तीनों कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान की अगुवाई में चल रहे किसान आंदोलन के इस साल दिसंबर तक चलने की संभावना है। यदि किसानों की मांग को पुरा नहीं किया गया तो। यह बात भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहीं है। प्रयागराज पहुंचक टिकैत ने झलवा में संवाददाताओं से कहा “ नवंबर- दिसंबर तक इस आंदोलन के चलने की उम्मीद है”। राकेश टिकैत ने कहा कि हम किसानों से एमएसपी का कानून बनवाने की मांग करने के लिए कह रहे है।
अभी बिहार में धान 700-900 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदा गया। हमारी मांग है कि एमएसपी का कानून बने और इससे नीचे खरीद ना हो। राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि हम दिल्ली में ही रहेगें। पूरे देश में हमारी बैठक चल रही है। उन्होने कहा कि इस कानून का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि नया कानून आने से छोटे दुकानदार खत्म हो जाएंगे। केवल दो मॉल रहेगें।
व्यापारी वर्ग खत्म होगा। उद्दोग खत्म हो जाएंगे। वालमार्ट जैसी कंपनियों के आने से साप्ताहिक बाजार खत्म हो जाएंगे। वहीं टिकैत ने केंद्र सरकार के लिए कहा कि “यदि सरकार किसी पार्टी की होती तो वह बातचीत कर लेती, लेकिन इस सरकार को तो बड़ी कंपनियां चला रही है। इन्होने पूरा देश बेच दिया है। बैंकिंग क्षेत्र, एलआईसी, हवाई अड्डे। देश का सब कुछ बिक गया है। अगर जनता पंखे और एसी में सोती रही तो देश बिक जाएगा।
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