पंकज उधास की गजलों से सजी शाम दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है


पंकज उधास की गजलों से सजी शाम दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है

सृजन द स्पार्क संस्था द्वारा हिन्दुस्तान जिंक के सहयोग दो दिवसीय ‘‘एक सकून जश्न-ए-परवाज़‘‘ कार्यक्रम भारतीय लोककला मण्डल में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के सीईओ सुनील दुग्गल, सीओओ अमिताभ गुप्ता, विशिष्ठ अतिथि ख्यातनाम गज़ल गयक अहमद हुसैन-मोहम्मद हुसैन, बाल्को कंपनी के सीईओ विकास शर्मा, माइक्रोमेक्स कंपनी के संस्थापक निदेशक राजेश अग्रवाल, राजेश केसवानी,  हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के कोरपोरेट हेड पवन कौशिक थे।

 

पंकज उधास की गजलों से सजी शाम दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है

सृजन द स्पार्क संस्था द्वारा हिन्दुस्तान जिंक के सहयोग दो दिवसीय ‘‘एक सकून जश्न-ए-परवाज़‘‘ कार्यक्रम भारतीय लोककला मण्डल में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के सीईओ सुनील दुग्गल, सीओओ अमिताभ गुप्ता, विशिष्ठ अतिथि ख्यातनाम गज़ल गयक अहमद हुसैन-मोहम्मद हुसैन, बाल्को कंपनी के सीईओ विकास शर्मा, माइक्रोमेक्स कंपनी के संस्थापक निदेशक राजेश अग्रवाल, राजेश केसवानी,  हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के कोरपोरेट हेड पवन कौशिक थे।

कार्यक्रम की शुरूआत देश के ख्यातनाम गज़ल गायक पंकज उधास की सुरीली आवाज में सजी धजी गज़ल की शाम का सभी श्रोता ने आनन्द लिया। गज़ल गायक पंकज उधास ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत गज़ल ’दिल धड़कने का सबब याद आयें…’ से की तो तालियों की भरपूर दाद मिली। ढोलक, तबला, बांसुरी, केसियो की संगत ने गज़ल को नया आयाम दिया। पंकज उधास ने कहा हिन्दुस्तान के इस हिस्से में आ कर बहुत खुशी मिलती है क्योंकि यहाँ प्यार, संगीत का माहौल मिलता है। केसर जाफरी का कलाम ’दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है. हम भी पागल हो जायेंगे ऐसा लगता है..’ गज़ल पेश की तो श्रोताओ ने वाह-वाह कह कर उसे पूरी दाद दी। ’सब को मालूम है मैं शराबी नहीं फिर भी कोई पिलाये तो मैं क्या करूं..’ को पेश की।

पंकज उधास की गजलों से सजी शाम दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है

प्रारम्भ में जहाँ कार्यक्रम चेयरमेन जी.आर.लोढा ने अतिथियों का स्वागत किया, वहीं संस्था के पूर्वाध्यक्ष श्याम एस.सिंघवी ने सृजन द स्पार्क की 5 वर्ष की यात्रा की जानकारी दी। इस अवसर पर संस्था के संरक्षक प्रसन्न कुमार खमेसरा एवं अन्य सदस्यों द्वारा संस्था के उत्थान हेतु दिये गये योगदान का पावर पॉइन्ट प्रजेन्टेशन दिया तथा भावी योजनाओं की जानकारी दी।


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समारोह में देश के प्रसिद्ध संगीतकार आनन्द मिलिन्द को इस वर्ष हिन्दुस्तान जिंक सृजन पुरस्कार 2018 से नवाजा गया। गीतकार योगेश को मिला सृजन 2018 लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड से पंकज उधास, प्रसन्न कुमार खमेसरा, हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के सीओओ अमिताभ गुप्ता, राजेश खमेसरा ने सम्मानित कियां। दोनों को पुरूस्कार स्वरूप एक लाख रूपये की राशि दी गई। इनके साथ ही राजस्थान सहित देश में साहित्य, संगीत एवं कला के लिये अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले 7 अन्य व्यक्तियों एवं संस्थाओं को कला प्रेरक अवार्ड के तहत सृजन आमीर खुसरो अवार्ड नई दिल्ली के गालिब इंस्टीट्यूट को, सृजन वीडी पालुस्कर अवार्ड चित्तौड़गढ़ की मीरा कला संस्थान, सृजन खेमचंद प्रकाश अवार्ड दुबई के कस्तुब पिंगल को, सृजन औंकारनाथ ठाकुर अवार्ड मुबंई के पण्डित भवदीप जयपुरवाले, सृजन नंदलाल बोस अवार्ड उदयपुर के रियाज़ ए तहसीन, मास्टर मदन अवार्ड जावरा मध्यप्रदेश के अहमद रज़ा पप्पन को दिया गया।

पंकज उधास की गजलों से सजी शाम दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है

इस अवसर पर आनन्द मिलिंद की जोड़ी ने श्रोताओ की फरमाईश पर इनकी पहली सफलतम फिल्म कयामत से कयामत के गीत ’पापा कहते है बड़ा नाम करेगा…’ को सुनाकर सभी दिल जीत लिया। आनन्द ने गीत गाया और मिलिंद ने गिटार पर उनका साथ दिया। पहली बार उदयपुर आये आनन्द मिलिंद ने उदयपुर शहर को बहुत सुन्दर बताया। इस अवसर पर गज़ल गायक अजय पाण्डे सहाब, अहमद हुसैन-मोहम्मद हुसैन सहित अनेक गज़ल गायक मौजूद थे।

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