पट्टे बनाने व वितरण का काम जारी रहे – कटारिया


पट्टे बनाने व वितरण का काम जारी रहे – कटारिया

शहर विधायक एवं प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने सुझाव दिया है कि ’प्रशासन शहरों के संग' अभियान की समाप्ति के बाद भी नगर परिषद 1965 के पूर्व से काबिज सामान्य वर्ग व 1985 से पूर्व काबिज अनुसूचित जाति के भूखण्डधारियों के पट्टे बनाने व वितरण का काम जारी रखे ।

 

शहर विधायक एवं प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने सुझाव दिया है कि ’प्रशासन शहरों के संग’ अभियान की समाप्ति के बाद भी नगर परिषद 1965 के पूर्व से काबिज सामान्य वर्ग व 1985 से पूर्व काबिज अनुसूचित जाति के भूखण्डधारियों के पट्टे बनाने व वितरण का काम जारी रखे ।

कटारिया ने आज नगर परिषद परिसर में आयोजित पट्टा वितरण को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व विधानसभाध्यक्ष शांतिलाल चपलोत, समाजसेवीं दिनेश भट्ट व मांगीलाल जोशी ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में शहर कोट अन्दर धानमण्डी, मौली चैहट्टा, कान्जी का हाटा, किशनगढ़ का नोहरा, गुलाबेश्वर मार्ग, आशापुरा मंदिर, रावजी का हाटा, पिछोली, नाईयों की तलाई, चिन्तामणी मार्ग, मेहता जी की खिड़की, नाड़ाखाड़ा, छोटी ब्रहम्पुरी, भोपालवाड़ी, सुरजपोल अन्दर, जाटवाड़ी, गडिया देवरा, गायत्री मार्ग आदि क्षेत्रों के 47 पट्टे वितरित किए गए। कटारिया ने कहा कि लम्बे अर्से से सरकार के सामने यह मांग रखी जा रही थी कि शहर की पुरानी बस्तियों में रहने वालों के पास अपने मकान/भूखण्ड का मालिकाना हक तो है लेकिन ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है, जिससे वह इसे सिद्व करते हुए निर्माण, विस्तार करवा सकें और इसके लिए वितीय एजेन्सियों से ऋण आदि प्राप्त कर सकें । उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त कि अन्य नगर पालिकाएं जहां भूखण्ड के आकार पर निर्धारित शुल्क लगाकर पट्टे दे रही है, वही उदयपुर में मात्र एक रूपए में पट्टे ही नहीं दिए जा रहे बल्कि पट्टे बनाने में लोगों की सहायता के लिए निजी ऐजेन्सियां भी लगाई गई है, जिनका अधिकतम खर्च परिषद स्वयं वहन कर रही है। परिषद ने करोड़ों की आय अर्जित करने की बजाय जनहित को सर्वोपरी रखा है। इससे पूर्व सभापति रजनी डांगी ने कटारिया व अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि पिछले तीन वर्ष से शहर विधायक गुलाबचंद कटारिया का बराबर आग्रह रहा कि पुरानी बस्ती में रहने वालों को उनके भूखण्ड अथवा मकानों के पट्टे मिले । राज्य सरकार से भी परिषद इस संबंध में निरन्तर पत्र-व्यवहार करती रही। जिसके सकारात्मक परिणाम आए और अभियान के दौरान 700 लोगों को पट्टे दिये जा चुके हैं । जिन्हें भी पट्टे मिले, उनके चेहरों पर खुशी देखकर हम भी परम संतोष अनुभव करते हैं। बरसों से परेशानी झेल रहे कई लोगों की आंखों से तो पट्टे लेते समय आंसू छलक पड़े । आयुक्त सत्यनारायण आचार्य ने बताया कि अब तक पट्टे बनवाने के लिए करीब 1700 आवेदन प्राप्त हुए है । मठ मादड़ी में 141 पट्टों सहित विभिन्न क्षेत्रों में नियमानुसार 700 पट्टे दिए जा चुके हैं और सौ हाल ही तैयार किए गए है, जिन्हें शीघ्र ही वितरित किया जाएगा।

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