ना तो कस्टम अधिकारियों के लिए कोई काउंटर बनाए गए, ना ही इमीग्रेशन अधिकारियों के लिए कोई व्यवस्था की गई और ना ही अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिए अलग से कोई क्षेत्र निर्धारित किया गया।

वे रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा रोटरी बजाज भवन में आयोजित वार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अब हमारी टर्मिनल बिल्डिंग में इतनी जगह नहीं है कि कस्टम तथा इमीग्रेशन के काउंटर लगाए जा सकें और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए अलग से प्रतीक्षा कक्ष बनाए जा सके। इन सब व्यवस्थाओं के अभाव में अंतरराष्ट्रीय उड़ान को चालू करना संभव नहीं है क्योंकि ऐसा करने से अंतर्देशीय और अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को अलग अलग रखना संभव नहीं होगा जो कि नियमों के अनुसार आवश्यक है। ऐसी हालत में अंतरराष्ट्रीय उड़ान चालू करने का एक ही रास्ता बचता है की अंतरराष्ट्रीय उड़ान को रात के समय चलाया जाए। ऐसा करने से अंतर्देशीय और अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों को अलग अलग किया जा सकता है।

ऋषि ने बताया कि उदयपुर से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान शुरू करना उस परिस्थिति मे संभव है जब यहां से दिन में घरेलू एवं रात्रि में अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने शुरू की जाये।इसके लिए हमें उदयपुर हवाई अड्डे पर एक तीसरी शिफ्ट शुरू करनी होगी जिसके लिए सभी विभागों के लगभग 120 अतिरिक्त अधिकारियों तथा कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। इस गिनती में सुरक्षा कर्मी, प्रचालन, अग्निशमन, वायु यातायात नियंत्रण, कस्टम, इमीग्रेशन, सिविल इलेक्ट्रिकल मेंटेनेंस, संचार तथा सफाईकर्मी भी सम्मिलित हैं।

हवाई अड्डे के पास वर्तमान में 536 एकड़ जमीन है तथा साथ ही डीजीसीए द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानकों को पूरा करने के लिये 145 एकड़ जमीन की और आवश्यकता है। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए राजस्थान सरकार से बातचीत चल रही है।

वर्तमान में यहां प्रतिदिन 19 घरेलू फ्लाईट का आना-जाना होता है। नई उड़ानें शुरू करने के संबंध में उन्होंने बताया कि फ्लासईट के उड़ान का निर्णय विभिन्न एयरलाइंस कंपनियों द्वारा लिया जाता है। ऐसे निर्णय एयरलाइंस द्वारा यात्रियों की मांग तथा उड़ान से होने वाले लाभ को ध्यान में रखते हुए ही लेती है। इसके अतिरिक्त हवाई जहाज की उपलब्धता भी निर्णय लेने का एक आधार होता है। 2017-18 में अलग अलग एयरलाइन से बैंगलोर, हैदराबाद और चेन्नई सेक्टर से उड़ान शुरू करने के प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, इन सभी प्रस्तावों को हमने स्वीकार कर लिया था लेकिन अंत में एयरलाइंस ने केवल चेन्नई सेक्टर में ही उड़ान को शुरू किया। इस निर्णय के पीछे एयरलाइंस के अपने आंतरिक कारण रहे होंगे। हमें आशा है कि आने वाले समय में उदयपुर से हैदराबाद एवं बैंगलोर के लिये भी उड़ानें शुरू हो जाएगी।

उन्होंने बताया कि हवाई अड्डा परिसर में नया सीसीटीवी सिस्टम तथा टैग लैस बेगेज हेण्डलिंग सिस्टम को शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। उदयपुर हवाई अड्डा प्रतिवर्ष सुरक्षा पर 13 करोड़ 71 लाख रूपयें खर्च कर रहा है।

प्रतिदिन 5 लाख का नुकसान- ऋषि ने बताया कि उदयपुर हवाई अड्डा को आय के मुकाबले नुकसान अधिक हो रहा है। उसे प्रतिदिन औसतन 5 लाख रूपयें प्रतिदिन नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस नुकसान की भरपाई यहाँ से और अधिक उड़ाने शुरू करने पर संभव है। प्रति उड़ान हमें लगभग 80 हजार रूपये मिलते है।

दृष्टि बाधित को टर्मिनल तक पंहुचने में होगी आसानी- उन्होंने बताया कि उदयपुर हवाई अड्डा अपने परिसर में दृष्टि बाधितों को टर्मिनल तक आसानी से पंहुचने के लिये उनके लिये विशेष एक टैक्टाइल फ्लोरिंग करवाने का कार्य किया जा रहा है जो एक माह में पूर्ण हो जायेगा। हवाई अड्डा परिसर में 28 करोड़ की लागत से नये पार्किंग स्टेण्ड बनाये जा रहे है। इनके बनने के बाद परिसर में कुल 18 पार्किंग स्टेण्ड हो जायेंगे।

गत वर्ष उदयपुर हवाई अड्डा पर पेसेन्जर की ग्रोथ में बहुत गिरावट आयी और वह 10 प्रतिशत पर आ गयी, जो 2 वर्ष पूर्व यह ग्रोथ 50 प्रतिशत थी। उदयपुर का महाराणा प्रताप हवाई अड्डा स्वच्छता के मामलें में देश में सबसे आगे रहा उसे 5 में से 4.98 अंक मिलें जो देश के हवाई अडडो के इतिहास में सर्वाधिक है।

इस अवसर पर क्लब अध्यक्ष डॉ. एन.के.धींग ने कहा कि एयरर्पोट पर आमजन के लिये और सुविधाओं की दरकार है जिनके पूर्ण होने पर यात्रियों को और अधिक सुविधायें मिल पायेगी। इस ओर एयरपोर्ट ऑथरिटी का पूर्ण ध्यान है। प्रारम्भ में वीरेन्द्र सिरोया ने कुलदीप ऋषि का परिचय दिया। महेन्द्र टाया ने इनका स्वागत किया। अंत में सचिव दिनेशचन्द्र अग्रवाल ने आभार ज्ञापित किया।

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