पदोन्नति में अनियमित्ता: प्राध्यापकों ने ली न्यायालय की शरण


पदोन्नति में अनियमित्ता: प्राध्यापकों ने ली न्यायालय की शरण

पिछले दिनों राजस्थान माध्यमिक शिक्षा विभाग, बीकानेर द्वारा प्रधानाचार्य, उच्च माध्यमिक के पदों पर पदोन्नति की गयी, जिसके चलते पुरे जिले के दर्जन से ज्यादा प्राध्यापकों ने मिलकर इस पदोनत्ति को राजस्थान शिक्षा सेवा नियम 1970 के स्ताथ्पि

 

पिछले दिनों राजस्थान माध्यमिक शिक्षा विभाग, बीकानेर द्वारा प्रधानाचार्य, उच्च माध्यमिक के पदों पर पदोन्नति की गयी, जिसके चलते पुरे जिले के एक दर्जन से ज्यादा प्राध्यापकों ने मिलकर इस पदोनत्ति को राजस्थान शिक्षा सेवा नियम 1970 के स्ताथ्पित नियम 28 उपनियम 7 के खिलाफ किये जाने का आरोप लगाया और इसी बाबत राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में वाद भी दायर किया है।

जानकारी के अनुसार 2005 में भी इसी प्रकार से उठे मुद्दे पर “राजस्थान शिक्षा सेवा प्राध्यापक संघ (रेसला)” द्वारा विभाग और राज्य सरकार को राजस्थान उच्च न्यायालय के अधिवक्ता द्वारा नोटिस दिया गया था।

नियमानुसार इस वर्ष हुई पदोनत्ति के समय उन ‘प्राध्यापकों’ का भी ध्यान रखा जाना चाहिए था जिनकी वरिष्ठता, संस्थायी नियुक्ति तिथि के आधार उन ‘प्रधानाध्यापक, माध्यमिक’ एंव ‘वरिष्ठ उप जिला शिक्षाधिकारियों’ से ज्यादा है जो की इस बार पदोन्नत हुए हैं।

प्राध्यापकों का कहना है की इस पदोन्नति में विभाग द्वारा राजस्थान शिक्षा सेवा नियम 1970 के नियम 28 उपनियम 7 का उल्लंघन किया जा रहा है जिसके अनुसार “पदोन्नति योग्य पात्रों की संस्थायी नियुक्ति के आधार पर वरिष्ठता सूची संधारित कर प्रधानाचार्य, उच्च माध्यमिक के पदों पर पदोन्नति की जानी चाहिए”।

राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर द्वारा इस वाद पर पहली सुनवाई 25 अप्रैल को की जाएगी।

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