जलवायु परिवर्तन के खतरों से बचाते है झीले व तालाब
उदयपुर को जलवायु परिवर्तन के खतरों से बचाने के लिए यंहा की झीलों, तालाबों व पहाड़ों को मूल स्वरूप में रखना जरूरी है। यह विचार रविवार को आयोजित वेटलैंड दिवस विषयक संवाद में व्यक्त किये गए। संवाद का आयोजन झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति तथा गांधी मानव कल्याण समिति द्वारा किया गया।
उदयपुर को जलवायु परिवर्तन के खतरों से बचाने के लिए यंहा की झीलों, तालाबों व पहाड़ों को मूल स्वरूप में रखना जरूरी है। यह विचार रविवार को आयोजित वेटलैंड दिवस विषयक संवाद में व्यक्त किये गए। संवाद का आयोजन झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति तथा गांधी मानव कल्याण समिति द्वारा किया गया।
डॉ अनिल मेहता, तेज शंकर पालीवाल तथा नंदकिशोर शर्मा ने कहा कि झीले व तालाब महत्वपूर्ण वेटलैंड है। इनके बचने से ही उदयपुर का अस्तित्व है। रमेश चंद्र राजपूत, दिगम्बर सिंह तथा द्रुपद सिंह ने कहा कि उदयपुर को बाढ़ व सूखे के खतरों से निपटने में सक्षम बनाकर रखना है तो रूपसागर, नैला सहित सारे छोटे तालाब बचाने होंगे।
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कुशल रावल, मोहन सिंह चौहान तथा रामलाल गहलोत ने कहा कि झीलों से ही उदयपुर में बढ़ती गर्मी का अनुकूलन हो सकेगा। संवाद से पूर्व पिछोला में श्रमदान हुआ। जिसमे तेज शंकर पालीवाल, मोहन सिंह चौहान, द्रुपद सिंह, रमेश चंद्र राजपूत, दिगम्बर सिंह, कुशल रावल, रामलाल गहलोत, कृष्णा कोष्ठी ने भाग लिया।
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