झाला मान के 441 वें बलिदान दिवस पर कवि सम्मेलन देर रात तक खूब जमा


झाला मान के 441 वें बलिदान दिवस पर कवि सम्मेलन देर रात तक खूब जमा

बड़ी सादड़ी जैन चेरिटेबल ट्रस्ट मित्र मण्डल द्वारा शनिवार को सांय साढ़े सात बजे झाला मान के 441 वें बलिदान दिवस पर भारतीय लोककला मण्डल के मुक्ताकाशी रंगमंच पर विराट कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। जो देर रात तक खूब जमां।

 
झाला मान के 441 वें बलिदान दिवस पर कवि सम्मेलन देर रात तक खूब जमा

बड़ी सादड़ी जैन चेरिटेबल ट्रस्ट मित्र मण्डल द्वारा शनिवार को सांय साढ़े सात बजे झाला मान के 441 वें बलिदान दिवस पर भारतीय लोककला मण्डल के मुक्ताकाशी रंगमंच पर विराट कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। जो देर रात तक खूब जमां।

कवि सम्मेलन में जहाँ ख्यातनाम कवि विनीत चौहान ने वीर रस की रचना में कहा मेवाड़ धरा की मिट्टी क्या ये रज़ कण ही चन्दन है, चन्दन सा बलिदान दिया उस मां का अभिनन्दन है, स्वामी के ही शीश कटा देने की परिपाटी झाला मानसिंह के चरणों में सौ-सौ वन्दन है…, बहुत हो चुका मोदी जी ये मौन तुम्हारे खलते है, रोज सैनिकों की लाशों से जिगर हमारे जलते है, इन्दौर के मुकेश मोलवा ने रचना प्रस्तुत करते हुए कहा नीलकणी अश्व की आहट ,कायरता के कलंक धो जाती, जय मेवाड़ कहते ही राणा के भाले में भवानी प्रकट हो जाती... सूत्रधार उदयपुर के सिद्धार्थ देवल ने भारत भूं पर तेरे जैसा वीर नहीं देखा, सौगन्ध सिसोदिया सिहांसन की रणधीर नहीं देखा मैनें,,,, उज्जैन के राहुल शर्मा ने कर्म मार्ग से डिगे कदम कहाते वीर नहीं, समरांगण में पीठ दिखा दे मेवाड़ी तसवीर नहीं, बिना रूदन के माँ पन्ना ने त्याग विश्व में बड़ा किया, मेवाड़ वंश की रक्षा हेतु अपना चंदन चढ़ा दिया..,आदि वीर रस की कविताओं से श्रोताओं में जोश भरा।

हास्य कवि रासबिहारी गौड ने चेतक पर सवार माहराणा प्रताप देख करनी त्याग का ताप आहें भर रहे है, घोड़े भूखे है और गधे देश चर रहे है.., हंसी खुशी के साथ हमें गम को झेलना है, जिन्दगी चार दिन की हमें पांच दिन खेलना है…,हास्य कवि संदीप शर्मा ने अपने घर के गर्म तवे पर चाँद सी रोटी सिका करें, सीमा पार दुश्मन की बोटी-बोटी सिका करें… नाथद्वारा के कानू पंडित ने अपनी हास्य रचना जिन्दगी में लाख उंची हो उड़ान तेरी, परिवार के प्रति कर्ज मत भूलना, सूद की जवानी तेरी जिन्दगी को दे दी प्यारे, तेेरे बुढ़े पिताजी का कर्ज मत भूलना,,से श्रोताओं का हंसा-हंसा कर लोटपोट कर दिया। कवि सम्मेलन में श्रृगांर रस की कवियित्री सुमित्रा सरल ने जब अपनी रचना गलत खबर है शहर के लड़के शराब पी कर हुए दिवाने, वो मुझसे नजरें मिला के गए थे इसीलिए तो बहक रहे है...पर दर्शकों ने वाह-वाह कर तालियो की भरपूर दाद दी। इसके अलावा सुमित्रा सरल ने श्रोताओं को श्रृंगार के विभिन्न रूपों का कविता के माध्यम से परिचित कराया। पार्थ नवीन गीतों की पैरोडी भारत के टुकड़े करने की जिन लोगों ने ठानी, हम उनके टुकड़े कर देंगे, रचना ने दर्शकों की खूब तालिया बटोरी।

इससे पूर्व मण्डल एवं ट्रस्ट की ओर से कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि समाज सेवी एवं कोलोनाईज़र कमल हिगंड़ एवं विशिष्ठ अतिथि दिलीप सुराणा, समारोह के अध्यक्ष चित्तौड़गढ़ के सांसद सी.पी.जोशी सहित मण्डल अध्यद्वा श्याम नागौरी, सचिव अरविन्द जारोली, संयोजक यशवन्त आंचलिया सहित अन्य पदाधिकारियों ने उदयपुर देहात कांग्रेस अध्यक्ष लालसिंह झाला को झालामान सम्मान से तथा कर्नल हेमन्त शर्मा, राकेश मोगरा, महेश व्यास, उम्मेदसिंह कंठालिया, प्रकाश कनेरिया, फखरूद्दीन बोहरा, कमलेश शर्मा, अंशुल मोगरा, डॉ. शरद मेहता, जितेश्वर प्रसाद व्यास एवं देवेन्द्र व्यास को प्राईड ऑफ बड़ी सादड़ी सम्मान से सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप सभी को स्मृतिचचिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

प्रारम्भ में अध्यक्ष श्याम नागौरी ने ट्रस्ट द्वारा आयोजित गये कार्यो की जानकारी दी। संयोजक यशवन्त आंचलिया ने झाला मान पर अपने विचार रखें।सम्मेलन में फोर्टिस हॉस्पिटल एवं कन्स्ट्रक्शन एण्ड कन्सलटेन्ट प्रा.लि.का सहयोग रहा।

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