महाराणा मेवाड़ सम्मान यतीन्द्र मिश्रा को, मोती मीणा को राणा पूंजा सम्मान
महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के 35वें वार्षिक सम्मान समर्पण समारोह 2017 के राज्यस्तरीय अलंकरणों की घोषणा की गई। आगामी 5 मार्च, 2017, रविवार सायं 4 बजे फाउण्डेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी श्रीजी अरविन्द सिंह जी मेवाड़ सिटी पैलेस प्रांगण उदयपुर म
महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के 35वें वार्षिक सम्मान समर्पण समारोह 2017 के राज्यस्तरीय अलंकरणों की घोषणा की गई। आगामी 5 मार्च, 2017, रविवार सायं 4 बजे फाउण्डेशन के अध्यक्ष एवं प्रबंध न्यासी श्रीजी अरविन्द सिंह जी मेवाड़ सिटी पैलेस प्रांगण उदयपुर में आयोजित विशेष समारोह में राज्य की इन विभूतियों को अलंकृत करेंगे।
महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर अपने लक्ष्य एवं उद्देश्यों के अनुरूप अब तक 34 वार्षिक सम्मान समारोहों के तहत 4191 देश-विदेश के विभिन्न क्षेत्रों की विभूतियों एवं मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित कर चुका है।
महाराणा मेवाड़ फाउण्डेशन 35वें वार्षिक सम्मान समर्पण समारोह के संयोजक डॉ. मयंक गुप्ता ने बताया कि फाउण्डेशन द्वारा राज्य स्तर पर दिये जाने वाले अलंकरणों के अन्तर्गत इस वर्ष समाज में शैक्षिक, चारित्रिक, नैतिक, सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान हेतु दी जाने वाली स्थायी मूल्य की सेवाओं के तहत दिया जाने वाला ‘‘महाराणा मेवाड़ सम्मान‘‘ अयोध्या के यतीन्द्र मोहन प्रताप मिश्रा, उदयपुर के मास्टर वारन्ट ऑफिसर कन्हैयालाल राव एवं पदम् श्री श्रीमती गुलाबो सपेरा को प्रदान किया जावेगा। श्री मिश्रा को साहित्य जगत में प्रदान की गई विशिष्ट सेवाओं के लिए, श्री राव को भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास का लेखन कर युवा दिलों में सेना के प्रति आदर उत्पन्न करने के उपलक्ष में तथा श्रीमती गुलाबो को राजस्थान की कला एवं संस्कृति को देश ही नहीं विदेशों में आदर दिलाने में उल्लेखनीय योगदान हेतु प्रदान किया जाएगा।
संयोजक गुप्ता ने बताया कि फाउण्डेशन द्वारा दिये जाने वाले राज्यस्तरीय अन्य अलंकरणों के तहत ज्योतिष एवं वेद विज्ञान में श्रेष्ठ योगदान के लिये जयपुर निवासी प्रोफेसर रमाकान्त पाण्डेय एवं डॉ. लता श्रीमाली को ‘‘महर्षि हारीत राशि सम्मान‘‘ प्रदान किया जाएगा। वैदिक संस्कृति एवं संस्कृत साधना के संरक्षण एवं संवद्र्धन में अभूतपूर्व सेवाओं के लिए संस्कृत के प्रकाण्ड पंडित प्रो. रमाकान्त पाण्डेय तथा इनके साथ ही भारतीय संस्कृति को जीवंत रखते हुए समाज को वैदिक संस्कृति से जोडऩे हेतु वेद विज्ञान एवं ज्योतिष अध्ययन के माध्यम से समाजसेवा करने वाली डॉ. श्रीमाली अपनी सटीक गणितीय गणनाओं से जन-जन को लाभान्वित करती रहती हैं।
भारतीय संस्कृति, साहित्य व इतिहास के क्षेत्र में दिये जाने वाले ’’महाराणा कुम्भा सम्मान‘‘ के तहत इतिहास के क्षेत्र मेंं झालावाड़ के इतिहासकार ललित शर्मा को शोधपूर्ण लेखन हेतु तथा चित्तौडग़ढ़ के महाराणा प्रताप राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की प्राध्यापक डॉ. मलिका बोहरा को डूँगरपुर राज्य की भित्ति चित्रांकन एवं 18वीं सदी की स्थापत्यकला के शोधपूर्ण लेखन हेतु प्रदान किया जाएगा। फाउण्डेशन द्वारा ललित कला के क्षेत्र में दिया जाने वाला ’’महाराणा सज्जनसिंह सम्मान‘‘ कला के क्षेत्र में अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान का नाम रोशन करने वाले जयपुर निवासी गोपाल स्वामी खेतांची एवं राम स्वरूप शर्मा को प्रदान किया जाएगा। श्री खेतांची ऑयल रंगों के साथ राजस्थानी संस्कृति को केनवास पर बहुत ही खूबसूरती के साथ उतारने में सिद्धहस्त है तो वहीं श्री शर्मा लकड़ी पर महिन तारकशी कार्य के लिए जाने माने कलाकार है।
संगीत के क्षेत्र में दिया जाने वाला ‘‘डागर घराना सम्मान’’ इस वर्ष भारत के प्रख्यात गजल गायक उस्ताद अहमद हुसैन एवं उस्ताद मोहम्मद हुसैन को भारतीय गजल गायकी के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित करने हेतु अलंकृत किया जाएगा।
आदिवासी समाज के उत्थान के लिए दिया जाने वाला ‘‘राणा पूंजा सम्मान’’ इस वर्ष मेवाड़ के आदिवासी अंचल उदयपुर जिले के सलूम्बर के बेड़ावल व आसपास के ग्रामों में आदिवासी परिवारों को स्वास्थ्य, कन्या शिक्षा के प्रति अलख जगाने वाली श्रीमती मोती मीणा को प्रदान किया जाएगा।
फाउण्डेशन द्वारा राज्य के खिलाडिय़ों को दिये जाने वाले ’’अरावली सम्मान’’ से उदयपुर जिले के अन्तरराष्ट्रीय वॉलीबाल खिलाड़ी दिलीप खोईवाल एवं सुरेश खोईवाल को सम्मानित किया जाएगा। इन अलंकरणों से सम्मानित होने वाली विभूतियों को इक्यावन हजार एक रू., तोरण, शॉल एवं प्रशस्तिपत्र भेंट किये जायेंगे।
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