सेवा एवं सद्भाव की मिसाल जगदीश जोशी को 91 वें जन्मदिन पर पुस्तकों से तोला
उदयपुर, 22 दिसंबर। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपनी कर्मठता, ईमानदारी और सेवा के माध्यम से लोगों के दिलों मे जगह बना लेते हैं। ऐसे ही एक विभूति हैं जगदीश प्रसाद जोशी जिन्होने जनजाति बहुल क्षेत्र में कई दशकों से सेवाकार्य कर प्रेरणास्पद जीवन जीया है।
जोशी ने अपना सम्पन्न परिवार छोड़कर जनजातियों के विकास के लिए स्वयं छात्रावास में रहकर कार्य किया। उनका एक पुत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय में सचिव स्तर के अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। 91 वें वर्ष के प्रारम्भ में भी जोशी काफी ऊर्जावान एवं सक्रिय हैं।
रविवार को उनके 90 जन्मदिवस पूर्ण होने पर विश्वविद्यालय के प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के सभागार में एक अभिनंदन कार्यक्रम आयोजित किया गया। अभिनंदन समारोह में उन्हे पुस्तकों के तोला गया। कार्यक्रम में हरिसेवा धाम भीलवाड़ा के महामंडलेश्वर हंसराम जी महाराज, राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री बाबूलाल खराड़ी, सांसद मन्नालाल एवं ज़िला कलेक्टर नमित मेहता सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
पीपलखूंट से कोटड़ा तक है कार्यविस्तार
जगदीश जोशी का जन्म 1935 में भीलवाड़ा के सरदार नगर में हुआ। मद्रास इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियर की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात बांसवाड़ा के एक सुदूर गांव में इंचार्ज मिस्त्री के रूप में कार्य प्रारम्भ किया। जनजाति क्षेत्र में संरचनात्मक विकास की सरकार की योजनाओं के साथ काम करते-करते पदोन्नति प्राप्त कर अधिशासी अभियंता बने जोशी का मन सदैव जनजाति समाज के कल्याण एवं उनके विकास की और रहा।
सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद बांसवाड़ा के पीपलखूंट के लाम्बाडाबरा गांव में अकेले ही रहने लगे। इंजीनियरिंग के अनुभव से एक नदी पर सिंचाई के लिए एनीकट निर्माण का कार्य प्रारंभ किया। गांव में सिंचाई सुविधाओं की वृद्धि के साथ-साथ आदर्श गांव बनाने की ठानी। जनजातियों को अपना बंधु बांधव मानते हुए उनके बीच रस बस गए और उनके लिए उन्नत बीज, गाय के बछड़े की व्यवस्था करना, वृक्षारोपण का महत्व आदि समाज सेवाओं का कार्य करने लगे। तत्पश्चात वडलीपाड़ा के बाद वे उदयपुर के कोटड़ा क्षेत्र में आए। यहां पर भी जनजाति समाज के उत्थान के कार्य में लग गए। अपनी पेंशन का लगभग पूरा हिस्सा जनजाति परिवारों एवं अनेक कार्यकर्ताओं के जिम्मेदारियां हेतु व्यय कर देते हैं।
फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार को प्रेरित कर बनवाया छात्रावास
जोशी ने फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार को प्रेरित कर खेरवाड़ा जनजाति गांव में छात्रावास का निर्माण करवाया जिसका संपूर्ण व्यय अक्षय कुमार ने वहन किया। अक्षय कुमार ने इस छात्रावास की गुणवत्ता और विद्यार्थियों में पल रहे संस्कारों को देखकर जनजाति बालिकाओं के लिए भी अपने खर्च से ऐसे ही छात्रावास की घोषणा की। इसके निर्माण का जिम्मा भी जोशी ने अपने कंधों पर उठा रखा है।
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