जापानी ब्रुकई कीड़ा साफ़ करेगा झीलों से जलकुंभी


जापानी ब्रुकई कीड़ा साफ़ करेगा झीलों से जलकुंभी

एमपीयूएटी ने खरपतवार अनुसंधान निदेशालय जबलपुर से जापान का जलकुंभी बिटल नामक कीड़ा झीलों में पनप रही जलकुंभी की समस्या काे समाप्त करने के लिए मंगवाया है। इस कीड़े का साइंटिफिक नाम नियो चेटीना ब्रुकई है। यह धीरे-धीरे जलकुंभी को जड़ से समाप्त कर देता है। वैज्ञानिकों ने इस पर शोध भी शुरू कर दिया है। शोध के दाैरान चेक किया जाएगा कि कीड़ा उदयपुर के वातावरण मेंं पनप रहा है या नहीं। इसके बाद ही इसे झीलों में खरपतवार नष्ट करने के काम में लिया जाएगा।

 
जापानी ब्रुकई कीड़ा साफ़ करेगा झीलों से जलकुंभी

एमपीयूएटी ने खरपतवार अनुसंधान निदेशालय जबलपुर से जापान का जलकुंभी बिटल नामक कीड़ा झीलों में पनप रही जलकुंभी की समस्या काे समाप्त करने के लिए मंगवाया है। इस कीड़े का साइंटिफिक नाम नियो चेटीना ब्रुकई है। यह धीरे-धीरे जलकुंभी को जड़ से समाप्त कर देता है। वैज्ञानिकों ने इस पर शोध भी शुरू कर दिया है। शोध के दाैरान चेक किया जाएगा कि कीड़ा उदयपुर के वातावरण मेंं पनप रहा है या नहीं। इसके बाद ही इसे झीलों में खरपतवार नष्ट करने के काम में लिया जाएगा।

जलकुंभी पर इसको डालने के बाद यह कीड़ा पौधे की लीप शीट से निकलने वाली नई पत्तियों पर हमला करता है और इसे पनपने से पहले की समाप्त कर देता है। एमपीयूएटी की तरफ से फिलहाल इसकी प्रजनन क्षमता औैर इसकी खाने की क्षमता पर शोध किया जा रहा है जाे करीब दो माह में पूर्ण हो सकता है।

निगम ने चार साल पहले 2 करोड़ 85 लाख की डिवडिंग मशीन मंगवाई थी। अगर यह कीड़ा शहर के वातारण में जिंदा रहा तो इस मशीन का काम करेगा। एमपीयूएटी की तरफ से अभी 165 कीड़े मंगवाए हैं, जो आरसीए और उदयसागर झील में शोध के लिए छोड़े हैं।

इस कीड़े के पहले गाजर घास के लिए मेक्सिकन कीड़े का प्रयोग किया था, जिसमें सफलता मिली थी। यह कीड़ा जलकुंभी की 2 साल के अंदर समस्या को समाप्त कर देता है। इसके खाने पर पौधा सड़कर खत्म हो जाता है। यहां के वातावरण में यह कैसे काम करेगा, यह शोध के बाद पता चल पाएगा।उमाशंकर शर्मा, कुलपति, एमपीयूएटी

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