नींबू के आकार की गांठ को बिना सर्जरी बाहर निकाला
गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के गेस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट डाॅ पंकज गुप्ता ने प्रतापगढ़ निवासी 37 वर्षीय कालूराम के खाने की थैली में नींबू के आकार की गांठ को एंडोस्कोपी से बाहर निकाल रोगी को स्
गीतांजली मेडिकल काॅलेज एवं हाॅस्पिटल के गेस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट डाॅ पंकज गुप्ता ने प्रतापगढ़ निवासी 37 वर्षीय कालूराम के खाने की थैली में नींबू के आकार की गांठ को एंडोस्कोपी से बाहर निकाल रोगी को स्वस्थ किया। मात्र 30 मिनट की प्रक्रिया से रोगी को आराम मिल गया और ओपन सर्जरी की जरुरत नहीं पड़ी। यह गांठ नींबू के आकार की थी जो मशरुम जैसी थी जिसके पीछे एक छोटा स्टंप (डंडी नूमा) था जिससे इस गांठ को एंडोस्कोपी द्वारा बाहर निकालना संभव हो पाया।
सामान्यतः पेट में गांठ बड़ी आंत में पायी जाती है परंतु यह गांठ खाने की थैली में थी। साथ ही पेट में गांठ का तुरंत इलाज कराना चाहिए अन्यथा वो भविष्य में कैंसर का रुप ले लेती है। इस प्रक्रिया में डाॅ गुप्ता के साथ एंडोस्कोपी टेक्निशियन संजय सोमरा भी शामिल थे।
डाॅ गुप्ता ने बताया कि रोगी पेट दर्द एवं निरंतर उल्टियों की शिकायत के साथ परामर्श के लिए आया था। एंडोस्कोपी की जांच में खाने की थैली में गांठ का पता चला। साथ ही यह भी पता चला कि गांठ रोगी के खाने की थैली के अलावा कभी-कभी आंत के रास्ते में भी अटक जाती थी। गांठ के अंतिम छोर पर डंडी नूमा होने से एंडोस्कोपी द्वारा तुरंत बाहर निकाल लिया गया। रोगी अब स्वस्थ है।
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रोगी कालूराम ने बताया कि वह काफी समय से पेट में दर्द, उल्टी में खून एवं निरंतर उल्टियों होने जैसी परेशानियों से जूझ रहा था। परन्तु आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उसकी कही भी इलाज के लिए कोई मदद न हो सकी। गीतांजली हाॅस्पिटल में डाॅक्टर पंकज गुप्ता से परामर्श के बाद इलाज किया गया। शुरुआती समय में राजस्थान सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की पूर्ण जानकारी नहीं थी परन्तु हाॅस्पिटल ने भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का पात्र बनाने में सहयोग प्रदान किया। अंततः रोगी का सम्पूर्ण इलाज राजस्थान सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत पूर्णताः निःशुल्क हो सका।
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