उदयपुर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 426वीं पुण्यतिथि माघ शुक्ल पक्ष एकादशी बुधवार को निर्वाण स्थली चावंड में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाई गई। महाराणा प्रताप के वंशज डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने चावंड पहुंचकर चावंड पहुंचकर महाराणा प्रताप को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इस अवसर पर लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शौर्य, पराक्रम, त्याग, बलिदान और स्वाभिमान का पर्यायवाची महाराणा प्रताप हैं। उन्होंने देश की भावी और युवा पीढ़ी से आह्वान किया कि जिस आस्था के साथ महाराणा प्रताप को मानते हैं उसी भावना से महाराणा प्रताप के आदर्श जीवन मूल्यों पर चलकर राष्ट्र प्रेम की पुनीत सोच को जन-जन तक पहुंचाएं।
महाराणा प्रताप की हिंदुस्तान के स्वाभिमान के लिए न्योछावर होने की सोच युगों-युगों तक जीवित रहेगी और इस सोच के साथ महाराणा प्रताप हमेशा हम सबके हृदय में जीवित रहेंगे। महाराणा प्रताप छत्तीस कौम को साथ लेकर विदेशी आक्रांताओं से लड़ते रहे। मेवाड़ की इस महान माटी के लिए बलिदान देने वालों में महाराणा प्रताप का घोड़े चेतक और हाथी रामप्रसाद का नाम भी शामिल है, जो दुनिया में स्वामी भक्ति की जीवंत मिसाल है।
इससे पहले उदयपुर के पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा, जिला प्रमुख ममता कंवर, सलूंबर विधायक अमृत लाल मीणा, गुजरात के विधायक फतेह सिंह चौहान, पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह झाला, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक आनंद प्रताप सिंह, महाराणा प्रताप स्मारक अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रवीर सिंह, अध्यक्ष भागवती प्रसाद आमेटा, हनुमंत सिंह बोहेड़ा, भारतीय जनता युवा मोर्चा देहात जिला अध्यक्ष ललित सिंह सिसोदिया आदि ने महाराणा प्रताप निर्माण स्थली के कायाकल्प के लिए प्रतिबद्धता जाहिर की और महाराणा प्रताप के आदर्श जीवन मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया।
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