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कई अनेक नए रूप में निखारा जा सकता है सभा शिरोमणी का दरीखाना

यहां ऐतिहासिक सिटी पैलेस स्थित संग्रहालय के प्रवेश द्वार के नजदीक बना सभा शिरोमणी का दरीखाना को एक नए ढंग से एवं उसकी संपूर्ण धरोहर से बिना छेड़छाड़ किए अत्याधिक आकर्षक एवं पर्यटकों के लिए रूचिकर बनाने हेतु शहर के निजी वास्तु एवं आंतरिक सज्जा के क्षेत्र में कार्यरत शैक्षणिक संस्था ‘वर्व’ ने महत्वपूर्ण सुझाव महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन को प्रेषित किए है।

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कई अनेक नए रूप में निखारा जा सकता है सभा शिरोमणी का दरीखाना

यहां ऐतिहासिक सिटी पैलेस स्थित संग्रहालय के प्रवेश द्वार के नजदीक बना सभा शिरोमणी का दरीखाना को एक नए ढंग से एवं उसकी संपूर्ण धरोहर से बिना छेड़छाड़ किए अत्याधिक आकर्षक एवं पर्यटकों के लिए रूचिकर बनाने हेतु शहर के निजी वास्तु एवं आंतरिक सज्जा के क्षेत्र में कार्यरत शैक्षणिक संस्था ‘वर्व’ ने महत्वपूर्ण सुझाव महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन को प्रेषित किए है।

संस्थान के प्राचार्य गौरव सिंघवी ने बताया कि हाल ही में संस्थान के विद्यार्थियों ने सिटी पैलेस संग्रहालय के सभा शिरोमणी का दरीखाना में तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित कर वहां की वास्तु को और अधिक निखारने तथा उक्त जगह का संग्रहालय के हित एवं पर्यटकों के लिए कैसे उपयोग हो, इसकी जानकारी जुटाई। संस्था के विद्यार्थियों ने वहां ऐतिहासिक झरोंखों की अत्यंत सूक्ष्म जालीदार कारीगरी को सहेजने एवं लंबे समय तक वह टिकी रहे, इसका प्रस्ताव बनाया। साथ ही वहां पर बुक स्टॉल, सोवेनियर शॉप के साथ ही एक रेस्टोरेंट बनाने का भी प्रस्ताव दिया, जिसमें मेवाड़ी शैली में पर्यटकों को जमीन पर बैठाकर बाजोट पर जिमाया जा सके। इस रेस्टोरेंट में राजस्थान के पारंपरिक व्यंजन जैसे दाल-बाटी, मक्की की रोटी, केर-सांगरी, बाजरे की रोटी, खिचड़ी एवं दलिया जैसे व्यंजन परोसे जा सकेंगे। यहीं पर उन्होंने एक प्रदर्शनी लगाने का प्रस्ताव दिया जिसमें गार्डन पैलेस स्थित विंटेज कार के मॉडल भी रखे जाने का प्रस्ताव दिया।

कई अनेक नए रूप में निखारा जा सकता है सभा शिरोमणी का दरीखाना

गौरव सिंघवी ने बताया कि सभा शिरोमणी का दरीखाना जहां किसी वक्त महाराणाओं का दरबार लगता था उसे उसी तरह रूबरू रूप भी दिया जा सकता है। जिसके लिए वहां के झरोखों एवं स्तंभों को बिना छेड़छाड़ किए निखारा जा सकता है। यहां पर बैठक एवं पर्दे भी उसी समय जैसे बनाकर सजावट की जा सकती है। संस्थान के विद्यार्थियों ने रात्रि के समय सभा शिरोमणी की विरासत को भव्य बनाने के लिए कम वोल्टेज वाली एलईडी लाईट्स से जगमगाने का प्रस्ताव भी बनाया।

तीन दिवसीय कार्यशाला में विद्यार्थियों ने सिटी पैलेस के ऐतिहासिक स्थलों के अलावा जल एवं विद्युत व्यवस्था के साथ ही भूमिगत मार्गों का भी अध्ययन कर स्केच बनाए। कार्यशाला में महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा, विषय विशेषज्ञ डॉ. शिखा जैन, नरेश प्रजापति ने अन्य विषयों पर जानकारी दी। फाउण्डेशन द्वारा वर्व संस्थान के विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

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