रंगारंग प्रस्तुतियों से लोकानुरंजन मेले का शुभारम्भ


रंगारंग प्रस्तुतियों से लोकानुरंजन मेले का शुभारम्भ

कार्यकम की प्रस्तुतियों का आगाज मुबारिक एण्ड लंगा पार्टी के लोक गीत ‘‘लंगा गायन’’ से हुई तत्पश्चात् गॉधीनगर के प्रसिद्ध लोक कलाकारो ने गुजरात का लोक नृत्य ‘‘गरबा नृत्य’’ प्रस्तुत किया। तेलंगाना के कलाकारों द्वारा ‘‘माधुरी नृत्य’’ की प्रस्तुती देख कर दर्शकों ने खूब तालियॉं बजाई अलवर के उमर फारूख के ‘‘भपंग वादन’’ ने दर्शकों को मंत्र-मुग्ध कर दिया, ‘‘घूमर नृत्य’’-हरियाणा क्षेत्र के कलाकरों की प्रस्तुतियॉं भी अत्यन्त आकर्षक रही मणिपुर के कलाकारों द्वारा ‘‘पुंग चोलम’’ नृत्य को दर्शकों ने बहुत पसन्द किया । बालोतरा के कलाकारों ने ‘‘गैर नृत्य’’ प्रस्तुत किया। पटियाला के कलाकारों ने ‘‘भांगडा’’ नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को नाचने को मज़बूर कर दिया तो राजस्थान के बॉरा के कलाकारों के ‘‘चकरी नृत्य’’ ने भी खूब धमाल मचाई, डींग भरतपुर का ‘‘मयूर नृत्य’’ भी दर्शकों को बहुत भाया, जोधपुऱ के कलाकारों का ‘‘कालबेलिया नृत्य’’ पर दर्शक झुम उठे।

 
रंगारंग प्रस्तुतियों से लोकानुरंजन मेले का शुभारम्भ

भारतीय लोक कला मण्डल के 66वें स्थापना दिवस के अवसर पर दी परफोरमर्स संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय लोकानुरंजन मेला का शुभारम्भ रंगारंग लोक प्रस्तुतियों से हुआ ।

रंगारंग प्रस्तुतियों से लोकानुरंजन मेले का शुभारम्भ

कार्यक्रम के आरम्भ में संस्था के सहायक निदेशक, गोवर्धन समार व मानद सचिव, रियाज तहसीन ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महापौर उदयपुर चन्द्र सिंह कोठारी के साथ संस्थापक पद्मश्री देवीलालजी सामर सा. की प्रतिमा पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रमों की शुरूआत हुई। मुख्य अतिथि कोठारी ने संस्था व स्वर्गीय सामर से उनके लगाव से अवगत् कराया व बताया कि कला मण्डल सिर्फ उदयपुर ही नही अपितु राष्ट्र का गौरव है।

रंगारंग प्रस्तुतियों से लोकानुरंजन मेले का शुभारम्भ

इसके पश्चात् रंगारंग कार्यक्रमो का आरंभ हुआ व कार्यकम की प्रस्तुतियों का आगाज मुबारिक एण्ड लंगा पार्टी के लोक गीत ‘‘लंगा गायन’’ से हुई तत्पश्चात् गॉधीनगर के प्रसिद्ध लोक कलाकारो ने गुजरात का लोक नृत्य ‘‘गरबा नृत्य’’ प्रस्तुत किया। तेलंगाना के कलाकारों द्वारा ‘‘माधुरी नृत्य’’ की प्रस्तुती देख कर दर्शकों ने खूब तालियॉं बजाई अलवर के उमर फारूख के ‘‘भपंग वादन’’ ने दर्शकों को मंत्र-मुग्ध कर दिया, ‘‘घूमर नृत्य’’-हरियाणा क्षेत्र के कलाकरों की प्रस्तुतियॉं भी अत्यन्त आकर्षक रही मणिपुर के कलाकारों द्वारा ‘‘पुंग चोलम’’ नृत्य को दर्शकों ने बहुत पसन्द किया । बालोतरा के कलाकारों ने ‘‘गैर नृत्य’’ प्रस्तुत किया। पटियाला के कलाकारों ने ‘‘भांगडा’’ नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को नाचने को मज़बूर कर दिया तो राजस्थान के बॉरा के कलाकारों के ‘‘चकरी नृत्य’’ ने भी खूब धमाल मचाई, डींग भरतपुर का ‘‘मयूर नृत्य’’ भी दर्शकों को बहुत भाया, जोधपुऱ के कलाकारों का ‘‘कालबेलिया नृत्य’’ पर दर्शक झुम उठे।

रंगारंग प्रस्तुतियों से लोकानुरंजन मेले का शुभारम्भ

अन्त में संस्था के सहायक निदेशक, गोवर्धन सामर ने धन्यवाद ज्ञापित किया और उन्होंने बताया की कल 23 फरवरी शाम को कई अन्य नई प्रस्तुतियॉ लोक कलाकारों के दलों द्वारा प्रस्तुत की जाएगी ।संस्था के मानद सचिव रियाज तहसीन ने संस्था की स्थापना की जानकारी देतेे हुए संस्थापक पद्मश्री देवी लाल सामर के सर्म्पण व कला प्रेम का जिक्र किया व बताया की संस्था के प्रांगण में प्रातः 9 बजे से शिल्पियों ने अपने हाट्स आरम्भ कर दिए, इसमें देश के कई हस्त शिल्पियों ने हाट्स लगाई गई है। संस्था में प्रतिदिन आने वाले देशी-विदेशी दर्शकों ने शिल्पहाट का आनन्द लिया एवं खरीददरी की। यह शिल्पहाट 2 मार्च सायं तक चलती रहेगी।

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