कत्थक एवं ऑडिसी नृत्य के साथ महाराणा कुम्भा संगीत समारोह सम्पन्न
मुबंई की रमिन्दर खुराना ने ओडिसी नृत्य की शुरूआत विष्णु वंदना से की। तत्पश्चात इन्होंने राग सिंगेन्द्रम पर आधारित शुद्ध नृत्य के एक भाग पल्लवी की प्रस्तुति दी तो श्रोताओं ने दांतो तले उंगली दबा ली।दूसरे सत्र में दिल्ली के रचना यादव कत्थक स्टूडियों की ओर से रचना यादव एण्ड ग्रुप ने कत्थक की प्रस्तुति दी। रचना यादव ने गणेश स्तुति से कार्यक्रम की शुरूआत की।समारोह में देश की मशहूर कत्थक नृत्यांगना श्रीमती रचना यादव को निरन्जन नाथ आचार्य स्मृति पुरस्कार“ से अतिथियों ने सम्मानित किया।
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महाराणा कुंभा संगीत परिषद द्वारा आयोजित अखिल भारतीय तीन दिवसीय 55वां वार्षिक महाराणा कुंभा संगीत समारोह ओडिसी नृतय एवं कत्थक की प्रस्तुतियों के साथ आज मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय के विवेकानन्द सभागार में सम्पन्न हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. उमाशंकर शर्मा, मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जे.पी.शर्मा,विशिष्ठ अतिथि रोटरी क्लब उदयपुर के अध्यक्ष मानिक नाहर, सचिव अनिल छाजेड़, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महेन्द्र नागदा थे जबकि अध्यक्षता पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक फुरकान खान ने की।
raminder khanna
मुबंई की रमिन्दर खुराना ने ओडिसी नृत्य की शुरूआत विष्णु वंदना से की। तत्पश्चात इन्होंने राग सिंगेन्द्रम पर आधारित शुद्ध नृत्य के एक भाग पल्लवी की प्रस्तुति दी तो श्रोताओं ने दांतो तले उंगली दबा ली। रमिन्दर खुराना ने नागेन्द्र हराय त्रिलोचनाय.. बोल के साथ शिव स्तुति की तो श्रोताओं ने तालियों की भरपूर दाद दी। इनके साथ मृदंग पर रोहन दहाले, गायन में जतिन साहू एवं बांसुरी पर दीपल मेहता ने संगत की तो ओडिसी नृत्य देखते ही बना। दर्शकों को वर्षो बाद ओडिसी नृत्य देखने को मिला तो एक टक उसे देखते ही रह गये।
rachna yadav
दूसरे सत्र में दिल्ली के रचना यादव कत्थक स्टूडियों की ओर से रचना यादव एण्ड ग्रुप ने कत्थक की प्रस्तुति दी। रचना यादव ने गणेश स्तुति से कार्यक्रम की शुरूआत की। इसके बाद इन्होंने दुर्गा की प्रस्तुति में जो नृत्य प्रस्तुत किया उसे दर्शक देखते ही रह गये। दुर्गा के बाद इन्होंने स्वराह पर एक प्रस्तुति दी जिसमें इन्होंने यह दिखानें का प्रयास किया कि व्यक्ति किस प्रकार जीवन में अपनी राह चुनें। एकान्त में चलने वाला व्यक्ति लोगों के साथ रिश्तें बनाता-तोड़ता है। इस बीच वह एक मशीन बन जाता है। इस बीच वह अपने जीवन में रंग भर कर उसका आनन्द उठाता है लेकिन सभी थक हार कर वह पुनः एकान्त ही चलने लगता है।
इनके साथ नृत्य में श्वेता मिश्रा, आशीष कत्थक, मीनू गारू, रोहित पंवार, सायरा खन्ना, वैदेही ओबेरॉय ने सहयोग किया। कत्थक की रचना स्वंय रचना यादव ने की जबकि संगीत की रचना पं. राजन-साजन मिश्र की बंदिश को समीउल्लाह खान ने की। स्वराह की संगीत रचना समीउल्लाह खान के साथ सुष्मित सेन ने की। इनके साथ तबले पर किशोर गंगानी,पखावज पर महावीर गंगानी, गायन में सिराज अहमद, सारंगी पर आमिर खान, प्रकाश सज्जा के रूप में गोविन्दसिंह यादव एवं ध्वनि पर वरूण गुप्ता ने सहयोग दिया।
समारोह में देश की मशहूर कत्थक नृत्यांगना श्रीमती रचना यादव को निरन्जन नाथ आचार्य स्मृति पुरस्कार“ से अतिथियों ने सम्मानित किया।
प्रारम्भ में मानद सचिव डॉ. यशवन्तसिंह कोठोरी ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर गज़ल गायक डॉ. प्रेम भण्डारी, पी पी चटरा,पुष्पा कोठारी,महादेव दमानी,डी.पी.धाकड़,सुशील दशोरा,देवेन्द्र हिरण,डॉ. लोकेश जैन सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद थे।
इस समारोह को कला एवं संस्कृति विभाग केन्द्र सरकार, राजस्थान सरकार, वेदान्ता-हिन्दुस्तान जिंक, स्टेट बैक ऑफ इण्डिया, आर.एस.एम.एम., सिंघल फाउण्डेशन, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र आदि सहित नगर के कई प्रतिष्ठानों का सहयोग मिल रहा है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. लोकेश जैन ने किया।
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