केसरिया महापंचायत के लिए न्यौता देने मेवाड़ पहुंचे करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष

केसरिया महापंचायत के लिए न्यौता देने मेवाड़ पहुंचे करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष

जयपुर में केसरिया महापंचायत में गूंजेगी क्षत्रिय समाज की हुंकार - गोगामेड़ी

 
karni sena

उदयपुर 13 मार्च 2023 । राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने क्षत्रिय जनकल्याण बोर्ड और ईडब्ल्यूएस के आरक्षण को 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने तथा ओबीसी की तर्ज पर पंचायत चुनावां में ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर 2 अप्रैल को ताल ठोकने का ऐलान किया है। राजस्थान के जयपुर में विद्याधर नगर स्टेडियम में 2 अप्रैल को केसरिया महापंचायत में सम्पूर्ण राजपूत समाज को आने का न्यौता देने के साथ सम्पूर्ण सामान्य वर्ग के साथ हो रहे कुठाराघात के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया है। 

यहां मेवाड़ अंचल में केसरिया महापंचायत का न्यौता देने उदयपुर दौरे पर आए राष्ट्रीय अध्यक्ष गोगामेड़ी ने रविवार को पत्रकारों से वार्ता में कहा कि क्षत्रिय समाज स्वयं के लिए कभी नहीं लड़ा, क्षत्रिय समाज ने देश और देशवासियों की आन बान के लिए आहुति दी। 

उन्होंने कहा कि क्षत्रिय समाज सहित देश का सामान्य वर्ग कुठाराघात झेल रहा है। राजनीतिक क्षेत्र में क्षत्रिय समाज का प्रतिनिधित्व लगातार घटता जा रहा है। राजस्थान में 1.35 करोड़ होने के बावजूद सरकारी आंकड़ों में 90 लाख के आसपास ही राजपूत समाज की जनसंख्या बताई जाती है। उन्होंने कहा कि यदि हम छोटे-बड़े राजपूत का भेद हटा दे तो 4 करोड़ हो जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि किसी समाज के एक व्यक्ति द्वारा किए गए गलत कार्य से पूरे समाज को लक्ष्य नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने फिल्मों में भी राजपूत, ब्राह्मण और वैश्य वर्ग की नकारात्मक छवि के चित्रण पर सवाल उठाए और इसके प्रति भी जागरूकता की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि भेदभाव दूर करने के लिए बेटी व्यवहार भले ही न सही, रोटी व्यवहार तो करना ही चाहिए। 

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राजस्थान में 48 विधानसभा क्षेत्रों में राजपूत समाज 45 हजार से ज्यादा वोट की ताकत रखता है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं कहा कि राजपूत समाज कितनी सीटों पर टिकट का दावा करना चाहता है, लेकिन उन्होंने 48 विधानसभा क्षेत्रों में राजपूत समाज की जनसंख्या जरूर बताई। 

आरक्षण के मामले में उन्होंने कहा कि जिन वर्गों को आरक्षण मिल रहा है उनमें अच्छे स्तर पर पहुंच चुके परिवारों को आरक्षण स्वयं त्यागना चाहिए। वे यह त्याग अपने ही समाज के अगले व्यक्ति के विकास के लिए करेंगे। आरक्षण का लाभ एक बार मिल जाने के बाद उन्हें स्वतः आरक्षण का त्याग करने के लिए आगे आना चाहिए तभी देश का गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाला वर्ग ऊपर उठ सकेगा, वर्ना स्थितियां ज्यों की त्यों ही रहने वाली हैं। 

राजस्थान में शहीदों की वीरांगनाओं द्वारा देवर को नौकरी देने के मामले के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में नियम केन्द्र सरकार से तय होते हैं, राज्य सरकार को केन्द्र सरकार से इस पर विचार करने के लिए कहना चाहिए। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पत्नी और बच्चों से हटकर यदि रिश्तेदारों को नौकरी व अन्य लाभ देने का प्रावधान होता है तो भविष्य में कई पेच फंस सकते हैं। पारिवारिक दबाव की परिस्थितियों को स्वीकारते हुए उन्होंने कहा कि समस्या वहां नहीं होगी जहां महिला ने देवर की चूड़ी पहन ली है यानी देवर से शादी कर ली है, लेकिन समस्या वहां जरूर होगी जो महिला दुबारा विवाह नहीं करेगी। उस पर पारिवारिक दबाव की आशंकाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। 

इस दौरान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान योगेंद्र सिंह कटार, क्षत्रिय महासभा केंद्रीय अध्यक्ष बालू सिंह कानावत, क्षत्रिय महासभा उदयपुर जिला इकाई अध्यक्ष चंद्रवीर सिंह करेलिया, क्षत्रिय महासभा उदयपुर जिला कोषाध्यक्ष लाल सिंह देवड़ा, श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना उदयपुर जिला अध्यक्ष जीवन सिंह, उदयपुर जिला प्रभारी अर्जुन सिंह चुंडावत, ग्रामीण जिला अध्यक्ष सतवीर सिंह पहाड़ा आदि के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष ने झाड़ोल, डूंगरपुर आदि स्थानों पर समाज के कार्यक्रमों में भाग लिया और सभी से 2 अप्रैल को अधिक से अधिक संख्या में जयपुर केसरिया महापंचायत में आने का आह्वान किया।

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