उदयपुर। सरकार के अप्रेल माह का किराया नहीं लेने के आदेश के बावजूद मकान मालिकों की ओर से विद्यार्थियों, मजदूरों, नौकरी पेशा लोगों से किराया मांग कर कोढ़ में खोज को चरितार्थ किया जा रहा है। इस सम्बन्ध में समाजसेवी मुकेश माधवानी ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर आग्रह किया की वे ऐसे मकान मालिकों के लिये आदेश जारी करें कि जिन्होंने अप्रेल के किराये को अग्रिम किराये के रूप में ले लिया है वे उस किराये को किसी अन्य माह में समायोजित करवाया जाये ताकि किराएदारों को राहत मिल सकें।
उन्होंने बताया कि ये वे किरायेदार हैं जो कोरोना के चलते अपने गांव चले गए, नौकरी छूट गई और आय का कोई साधन भी नहीं रहा। सरकार ने आदेश जारी किया था कि कोई भी मकान मालिक अप्रेल माह का किराया नहीं लें, लेकिन उनके आदेश की पूर्ण रूप से पालना नहीं की जा रही है। मकान मालिकों की ओर से किराया लिया जा रहा है और दबाव भी बनाया जा रहा है, साथ ही उदयपुर में अग्रिम किराया लेने के चलते अप्रेल माह का किराया पूर्व में ही ले लिया गया था।
माधवानी ने बताया कि विद्यार्थियों में बाहर के भोजन एवं टिफिन सेंटर को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। विद्यार्थी भोजनालयों से भोजन मंगवाने को लेकर डरे हुए हैं। अतः विद्यार्थियों से जुड़े विशेष क्षेत्रों यथा बोहरा गणेश, विवि मार्ग, हिरन मगरी आदि में प्रशासन व नगर निगम को आदेशित करते हुए उनकी देख रेख में पूर्ण सुरक्षित केंटिन, टिफिन सेंटर अधिकृत करें, जिनके कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट हो चुका हो, उनके पास सुरक्षा के पूर्ण संसाधन हो, ताकि वहां से विद्यार्थी व अन्य लोग टिफिन पैक करवा सकें।
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