
पिछोला झील के घाटो पर भारी मात्रा में किये हुए मानव शौच विषर्जन को हटाते हुए झील प्रेमियो ने उदयपुर को स्वच्छता की प्रथम रैंक पर लाने का प्रण किया।
झील मित्र संस्थान,झील संरक्षण समिति, डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट, गांधी मानव कल्याण सोसाइटी के सयुंक्त तत्वाधान में आयोजित रविवारीय श्रमदान के तहत इमली घाट पर बिखरे पड़े मानव मल एवं व्याप्त बदबू की स्थिति का सामना करते हुए झील क्षेत्र से पॉलीथिन,प्लास्टिक, अंगेजी दवाइया, नारियल,थैलियो में भरी सड़ी गली खाद्य सामग्री,घरेलू कूड़ा एवं भारी मात्रा में जलीय घास निकाली गई। श्रमदान में रमेश चन्द्र राजपूत,पल्लव दत्ता, तेज शंकर पालीवाल,डॉ अनिल मेहता व नन्दकिशोर शर्मा ने भाग लिया।
डॉ अनिल मेहता ने कहा कि शहरी क्षेत्र के लोगो द्वारा इस प्रकार खुले में शौच विषर्जन एक व्यवहारगत समस्या है जिसका निदान आदत में बदलाव होने पर ही सम्भव है।
तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि झीलो व सड़को पर पॉलीथिन की थैलियो में कचरा भर कर फेकने की प्रवृति वाले लोगो का शहर कभी स्वच्छता रैंकिंग में प्रथम नही आ सकता।
नन्दकिशोर शर्मा ने कहा कि स्वच्छता केवल प्रशासन का विषय और जिम्मेदारी नही है।रैंकिंग में पिछड़ना हम नागरिको के लिए एक शर्म की बात है। हमारी सामूहिक शक्ति व संकल्प से ही इस शर्म से उबरा जा सकता है।
पल्लव दत्ता व रमेश चंद्र राजपूत ने स्वच्छता पर सामूहिक जन जागृति का आव्हान किया ।