उच्च शिक्षा के प्रसार में स्थानीय भाषा को तरजीह दी जाए
मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय की मेजबानी में आयोजित किए जा रहे सार्क देशों के कुलपतियों के दो दिवसीय सम्मेलन के दूसरे तथा अन्तिम दिन बड़ी स्थित होटल रायल रिट्रीट में विभिन्न तकनीकी सत्रों में कुलपतियों ने उच्च शिक्षा को गुणवत्ता पूर्ण बनाने के सुझाव पेश किए
मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय की मेजबानी में आयोजित किए जा रहे सार्क देशों के कुलपतियों के दो दिवसीय सम्मेलन के दूसरे तथा अन्तिम दिन बड़ी स्थित होटल रायल रिट्रीट में विभिन्न तकनीकी सत्रों में कुलपतियों ने उच्च शिक्षा को गुणवत्ता पूर्ण बनाने के सुझाव पेश किए। इस अवसर पर उदयपुर घोषणा पत्र तैयार करने के लिए भी विचार मन्थन किया गया।
सम्मेलन के दूसरे दिन पहले सत्र में श्रीलंका खुला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो विजिथा नान्याकारा ने दक्षिणी एशिया में खेतीहर समुदाय के सशक्तिकरण की वकालात करते हुए कहा कि इसके लिए यूनिवर्सिटीज को भी आगे आना चाहिए। आईआईटी नई दिल्ली के प्रोफेसर एमिरटस विनयशील गौतम ने कहा कि विवि शिक्षा में साक्षरता की जरुरत है ताकि वे स्थानीय संस्कृति और परम्पराओं की जड़ों से जुड़ सके।
उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया के देश आपस में संसाधनों में बहुत अन्तर का सामना कर रहे है। इसके लिए आपसी आदान प्रदान से उच्च शिक्षा के नए अवसर तलाशने चाहिए। इस सत्र की अध्यक्षता प्रो आईवी त्रिवेदी ने की।
सहयोग, समन्वय ओर चुनौतियां विषय पर आयोजित सत्र में जवाहर लाल नेहरु विवि दिल्ली के पूर्व प्रोफसर तथा अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार प्रो पुष्पेश पंत ने कहा कि भारत में उच्च शिक्षा भी वर्ण व्यवस्था की तरह हो गई है। नालन्दा अंतरराष्ट्रीय विवि को ब्राहमण विवि की संज्ञा देते हुए, सेन्ट्रल यूनिविर्सिटीज को ठाकुर, नई सेन्ट्रल यूनिवर्सिटीज को सूबेदार, स्टेट यूनिवर्सिटीज को वैश्य तथा डीम्ड व निजी विश्वविद्यालयों को उन्होंने सबसे निजी जाति के श्रेणी में परिभाषित किया।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा को पेशेवर और प्रभावी बनाने के लिए उसे इस तरह की वर्ण व्यवस्था से बाहर निकलना होगा। काबुल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मोहम्मद हिदायती ने कहा कि उच्च शिक्षा में स्थानीय भाषा में अध्यापन को तरजीह देनी चाहिए साथ ही एक विवि की कई शाखाएं खोलनी चाहिए ताकि सबको इसका लाभ मिल सके।
प्रो एन लक्ष्मी ने नैनो टेक्नोलोजी पर नई संभावनाओं पर प्रजेन्टेशन दिया। इस सत्र का संयोजन प्रो संजय लोढा ने किया। जनजाति विवि के कुलपति डा टीसी डामोर की अध्यक्षता में आयोजित सत्र में प्रो एन एस राठौर, प्रो एसएनएस जाफरी, प्रो एसके कटारिया तथा प्रो पीपीआर व्यास ने विचार व्यक्त किए।
समापन सत्र सुखाडिया विवि के बायोटेक्नोलोजी सभागार में हुआ जहां ओपन सत्र में सभी कुलपतियों का अभिनन्दन किया गया। इस आयोजन के संयोजक प्रो पीआर व्यास तथा आयोजन सचिव प्रो प्रदीप त्रिखा ने पूरे आयोजन का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस आयोजन में सभी कुलपतियों ने उदयपुर घोषणा पत्र भी तैयार किया तथा इसके लिए विभिन्न सुझाव भी दिए।
इस घोषणा पत्र के सुझावों को शामिल करते हुए शीघ्र ही अन्तिम रुप दिया जाएगा। समापन अवसर पर सभी कुलपतियों ने विवि परिसर में पौधारोपण भी किया।
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