बरसो से मालिकाना हक से वंचित पीड़ितों को दिलाई राहत


बरसो से मालिकाना हक से वंचित पीड़ितों को दिलाई राहत             

"हारे का सहारा" बने बड़गांव उपप्रधान राठौड़

 
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उदयपुर शहर से सटी नवीन ग्राम पंचायत बेदला खुर्द के सुखदेवी कॉलोनी के नुमाइंदों के लिए वर्ष 2022 अपार खुशियां देने वाला वर्ष साबित हुआ। यही नहीं क्षेत्र के लोगो की बरसो पुरानी इस मुराद के पूरी होने से उनकी आंखों से खुशी के आसू छलक रहे है।

मकान के पट्टे और मालिकाना हक के लिए लंबे समय से संघर्षरत लोगो को नगर निगम द्वारा पट्टे आखिर मिल ही गए। दरअसल नगर निगम की जमीन पर स्थित इस कॉलोनी में 28 से अधिक परिवारों ने अपने मकान बना दिए थे लेकिन मकान बनने के कुछ वर्ष बाद पंचायत द्वारा दिए गए पट्टो को नगर निगम ने अवैध मानते हुए इनको तोड़ने के निर्देश जारी कर दिए और बुलडोजर चलाकार कई कब्जो को ध्वस्त भी किया गया।

साल 2015 से पट्टे की आस में लोगो ने ग्राम पंचायत, जनप्रतिनिधियों, नगर निगम के अधिकारियों के सामने कई बार चक्कर लगाएं लेकिन सफलता नहीं मिली। इसी बीच जब बडगांव उपप्रधान प्रतापसिंह राठौड़ के सामने जनता की यह जायज समस्या आई तो वे इस समस्या के निदान के लिए क्षेत्र के लोगो के साथ सारथी के रूप में जुड़ गए। 

क्षेत्र के बाशिंदों ने अपने मकान के पट्टो के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट की ओर से भी 2019 में पीड़ितों को राहत प्रदान करते हुए पट्टे देने का लिखित आदेश जारी हुआ लेकिन सम्बंधित विभाग और अधिकारियों के ढुलमुल रवये के चलते पीड़ित लोग इससे वंचित ही रहे।

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इसी बीच क्षेत्र के कुछ जागरूक लोग उम्मीद की किरण के रूप में उपप्रधान प्रताप सिंह राठौड़ से संपर्क किया जिस पर राठौड़ ने नगर निगम के आयुक्त हिम्मत सिंह बारहठ और उपमहापौर पारस सिंघवी से कई बार मिलकर पीड़ित परिवारों को पट्टे दिलाने की दमदार पैरवी की और नतीजन आज मकान के पट्टे इन लोगों के पास है।

राठौड़ के अलावा पीड़ितों की संघर्ष समिति,आयुक्त हिम्मत सिंह बारहठ,उपमहापौर पारस सिंघवी का भी इस प्रक्रिया के पूर्ण होने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है ।  पट्टे मिलने की खुशी में क्षेत्रवासी एक दूसरे को बधाई दे रहे और संघर्ष समिति व उपप्रधान राठौड़ का धन्यवाद देते नहीं थक रहे है।

आपको बता दे कि वर्ष 2015 में निर्जला एकादशी के दिन नगर निगम ने अपना पीला पंजा चलाते हुए लोगो को बेघर भी कर दिया था तभी से लम्बी लड़ाई और संघर्ष जारी था। क्षेत्र के बाशिंदों का कहना है कि "हारे का सहारा" बने प्रतापसिंह राठौड़ ने एक सच्चे जनप्रतिनिधि होने का फर्ज निभाया है।  

राठौड़ ने लंबे प्रयास के बाद भी पट्टे की आस छोड़ चुके लोगों को भरोसा देते हुए उनकी छलकति आंखों को खुशी के आंसुओं में तब्दील कर दिया । सुखदेवी नगर बेदला खुर्द के तकरीबन 25 लोगों को अब पट्टे मिल चुके है और जनता को भरोसा और विश्वास है की उपप्रधान राठौड़ जल्द ही नगर निगम के प्रयास से अन्य सुख सुविधाएँ भी क्षेत्र में विकसित कराने में अहम भूमिका अदा करेंगे। 

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