स्कूली स्तर से ही पढ़ाया जाए लैंगिक संवेदना का ज्ञान
राज्य महिला आयोग की प्रो. लाड कुमारी जैन ने बालिका शिक्षा पर जोर देते लैंगिक समानता के पहल की बात कही। उन्होंने पहली कक्षा से कॉलेज स्तर पर इसकी व्यवस्था करने की बात रखी।
राज्य महिला आयोग की प्रो. लाड कुमारी जैन ने बालिका शिक्षा पर जोर देते लैंगिक समानता के पहल की बात कही। उन्होंने पहली कक्षा से कॉलेज स्तर पर इसकी व्यवस्था करने की बात रखी।
बताया गया कि महिला आयोग ने प्रस्ताव तैयार कर यूजीसी, बार काउंसिल ओैर पाठयक्रम संचालित करवाने वाली एजेंसियों से मार्गदर्शन मांगा है।
इसके लिए खुद राज्य महिला आयोग ने पहल करते हुए इसकी रूपरेखा भी तैयार की है। यह जानकारी आयोग अध्यक्ष लाड़ कुमारी जैन ने बतौर मुख्य अतिथि राजस्थान विद्यापीठ मे दी। वे यहां विद्यापीठ के श्रमजीवी महाविद्यालय के राजनीतिक एवं लोक प्रशासन द्वारा हुई एक दिवसीय कार्यशाल में बतौर मुख्य वक्ता आईं। उन्होंने कहा कि दिल्ली दुष्कर्म जैसे ममलों से सचेत होकर यह निर्णय लिए गए हैं।
कानूनों पर आधारित हो व्यवस्था : जैन ने कहा कि महिलाओं के लिए कानून बनाए गए हैं। जो उनकी प्रति होने वाले अत्याचार और प्रताडऩा के खिलाफ तैयार किए हैं। आवश्यकता यह है कि इन कानूनों की सख्ती से पालना करवाई जाए। इसके लिए भी महिलाओं को ही पहल करनी होगी।
शिक्षित होना जरुरी : कार्यशाला में विवि के कुलति प्रो. एसएस सारंदेवोत ने कहा कि वर्तमान दौर में महिलाओं का शिक्षित होना बेहद आवश्यक है। इससे उनमें जागरुकता तो आती ही है, साथ ये छात्राएं अपनी भावनाओं को भी अभिव्यक्त कर सकेंगी।
कार्यक्रम का संचालन डॉ.धीरज प्रकाश जोशी ने किया। स्वागत भाषण प्रो. बीएल फडिय़ा ने दिया। कार्यक्रम में प्रो. गिरिश नाथ माथुर, डॉ. प्रदीप पंजाबी भी थे। इनके अतिरिक्त पीठ स्थविर एस के मिश्रा, डॉ. हेमेंद्र चौधरी, डॉ. सुनीता सिंह आदि उपस्थित थे।
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