भगवान विष्णु ने देवताओं की रक्षा की, इसलिये मनाया जाता है रक्षाबन्धन


भगवान विष्णु ने देवताओं की रक्षा की, इसलिये मनाया जाता है रक्षाबन्धन

वासुपूज्य स्थित दादावाड़ी में साध्वी नीलांजना श्रीजी ने कहा कि सनातन धर्म में तो राजा बलि के कारण रक्षा बंधन मनाया जाता है। उसका घमंड दूर करने के लिए भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया। आधा पग उसके सर पर रखकर नरक में भेज दिया। भगवान विष्णु ने सभी देवताओं की रक्षा की इसलिए आज का दिन रक्षा बंधन मनाया जाता है। जैन धर्म में लोकोत्तर पर्व के रूप में मनाया जाता है। परमात्मा के जन्म के समय 56 कुंवारियां सूती कर्म करती हैं ताकि उनको नजर न लगे। तीन लोकों का सौंदर्य एक जगह एकत्र हो जाये तो भी परमात्मा का मुकाबला नही कर सकती। वहां ये रक्षा पोटली अभिमंत्रित करती हैं और पंचरत्न की रक्षा पोटली परमात्मा की कलाई पर बांधती हैं।

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भगवान विष्णु ने देवताओं की रक्षा की, इसलिये मनाया जाता है रक्षाबन्धन

वासुपूज्य स्थित दादावाड़ी में साध्वी नीलांजना श्रीजी ने कहा कि सनातन धर्म में तो राजा बलि के कारण रक्षा बंधन मनाया जाता है। उसका घमंड दूर करने के लिए भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया। आधा पग उसके सर पर रखकर नरक में भेज दिया। भगवान विष्णु ने सभी देवताओं की रक्षा की इसलिए आज का दिन रक्षा बंधन मनाया जाता है। जैन धर्म में लोकोत्तर पर्व के रूप में मनाया जाता है। परमात्मा के जन्म के समय 56 कुंवारियां सूती कर्म करती हैं ताकि उनको नजर न लगे। तीन लोकों का सौंदर्य एक जगह एकत्र हो जाये तो भी परमात्मा का मुकाबला नही कर सकती। वहां ये रक्षा पोटली अभिमंत्रित करती हैं और पंचरत्न की रक्षा पोटली परमात्मा की कलाई पर बांधती हैं।

उन्होंने कहा कि अपना रंग ऐसा है जिस पर किसी का भी रंग चढ़ जाता है। साधु के लिए जैन सर्वोपरि है फिर वो भले ही तेरापंथी हो, स्थानकवासी हो या बाइसपंथी, ये सब तमगे तो सिर्फ अपनी अपनी क्रियाएं करने के लिए है। साधु तो सिर्फ भावना का भूखा है। उसे कोई मिठाई नही चाहिए। एक घर में एक दिन में एक बार ही जा सकते हैं। गोचरी के लिए जाते हैं तब यही देखा जाता है कि साफ सफाई से बनाया है, देख भाल कर बनाया है और सबसे बड़ी बात की भावना से दे रहा है। कई श्रावक श्राविकाएं तो इतने भाव से देते हैं कि ये ले लो, ये ले लो। हमारे लिए तो वो माता पिता के समान हैं। सूर्य नियमित चलता है, चंद्रमा का आना नियमित है, मर्यादा में रहते हैं।

सचिव प्रतापसिंह चेलावत ने बताया कि रविवार 13 अगस्त को जैना व्रत का आयोजन किया जाएगा जिसमें श्रावक श्राविकाएं उपासरे में पूरे दिन सामायिक में रहेंगे।

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