उदयपुर में 24 को आधे दिन का बंद रखेगा जैन समुदाय
जैन समुदाय में सदियों से प्रचलित संथारा-संलेखना को आत्महत्या तुल्य बताने के विरोध में देश भर में आगामी २४ अगस्त को प्रस्तावित विरोध एवं बंद का उदयपुर सकल जैन समाज भी समर्थन देते हुए उदयपुर में भी आधे दिन बंद का आह्वान किया गया।
जैन समुदाय में सदियों से प्रचलित संथारा-संलेखना को आत्महत्या तुल्य बताने के विरोध में देश भर में आगामी २४ अगस्त को प्रस्तावित विरोध एवं बंद का उदयपुर सकल जैन समाज भी समर्थन देते हुए उदयपुर में भी आधे दिन बंद का आह्वान किया गया।
महावीर जैन परिषद के बैनर तले सकल जैन समाज की गुरुवार देर शाम अणुव्रत चौक स्थित तेरापंथ भवन में हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। परिषद के मुख्य संयोजक राजकुमार फत्तावत के नेतृत्व में हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि जैन समाज के विद्यार्थी स्कूल से अवकाश लें, व्यवसायी आधे दिन अपना व्यवसाय बंद रखें, नौकरीपेशा अपनी नौकरी से आधे दिन की छुट्टी लें। सोमवार को सकल जैन समाज सुबह १०.३० बजे टाउनहॉल पर एकत्र् होगा जहां से मौन जुलूस के रूप में बापू बाजार होते हुए कलक्ट्रेट पहुंचेगा जहां राष्ट्रपति तथा राज्यपाल के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया जाएगा। ज्ञापन में जैन समुदाय की भावना के साथ हो रहे खिलवाड से अवगत कराते हुए संविधान में संशोधन का आग्रह किया जाएगा।
बैठक में शक्षक नेता भंवर सेठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन लगाई जानी चाहिए जिसमें उदयपुर समाज भी प्रतिभागी बने। भाजपा नेता कुंतीलाल जैन ने कहा कि कोर्ट के निर्णय की अवमानना नहीं है लेकिन कोर्ट की लडाई कोर्ट में लडी जाए। नाथूलाल जैन ने कहा कि प्रदशर्न के बजाय पत्रचार के माध्यम से अपनी बात राष्ट्रपति तक पहुंचाई जानी चाहिए।
चंदनमल छापिया ने कहा कि जुलूस के रूप में कलक्ट्रेट पर ज्ञापन दिया जाए। साथ ही कानूनी लडाई भी जारी रखी जाए। शांतिलाल वेलावत ने कहा कि प्रथम और अंतिम तीर्थंकर ने भी संथारा लिया था। विरोध दर्ज कराने का अधिकार है और कराना चाहिए। अधिक से अधिक लोगों को समाज की आहत हुई भावनाओं से अवगत कराते हुए इसमें शामिल करना चाहिए।
डॉ. सुभाष कोठारी ने कहा कि देश भर में विरोध प्रदशर्न हो रहे हैं जो जरूरी भी हैं। आगम ग्रंथों तक में इसका उल्लेख है। श्रवणबेलगोला में वर्षों पुराना शलालेख भी लगा हुआ है। बाकायदा इस पर शोध ग्रंथ भी लिखे गए हैं। ऋषभ जैन ने कहा कि संलेखना पर समाचार-पत्रें में बहुत कुछ आ चुका है। न्यायालय में रिव्यू पिटीशन लग चुकी है। इस मुद्दे पर जैन समाज ने एक बार फिर एकता दिखाई है।
२४ अगस्त को प्रदशर्न कर एकता दिखाएं। शांतिलाल सिंघवी ने कहा कि समाज के अधिवक्ता, न्यायाधीश, रिटायर्ड अधिकारी जो भी हैं, उन्हें भी शामिल कर इससे जोडा जाए। शांतिलाल नागदा ने कहा कि एकजुट होकर प्रदशर्न करना होगा। व्यवसायी यशवंत आंचलिया ने कहा कि जब जीव हत्या को हत्या के समान नहीं माना जाता तो फिर संथारा को आत्महत्या के तुल्य कैसे माना जा सकता है?
महावीर जैन परिषद के संयोजक राजकुमार फत्तावत ने बताया कि २४ अगस्त को सुबह १०.३० बजे पुरुष श्वेत वस्त्र् एवं महिलाएं केसरिया साडी में टाउनहॉल पर एकत्र् होंगे जहां से तीन तीन की कतार में मौन जुलूस के रूप में बापू बाजार होते हुए कलक्ट्रेट पहुंचकर जिला कलक्टर को ज्ञापन देंगे।
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